मोहम्मद इकबाल एक कवि, दार्शनिक और राजनेता थे। उन्होने ‘सारे जहां से अच्छा’ गीत बच्चों के लिए लिखा था। सबसे पहले यह रचना 16 अगस्त 1904 को इत्तेहाद नामक साप्ताहिक पत्रिका में प्रकाशित हुई। इसके बाद इकबाल ने इसे अपने बांग – ए – दरा नामक संग्रह में तराना – ए – हिन्द नामक शीर्षक में शामिल किया। यहाँ हिन्द का आशय हिन्दोस्तान यानि तत्कालीन भारत से था। जिसमे आज के पाकिस्तान और बांगलादेश भी शामिल थे। इक़बाल ने 1909 ई. में ‘शिकवा’ की रचना की, जिसमें उन्होंने मुसलमानों के ख़राब आर्थिक हालात की ख़ुदा से शिकायत की है।उनकी अधिकांश रचनाएँ फ़ारसी में हैं। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको मोहम्मद इकबाल की जीवनी – Muhammad Iqbal Biography Hindi के बारे में बताएगे।
मोहम्मद इकबाल की जीवनी – Muhammad Iqbal Biography Hindi
जन्म
मोहम्मद इकबाल का जन्म 9 नवंबर 1877 को पंजाब के सियालकोट (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता का नाम शेख़ नूर मोहम्मद था तथा उनकी माता का नाम इमाम बीबी था।उनके पिता पेशे से एक दर्जी थे। औपचारिक रूप से वे शिक्षित भी नहीं थे, लेकिन स्वभाव से ये बहुत ही धार्मिक व्यक्ति थे। इक़बाल की माँ बहुत ही विनम्र स्वभाव की महिला थीं। ये हमेशा ही ग़रीबों तथा अपने पड़ोसियों की मदद और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहती थीं। 9 नवम्बर, 1914 ई. को इमाम बीबी को निधन सियोलकोट में हो गया। मोहम्मद इक़बाल ने तीन विवाह किये थे। इनका पहला विवाह करीम बीबी के साथ हुआ, जो एक गुजराती चिकित्सक ख़ान बहादुर अता मोहम्मद ख़ान की पुत्री थीं। इससे इक़बाल एक पुत्री मिराज बेगम और पुत्र आफ़ताब इक़बाल के पिता बनें। इसके बाद इक़बाल ने दूसरा विवाह सरदार बेगम के साथ किया, इससे उन्हें पुत्र जाविद इक़बाल की प्राप्ति हुई। दिसम्बर 1914 में इक़बाल ने तीसरा विवाह मुख़्तार बेगम के साथ किया।
शिक्षा
मोहम्मद इकबाल ने सरकारी कॉलेज, लाहौर में शिक्षा प्राप्त की। 1905 से 1908 तक उन्होने यूरोप में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से दर्शन में अपनी डिग्री अर्जित की इसके बाद उन्होने लंदन में बैरिस्टर के रूप में योग्यता प्राप्त की, और म्यूनिख विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट प्राप्त की। उनकी थीसिस, फारस में मेटाफिजिक्स के विकास ने पहले यूरोप में अज्ञात इस्लामी रहस्यवाद के कुछ पहलुओं को बताया।
योगदान
भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले इक़बाल ने ही उठाया था। 1930 में उन्हीं के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने सबसे पहले भारत के विभाजन की माँग उठाई। इसके बाद उन्होंने मुहम्मद अली जिन्ना को भी मुस्लिम लीग में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उनके साथ पाकिस्तान की स्थापना के लिए काम किया।
कृतियाँ
उन्होने ‘सारे जहां से अच्छा’ गीत बच्चों के लिए लिखा था। सबसे पहले यह रचना 16 अगस्त 1904 को इत्तेहाद नामक साप्ताहिक पत्रिका में प्रकाशित हुई। इसके बाद इकबाल ने इसे अपने बांग – ए – दरा नामक संग्रह में तराना – ए – हिन्द नामक शीर्षक में शामिल किया। यहाँ हिन्द का आशय हिन्दोस्तान यानि तत्कालीन भारत से था। जिसमे आज के पाकिस्तान और बांगलादेश भी शामिल थे। इक़बाल ने 1909 ई. में ‘शिकवा’ की रचना की, जिसमें उन्होंने मुसलमानों के ख़राब आर्थिक हालात की ख़ुदा से शिकायत की है।उनकी अधिकांश रचनाएँ फ़ारसी में हैं। फ़ारसी में लिखी इनकी शायरी ईरान और अफ़ग़ानिस्तान में बहुत प्रसिद्ध है, जहाँ इन्हें इक़बाल-ए-लाहौर कहा जाता है। इन्होंने इस्लाम के धार्मिक और राजनैतिक दर्शन पर काफ़ी लिखा है।
राष्ट्रकवि
उन्हें पाकिस्तान में राष्ट्रकवि माना जाता है। उन्हें अलामा इक़बाल (विद्वान इक़बाल), मुफ्फकिर-ए-पाकिस्तान (पाकिस्तान का विचारक), शायर-ए-मशरीक़ (पूरब का शायर) और हकीम-उल-उम्मत (उम्मा का विद्वान) भी कहा जाता है।
उनकी पहली कविता किताब, द सेक्रेट्स ऑफ द सेल्फ, 1915 में फारसी भाषा में दिखाई दी, और कविता की अन्य पुस्तकों में द सेक्रेट्स ऑफ सेल्लेसनेस, द मैसेज ऑफ़ द ईस्ट एंड फारसी स्तोत्र शामिल हैं। इनमें से, उनके सबसे प्रसिद्ध उर्दू काम द कॉल ऑफ़ द मार्चिंग बेल, गेब्रियल विंग, मूसा की रॉड और हिजाज से उपहार का एक हिस्सा हैं। अपने उर्दू और फारसी कविता के साथ, उनके उर्दू और अंग्रेजी व्याख्यान और पत्र सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक विवादों में बहुत प्रभावशाली रहे हैं।
मृत्यु
मोहम्मद इक़बाल की मृत्यु 60 की आयु में 21 अप्रैल, 1938 को लाहौर, पंजाब, भारत में हुई।