चिश्ती सम्प्रदाय के चौथे संत निजामुद्दीन औलिया थे. उन्होंने वैराग्य और सहनशीलता की एक मिशाल कायम की. इनके एक बार कहने पर मुगल सेना ने अपना हमला रोक दिया था. इनकी जीवनी का उल्लेख आईन-इ-अकबरी में भी मिलता है. आज हम इसी संत निजामुद्दीन औलिया की जीवनी – Nizamuddin Auliya Biography Hindi के बारे में आपको बताएँगे.
निजामुद्दीन औलिया की जीवनी – Nizamuddin Auliya Biography Hindi
जन्म
निजामुद्दीन औलिया का जन्म सन 1238 ई. बदायूं जिले में हुआ। इनका पूरा नाम ख़्वाजा हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया था. ख़्वाजा हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के पिता का नाम अहमद बदायनी और माता का नाम बीबी ज़ुलेखा था. पांच वर्ष की आयु में इनके पिता की मृत्यु हो गयी और इसके बाद में वो अपनी माता के साथ दिल्ली आ गए.
निजामुद्दीन औलिया के गुरु
ख़्वाजा हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के गुरु सूफ़ी संत फ़रीद्दुद्दीन गंज-इ-शक्कर थे. सूफ़ी संत फ़रीद्दुद्दीन गंज-इ-शक्कर को बाबा फरीद भी कहते थे.
योगदान
ख़्वाजा हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया एक महान चिश्ती सूफी संत थे. सूफी संत होने के साथ साथ वे एक उच्च कोटि के कवि भी थे. उनके द्वारा लिखी होली और फाग आज भी सभी के बीच लोकप्रिय है. अमीर खुसरो के गुरु भी ख़्वाजा हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया ही थे.
उपाधि
- महबूब-ए-इलाही
- सुल्तान-उल-मसहायक
- दस्तगीर-ए-दोजहां
- जग उजियारे
- कुतुब-ए-देहली
निधन
ख़्वाजा हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया का निधन 3 अप्रैल, 1325 में दिल्ली में हुई. इनकी दरगाह निज़ामुद्दीन दरगाह दिल्ली में है.