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नेपोलियन की जीवनी – Napoleon Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको नेपोलियन की जीवनी – Napoleon Biography Hindi के बारे में बताएगे।

नेपोलियन की जीवनी – Napoleon Biography Hindi

नेपोलियन की जीवनी
नेपोलियन की जीवनी

 

Napoleon Bonaparte विश्व के सबसे महान सेनापतियों तथा एक फ़्राँसीसी सैन्य अधिकारी और राजनीतिक नेता था।

उन्होने 5 साल तक प्रथम कांसल के रूप में शासन किया और 18 मई सन 1804 से 6 अप्रैल सन 1814 तक सम्राट रहे।

 

जन्म – नेपोलियन की जीवनी

नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त 1769 को कोर्सिका, फ़्राँस में भूमध्य सागर के प्रायद्वीप में हुआ था।

Napoleon का पूरा नाम Napoleon Bonaparte था।

उनके पिता का नाम कार्लो बोनापार्ट तथा उनकी माता का नाम लेटीजिए रमोलिनो था।

उनके पिता फ्रांस के राजा के दरबार में कोर्सिका द्दीप से प्रतिनिधि थे।

नेपोलियन की पहली पत्नी का नाम ‘जोसेफ़िन’ था लेकिन उनसे उन्हे कोई संतान नहीं हुई।

इसके बाद उन्होने ऑस्ट्रिया के सम्राट की पुत्री ‘मैरी लुईस’ से दूसरा विवाह किया, जिससे उसे संतान प्राप्ती हुई।

शिक्षा और करियर

उसने बीयेंन और पेरिस के सैन्य स्कूलों से शिक्षा प्राप्त की थी। नेपोलियन 16 साल का हुआ तब सेना के उच्च विभाग में नियुक्ति के लिए नेपोलियन का साक्षात्कार लिया गया।

इसके बाद नेपोलियन बोनापार्ट साल 1786 में कोर्सिका आ गए, इसके 3 साल बाद साल 1789 में फ्रांस की लोकतांत्रिक क्रांति हो गई, इस विद्रोह का मकसद फ्रांस की राजशाही को पूरी तरह खत्म कर लोकतंत्र की स्थापना करना था, वहीं फ्रांस के विद्रोह 1799 तक चला।

फ्रांस के विद्रोह के समय वे फिर से फ्रांस आ गए जहां उनकी सैन्य प्रतिभा को देखते हुए उन्हें विद्रोही सेना की एक टुकड़ी का कमांडर बना दिया।

इसके बाद साल 1793 में जब इंग्लैंड की सेना से फ्रांस के टाउलुन शहर पर कब्जा कर लिया तो नेपोलियन को अंग्रेजों को बाहर निकालकर जीतने की जिम्मेदारी दी गई, जिसके बाद उन्होंने अपने अद्भुत युद्द कौशल और अदम्य सैन्य प्रतिभा का प्रदर्शन कर वहां से अंग्रेजों को खदेड़ दिया और जीत हासिल की।उनकी इस अद्भुत जीत से फ्रांस के कई बड़े राजा बेहद प्रभावित हुए और महज 24 साल के नेपोलियन को बिग्रेडियर जनरल बना दिया गया।

वहीं इसके बाद Napoleon Bonaparte साल 1796 में इटली में विजय हासिल कर वहां के बादशाह बन गए, जिससे उनके शौहरत और प्रसिद्दि और भी अधिक बढ़ गई।

इसके बाद साल 1799 में जब फ्रांस की राजधानी पेरिस के हालात बेहद बिगड़ गए थे, जिससे वहां की सरकार जिसे डायरेक्ट्री कहा जाता था, असहाय और कमजोर प़ड़ने लगी थी, ऐसे वक्त में नेपोलियन बोनापार्ट ने अपनी रणनीतिक कौशल से वहां एक नई सरकार की स्थापना की।

इसके बाद उन्होंने फ्रांस की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के साथ वहां कई बड़े परिवर्तन किए साथ ही शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया और लोगों को उनके अधिकार दिलवाए यहीं नहीं उन्होंने फ्रांस की एक ताकतवर सेना भी तैयार की।

फ्रांसासी सम्राज्य का विस्तार

फ्रांस के इस महान बादशाह नेपोलियन ने साल 1805 में अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई जीती, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और रुस की विशाल सेनाओं को अपने रणनीतिक कौशल से पराजित कर दिया।

