नरेंद्र शर्मा की जीवनी – Narendra sharma Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको नरेंद्र शर्मा की जीवनी – Narendra sharma Biography Hindi के बारे में बताएगे।

नरेंद्र शर्मा की जीवनी – Narendra sharma Biography Hindi

नरेंद्र शर्मा की जीवनी - Narendra sharma Biography Hindi

Narendra sharma हिन्दी के प्रसिद्ध कवि, लेखक, गीतकार एवं सम्पादक थे। उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया।

1934 में अभ्युदय समाचार – पत्र के सम्पादन से जुड़े। उन्होने हिन्दी फिल्मों के गीत लिखे। वे धारावाहिक ‘महाभारत’ के सलाहाकर रहे।

नरेंद्र शर्मा को पद्मभूषण से नवाजे गए।

उन्होने यशोमति मैया से बोले नंदलाला, सत्यम शिवम सुंदरम, ज्योति कलश छलके जैसे कई कालजयी गीत रचे। 1982 में उन्होने एशियन गेम्स का थीम सॉन्ग लिखा। उनके 17 कविता संग्रह, एक कहानी संग्रह, एक जीवनी और अनेक रचनाएँ पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।

जन्म

Narendra sharma का जन्म 28 फरवरी 1913 को उत्तर प्रदेश में खुर्जा के निकट जहाँगीरपुर में हुआ था। उनका पूरा नाम पंडित नरेंद्र शर्मा था।

उनका विवाह 11 मई 1947 को मुम्बई में सुशीला जी से हुआ और परिवार में तीन पुत्रियों व एक पुत्र का जन्म हुआ

शिक्षा

नरेंद्र शर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षाशास्त्र और अंग्रेज़ी में एम.ए. किया।

करियर – नरेंद्र शर्मा की जीवनी

अल्पायु से ही साहित्यिक रचनायें करते हुए नरेन्द्र शर्मा ने 21 वर्ष की आयु में पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा प्रयाग में स्थापित साप्ताहिक “अभ्युदय” से अपनी सम्पादकीय यात्रा आरम्भ की। वे 1934 में अभ्युदय समाचार – पत्र के सम्पादन से जुड़े।

काशी विद्यापीठ में हिन्दी व अंग्रेज़ी काव्य के प्राध्यापक पद पर रहते हुए 1940 में वे ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रशासन विरोधी गतिविधियों के लिये गिरफ़्तार कर लिये गये और 1943 में मुक्त होने तक वाराणसी, आगरा और देवली में विभिन्न कारागारों में शचीन्द्रनाथ सान्याल, सोहनसिंह जोश, जयप्रकाश नारायण और सम्पूर्णानन्द जैसे ख्यातिनामों के साथ नज़रबन्द रहे और 19 दिन तक अनशन भी किया।

जेल से छूटने पर उन्होंने अनेक फ़िल्मों में गीत लिखे और फिर 1953 से आकाशवाणी से जुड़ गये। इस बीच उनका लेखन कार्य निर्बाध चलता रहा। उनके 17 कविता संग्रह, एक कहानी संग्रह, एक जीवनी और अनेक रचनाएँ पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। वे धारावाहिक ‘महाभारत’ के सलाहाकर रहे। नरेंद्र शर्मा को पद्मभूषण  से नवाजे गए।

उन्होने यशोमति मैया से बोले नंदलाला, सत्यम शिवम सुंदरम, ज्योति कलश छलके जैसे कई कालजयी गीत रचे। 1982 में उन्होने एशियन गेम्स का थीम सॉन्ग लिखा।

प्रमुख कृतियाँ

कविता-संग्रह

  • प्रवासी के गीत
  • मिट्टी और फूल
  • अग्निशस्य
  • प्यासा निर्झर
  • मुठ्ठी बंद रहस्य

गीत संग्रह

शूल-फूल -1934 कर्ण-फूल -1936 प्रभात-फेरी -1938
कामिनी -1943 पलाश-वन -1943 हंस माला -1946
रक्तचंदन -1949 कदली-वन -1953 बहुत रात गये -1967
सुवीरा -1973

प्रबंध काव्य

  • मनोकामिनी
  • द्रौपदी
  • उत्तरजय सुवर्णा

काव्य-संयचन – नरेंद्र शर्मा की जीवनी

  • आधुनिक कवि
  • लाल निशान

प्रतिनिधि रचनाएँ

मेरा मन सूरज डूब गया बल्ली भर तुम रत्न-दीप की रूप-शिखा
ज्योति कलश छलके प्रयाग आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे
तुम भी बोलो, क्या दूँ रानी हंस माला चल हर लिया क्यों शैशव नादान
चलो हम दोनों चलें वहां नींद उचट जाती है मेरे गीत बड़े हरियाले
ऐसे हैं सुख सपन हमारे नैना दीवाने एक नहीं माने ज्योति पर्व : ज्योति वंदना
लौ लगाती गीत गाती फटा ट्वीड का नया कोट सुख-सुहाग की दिव्य-ज्योति से
गंगा, बहती हो क्यूँ मधु के दिन मेरे गए बीत माया
वर्षा मंगल पलाश सुख-दुख
आषाढ़ साथी चाँद युग और मैं
जय जयति भारत भारती कुछ भी बन बस कायर मत बन क्या मुझे पहचान लोगी

बाल कविताएँ

  • खिलते और खेलते फूल

अन्य

  • ज्वाला-परचूनी (कहानी-संग्रह, 1942 में ‘कड़वी-मीठी बात’ नाम से प्रकाशित
  • मोहनदास कर्मचंद गांधी:एक प्रेरक जीवनी
  • सांस्कृतिक संक्रांति और संभावना (भाषण

फिल्में

हमारी बात (1943) सत्यम शिवम सुंदरम (1978) आनंदियान (1952) नरसिंह अवतार (1949)
मतवाला शायर (1947) भाभी की चुडियां (1961) मालती माधव (1951) ज्वार भाटा (1944)

पुरस्कार

नरेंद्र शर्मा को पद्मभूषण से नवाजा गया था ।

मृत्यु – नरेंद्र शर्मा की जीवनी

पंडित नरेन्द्र शर्मा की मृत्यु 11 फरवरी 1989 को हृदय-गति रुक जाने से मुम्बई, महाराष्ट्र में हुई थी।

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