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एन. आर. नारायणमूर्ति की जीवनी – N. R. Narayana Murthy Biography

आज इस आर्टिकल में हम आपको एन. आर. नारायणमूर्ति की जीवनी – N. R. Narayana Murthy Biography Hindi के बारे में बताएगे।

एन. आर. नारायणमूर्ति की जीवनी – N. R. Narayana Murthy Biography Hindi

एन आर नारायणमूर्ति इन्फोसिस के संस्थापक है।

उन्होने अपने करियर की शुरुवात अहमदाबाद में IIM का चीफ सिस्टम प्रोग्रामर बनकर की। नारायण मूर्ति और उनके जैसे ही छह सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स ने 1981 में इन्फोसिस की स्थापना की, जिसमे उस समय उन्होंने अपनी कंपनी में 10000 रुपयों की पूँजी लगायी थी, यह पूँजी उन्हें उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने दी थी।1981 से 2002 तक उन्होने इन्फोसिस के सीईओ और 2002 से 2011 तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। भारत में आउटसोर्सिंग में उनके योगदान के कारण टाइम पत्रिका द्वारा उन्हें “भारतीय आईटी क्षेत्र के पिता” के रूप में वर्णित किया गया है।

आज इसके कर्मचारियों की संख्या 50 हजार से अधिक है और 12 देशों में इसकी शाखाएँ है।

अभी इस कफ़नी की नेटवर्थ 2.7 लाख करोड़ रुपए है।

नारायणमूर्ति को पद्म भूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।

जन्म

एन आर नारायणमूर्ति का जन्म 20 अगस्त 1946 को सिद्लाघत्ता ग्राम , कोलर जिला ( चिकबबलपुरा जिला), कर्नाटक में हुआ था।

उनका पूरा नाम नागवार रामाराव नारायण मूर्ति है।

नारायण मूर्ति के पिता का नाम नागावार रामाराव था जो हाई स्कूल में टीचर थे जिसमे वो गणित और जीव विज्ञान पढ़ाते थे।

उनकी पत्नी का नाम सुधा मूर्ति उर्फ़ कुलकर्णी है।

उनके दो बच्चे है जिनका नाम बेटा रोहन और बेटी अक्षता मूर्ति है।

सुधा मूर्ति एक सोशल वर्कर और लेखिका है।

शिक्षा – एन. आर. नारायणमूर्ति की जीवनी

एन आर नारायणमूर्ति ने प्रारंभिक स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, वे इंडियन इंस्टिट्यूट और टेक्नोलॉजी की परीक्षा देने गये लेकिन उसमे वे किसी कारण से उपस्थित नही हो सके। बाद में वहा जाने की बजाये वे नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग में दाखिल हुए और 1967 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में उन्होंने ग्रेजुएशन में डिग्री प्राप्त की।

1969 में उन्होंने कानपूर के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से मास्टर डिग्री भी प्राप्त कर ली।

करियर

1981 से 2006 तक

2006 से 2015 तक

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लोगों के लिए बने आदर्श

मुंबई के एक अपार्टमेंट में शुरू हुई एक कंपनी की प्रगति की कहानी आज सारी दुनिया जानती है।

इन्फोसिस की स्थापना करने के बाद उसके विकास में उनके सभी साथियों ने काफी मनेहत की थी।

उन सभी साथियों की कड़ी महेनत रंग लाई और बाद में इन्फोसिस पब्लिक लिमिटेड कंपनी में परिवर्तित हो गयी।

1999 में कंपनी ने एक नया इतिहास रचा जब इसके शेयर अमेरिकी शेयर बाज़ार NASDAQ में रजिस्टर हुए।

इन्फोसिस में काम करते हुए भारत में आईटी क्षेत्र का विकास करने के उद्देश से मूर्ति में काफी मॉडल्स का विकास किया और उन्हें नए तरह से डिजाईन भी किया।

उनके अथक प्रयासों से भारतीय आईटी उद्योग ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई।

उन्होंने भारत सरकार के बहोत से कामो में भी सहायता की।

इसके साथ ही बहोत से एशियाई देशो के वे आईटी सलाहकार भी है।

सन 2005 में नारायण मूर्ति को विश्व का आठवा सबसे बहेतरीन प्रबंधक चुना गया।

आज एन. आर. नारायण मूर्ति अनेक लोगो के आदर्श है।

लोगो का ऐसा कहना है की उन्होंने जो भी कुछ कमाया है वह मूर्ति की कंपनी इन्फोसिस के शेयरों की बदौलत और उन्होंने अपनी सारी कमाई इन्फोसिस को ही दान कर दी।

स्थानिक लोग तो नारायण मूर्ति को भगवान् की तरह पूजते है।

उन्हें पद्म श्री, पद्म विभूषण और ऑफिसर ऑफ़ द लेजियन ऑफ़ ऑनर – फ्रांस सरकार, के सम्मानों से अलंकृत किया है।

विचार

पुरस्कार और  सम्मान – एन. आर. नारायणमूर्ति की जीवनी

भारत सरकार ने भारतीय आईटी क्षेत्र में उनके अतुल्य योगदान के लिये उन्हें पद्म विभूषण और पद्म श्री से नवाजा।

उनको मिले पुरस्कार इस प्रकार है –

पुस्तक

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