आज इस आर्टिकल में हम आपको निर्मला देशपांडे की जीवनी – Nirmala Deshpande Biography Hindi के बारे में बताएगे।
निर्मला देशपांडे की जीवनी – Nirmala Deshpande Biography Hindi
निर्मला देशपांडे गांधीवादी विचारधारा से जुड़ी हुईं प्रसिद्ध महिला सामाजिक कार्यकर्ता तथा साहित्यकार, उपन्यासकर थी।
वे “दीदी” के नाम से विख्यात थीं। निर्मला विनोबा भावे के भूमिदान आंदोलन 1952 में शामिल हुईं।
उन्होंने अपना जीवन साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं, आदिवासियों और अवसर से वंचित लोगों की सेवा में अर्पण कर दिया। उन्हें 2006 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार और पद्म विभूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया।
जन्म
निर्मला देशपांडे का जन्म 19 अक्टूबर 1929 नागपुर, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था।
उनके पिता का नाम पुरुषोत्तम यशवंत देशपांडे तथा उनकी माता का नाम विमला देशपांडे था।
उनके पिता को मराठी साहित्य (अनामिकाची चिंतनिका) में उत्कृष्ट काम के लिए 1962 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था।
शिक्षा – निर्मला देशपांडे की जीवनी
निर्मला देशपांडे ने अपनी शिक्षा वसंतराव नाईक गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज से प्राप्त की
सामाजिक कार्य
निर्मला विनोबा भावे के भूमिदान आंदोलन 1952 में शामिल हुईं।
आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के संदेश को लेकर भारत भर में 40,000 किमी की पदयात्रा की। उन्होंने स्वीकार किया कि गांधीवादी सिद्धांतों का अभ्यास कठिन है, लेकिन उन्हें यह विश्वास था कि पूर्ण लोकतांत्रिक समाज की प्राप्ति के लिए यही एक ही रास्ता है। वे जीवनपर्यन्त सर्वोदय आश्रम टडियांवा से जुडी रहीं।
वे प्रतिभा पाटिल के समान निर्मला देशपांडे नेहरू-गाँधी परिवार के काफ़ी नजदीक रहीं और उनकी प्रबल समर्थक थीं। उन्होने महिला कल्याणार्थ दिल्ली एवं मुम्बई में कार्यकारी महिलाओं के लिए आवासगृह स्थापित किया।
निर्मला को पंजाब और कश्मीर में हिंसा की चरम स्थिति पर शांति मार्च के लिए जाना जाता है। 1994 में कश्मीर में शांति मिशन और 1996 में भारत-पाकिस्तान वार्ता आयोजित करना इनकी दो मुख्य उपलब्धियों में शामिल है।
चीनी दमन के खिलाफ तिब्बतियों की आवाज को बुलंद करना भी इनके दिल के करीब था।
राष्ट्रपति पद के लिए चर्चा
2007 में राष्ट्रपति पद के लिए यूँ तो कई नामों पर चर्चा की गई, लेकिन अन्त में दो नाम रह गए थे, जो यू.पी.ए. और वाम मोर्चा द्वारा अन्तिम रूप से विचारित होने थे। दोनों नाम महिला उम्मीदवारों के थे-एक, गांधीवादी विचारधारा वाली निर्मला देशपांडे और दूसरी, राजस्थान की तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती प्रतिभा पाटिल।
14 जून, 2007 को नाटकीय घटनाक्रम के बाद अन्तत: यू.पी.ए. और वामदलों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम अन्तिम रूप से तय कर लिया। वह नाम राजस्थान की तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती प्रतिभा पाटिल का था।
पुस्तकें – निर्मला देशपांडे की जीवनी
- Katha eka bakuḷaci – 1992
- Vinoba – 1995
- Vinoba – 2002
सम्मान और पुरस्कार
- निर्मला देशपांडे 1997 -2007 तक राज्यसभा में मनोनीत सदस्य रहीं।
- 2007 में हुए भारत के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उनके नाम पर भी विचार किया गया।
- उन्हें 2006 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार और पद्म विभूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया।
- 2005 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए इनकी उम्मीदवारी रखी गई थी।
- 13 अगस्त 2009 को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान सरकार द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सितारा-ए-इम्तियाज़ से सम्मानित किया गया।
मृत्यु
निर्मला देशपांडे का 1 मई 2008 की सुबह नई दिल्ली स्थित आवास पर उनका देहांत हो गया।
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