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मुरली मनोहर जोशी की जीवनी – Murli Manohar Joshi Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको मुरली मनोहर जोशी की जीवनी – Murli Manohar Joshi Biography Hindi के बारे में बताएगे।

मुरली मनोहर जोशी की जीवनी – Murli Manohar Joshi Biography Hindi

मुरली मनोहर जोशी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक है।

वे 1954 से 1977 तक एबीवीपी और भारतीय जनसंघ में विभिन्न पदों पर रहे।

उन्हे 1977 में छठी लोकसभा के ;लिए चुना गया। मुरली मनोहर जोशी 1980 में भाजपा के संस्थाप्क महासचिव बने।

1991 से 1993 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे। वे 1998 -99 और 1999 – 2004 तक मानव संसाधन विकास मंत्री रहे।

पिछली लोकसभा में व कानपुर से चुने गए।

जोशी जी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिकी विज्ञान के प्रोफेसर भी रहे।

फिलहाल वे सक्रिय राजनीति से दूर अपना जीवन बिता रहे हैं।

जन्म

मुरली मनोहर जोशी का जन्म 5 जनवरी 1934 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री मनमोहन जोशी तथा उनकी माता का नाम श्रीमती चंद्रावती जोशी था।

उनकी पत्नी का नाम तरला जोशी है। उनकी दो बेटी है जिनका नाम निवेदिता जोशी और प्रियंवदा जोशी है।

शिक्षा – मुरली मनोहर जोशी की जीवनी

मुरली मनोहर जोशी ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अल्मोड़ा उतराखंड से प्राप्त की। इसके बाद उन्होने स्‍नातक डिग्री मेरठ कॉलेज तथा स्‍नातकोत्‍तर डिग्री इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से प्राप्‍त की।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ही उन्‍होंने डॉक्‍टरेट की उपाधि भी प्राप्‍त की, उन्‍होंने भौतिकी में शोध कार्य किया और इस शोध कार्य को हिंदी में प्रकाशित किया।

करियर

अपनी युवावस्‍था में डॉ. जोशी राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ से जुड़ गए और गौ रक्षा संबंधी आंदोलनों में भागीदारी की। 1980 में डॉ. जोशी ने भारतीय जनता पार्टी की स्‍थापना में अपना सहयोग दिया और इसके अध्‍यक्ष बनें।

जोशी जी तीन बार इलाहाबाद के विधायक रहे। और इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनावों में उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा। 15वीं लोकसभा में उन्‍होंने वाराणसी से बीजेपी उम्‍मीदवार के रूप में जीत दर्ज की।

1996 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार 13 दिनों के लिए बनी थी, उस दौरान डॉ. जोशी ने गृह मंत्री का पदभार संभाला था। 15वीं लोकसभा के कार्यकाल में 1 मई 2010 को उन्‍हें लोक लेखांकन समिति का अध्‍यक्ष बनाया गया।

पुरस्कार – मुरली मनोहर जोशी की जीवनी

2017 में मुरली मनोहर जोशी  को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

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