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नीलम संजीव रेड्डी की जीवनी – Neelam Sanjeeva Reddy Biography Hindi

आज इस आर्टिकल मेन हम आपको नीलम संजीव रेड्डी की जीवनी – Neelam Sanjeeva Reddy Biography Hindi के बारे में बताएगे।

नीलम संजीव रेड्डी की जीवनी – Neelam Sanjeeva Reddy Biography Hindi

नीलम संजीव रेड्डी की छवि कवि, अनुभवी राजनेता एवं कुशल प्रशासक तथा भारत के छठे राष्ट्रपति थे।

उनका राष्ट्रपति कार्यकाल 1977 से 1982 तक था।

वे भारत के सबसे युवा राष्ट्रपति बने थे।

भारतीय स्वतंत्रता अभियान में उन्होंने भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के साथ अपने विशाल राजनीतिक करियर की शुरुवात की थी।

रेड्डी 1953 में आंध्र प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री बने और 1956 में आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने।

जन्म

नीलम संजीव रेड्डी का जन्म 19 मई, 1913 को इल्लुर ग्राम, अनंतपुर ज़िले में हुआ था जो आंध्र प्रदेश में है।उनके पिता का नाम नीलम चिनप्पा रेड्डी था जो कांग्रेस पार्टी के काफ़ी पुराने कार्यकर्ता और प्रसिद्ध नेता टी. प्रकाशम के साथी थे। नीलम संजीव रेड्डी का विवाह 8 जून, 1935 को नागा रत्नम्मा के साथ सम्पन्न हुआ था। उनके एक पुत्र एवं तीन पुत्रियाँ हैं। पुत्र सुधीर रेड्डी अनंतपुर में सर्जन की हैसियत से अपना स्वतंत्र क्लिनिक पार्टी ऑफ़ इण्डिया के प्रभावशाली नेता रहे हैं और आज़ादी की लड़ाई में यह भी कई बार जेल गए हैं।

शिक्षा

नीलम संजीव रेड्डी की प्राथमिक शिक्षा ‘थियोसोफिकल हाई स्कूल’ अड़यार, मद्रास में पूरी हुई।

इससे आगे की शिक्षा आर्ट्स कॉलेज, अनंतपुर में ग्रहण की।

महात्मा गांधी के आह्वान पर जब लाखों युवा पढ़ाई और नौकरी का त्याग कर स्वाधीनता संग्राम में जुड़ रहे थे, तभी नीलम संजीव रेड्डी मात्र 18 वर्ष की उम्र में ही इस आंदोलन में कूद पड़े थे।

इन्होंने भी पढ़ाई छोड़ दी थी। संजीव रेड्डी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी भाग लिया था।

यह उस समय आकर्षण का केन्द्र बने, जब उन्होंने विद्यार्थी जीवन में सत्याग्रह किया था।

वह युवा कांग्रेस के सदस्य थे। उन्होंने कई राष्ट्रवादी कार्यक्रमों में हिस्सेदारी भी की थी।

इस दौरान इन्हें कई बार जेल की सज़ा भी काटनी पड़ी।

योगदान – नीलम संजीव रेड्डी की जीवनी

महात्मा गाँधी की बातों से प्रभावित होकर उन्होंने अपनी पढाई 1931 में छोड़ दिया और स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़े। उसके बाद वो ‘यूथ लीग’ से जुड़े रहे और विद्यार्थी सत्याग्रह में भाग लिया। 1938 में उनको आंध्र प्रदेश प्रांतीय कांग्रेस समिति का सचिव चुना गया। इस पद पर नीलम संजीव रेड्डी दस साल तक बने रहे। भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान भी ये जेल गए और 1940 से 1945 के बीच जेल में ही रहे। मार्च 1942 में सरकार ने उन्हें छोड़ दिया था पर अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में फिर गिरफ्तार हो गए। उन्हें गिरफ्तार कर अमरावती जेल भेज दिया गया जहाँ उन्हें टी. प्रकाशम्, एस. सत्यमूर्ति, के. कामराज और वी. वी. गिरी जैसे आन्दोलनकारियों के साथ रखा गया।

करियर

1946 से 1967 तक
1967 से 1982 तक

पुस्तक – नीलम संजीव रेड्डी की जीवनी

Without Fear Or Favour: Reminiscences and Reflections of a President – 1989

मृत्यु

नीलम संजीव रेड्डी का निमोनिया के कारण 1 जून 1996 को बैंगलोर नगर में उनका निधन हो गया।

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