इस विद्रोह में नेपोलियन ने दुश्मन के करीब 26 हजार सैनिकों को मार गिराकर अपनी बहादुरी का परिचय दिया था।

साल 1805 से लेकर साल 1811 तक इस बेताज बादशाह ने हॉलेंड, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया जैसे तमाम बड़े देशों में फ्रांसीसी सम्राज्य का विस्तार कर यूरोप में अपना दबदबा कायम किया।

ब्रिटेन के शांति समझौता नहीं होने पर नेपोलियन ने साल 1812 में ब्रिटेन के व्यापार को पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला लिया और इसकी आर्थिक नाकेबंदी के लिए रुस को राजी करने के लिए रुस की सीमा पर फ्रांस के करीब 6 लाख सैनिक तैनात कर दिए।

लेकिन रुस के मोर्च पर नेपोलियन को कोई खास कामयाबी नहीं मिली बल्कि भयानक सर्दी होने की वजह से नेपोलियन को पीछे हटना पड़ा.

यही नहीं इस दौरान नेपोलियन की भारी सेना भुखमरी का शिकार हो गई, और यहीं से नेपोलियन की बादशाहत बिखरने लगी।

मार्च 1814 में पेरिस का पतन गया। नेपोलियन देश से निर्वासित किये गये। मार्च 1815 में उन्होंने फ्रेच राजधानी पर धावा बोल दिया।

वाटरलू युद्ध से उनके इस शाषन का अंत हो गया। अंग्रेजो में सुदूर एटलान्तिक द्वीप सेंट हेलेना पर बंदी बना दिया गया।

Napoleon के विचार – नेपोलियन की जीवनी

  • अनजानी राहोँ पर वीर ही आगे बढ़ा करते हैं कायर तो परिचित राह पर ही तलवार चमकाते हैं।
  • अवसर के बिना काबिलियत कुछ भी नहीं है।
  • हमेशा एक तस्वीर हज़ार शब्दों के बराबर होती है।
  • एक सिंघासन महज मखमल से ढंकी एक बेंच है।
  • जो अत्याचार पसंद नहीं करते, उनमे से कई ऐसे होते हैं जो अत्याचारी होते हैं।
  • साहस, प्यार के समान है दोनों को आशा रूपी पोषण आवशयकता होती है।
  • एक लीडर आशा का व्यापारी होता है।
  • जितनी मुझे फ्रांस की ज़रुरत नहीं है उससे ज्यदा फ्रांस को मेरी ज़रुरत है।
  • पिरामिडों की इन ऊंचाइयों से चालीस सदियाँ हमे देख रही है।
  • जिसे जीत लिए जाने का भय होता है उसकी हार निश्चित होती है।
  • वो जो प्रशंशा करना जानता है, अपमानित करना भी जानता है।
  • ये कारण है , ना कि मौत ,जो किसी को शहीद बनाता है।
  • असंभव शब्द सिर्फ बेवकूफों के शब्दकोष में पाया जाता है।
  • मरने की तुलना में कष्ट सहने के लिए ज्यादा साहस चाहिए होता है।
  • सम्पन्नता धन के कब्जे में नहीं उसके उपयोग में है।
  • आमतौर पर सिपाही लड़ाइयाँ जीतते हैं; सेनापति उसका श्रेय ले जाते हैं।
  • संविधान छोटा और अस्पष्ट होना चाहिए।
  • कोई व्यक्ति अपने अधिकारों से ज्यादा अपने हितों के लिए लडेगा।
  • एक सच्चा आदमी किसी से नफरत नहीं करता।
  • सारे धर्म इंसानों द्वारा बनाये गए हैं।
  • एक सेना अपने पेट के बल पर आगे बढती है।
  • मैंने अपने सभी सेनापति कीचड से बनाये हैं।
  • कल्पना दुनिया पर शासन करती है।
  • जीत उसे मिलती है जो सबसे दृढ रहता है।
  • एक सिपाही एक रंगीन रिबन के लिए दिलो जान से लडेगा।
  • धर्म आम लोगों को शांत रखने का एक उत्कृष्ट साधन है।
  • सम्पन्नता धन के कब्जे मैं नहीं उसके उपयोग में है।
  • निर्धन रहने का एक पक्का तरीका है कि ईमानदार रहिये।

मृत्यु

Napoleon की मृत्यु 5 मई 1821 को हुई।

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Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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