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ओंकारनाथ श्रीवास्तव की जीवनी – Onkarnath Shrivastava Biography

आज इस आर्टिकल में हम आपको ओंकारनाथ श्रीवास्तव की जीवनी – Onkarnath Shrivastava Biography Hindi के बारे में बताएगे।

ओंकारनाथ श्रीवास्तव की जीवनी – Onkarnath Shrivastava Biography Hindi

ओंकारनाथ श्रीवास्तव कवि, लेखक तथा समाचार प्रसारक थे।

वे 1969 में एक प्रोड्यूसर के तौर पर बीबीसी हिंदी सेवा से जुड़े थे।

उन्होने बीबीसी हिंदी सेवा के उप प्रमुख के रूप में भी कार्य किया।

उन्होंने बीबीसी हिंदी सेवा की भाषा और शैली को गढ़ने में  अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जन्म

ओंकारनाथ श्रीवास्तव का जन्म 1932 में उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था।

उनकी पत्नी  का नाम कीर्ति चौधरी तथा उनकी बेटी का नाम अतिमा श्रीवास्तव हैं।

कीर्ति चौधरी हिंदी की प्रसिद्ध कवयित्री थीं तथा उनकी बेटी अतिमा अंग्रेज़ी की प्रतिष्ठित उपन्यासकार हैं।

अतिमा के दो उपन्यास ‘ट्रांसमिशन’ और ‘लुकिंग फ़ॉर माया’ प्रकाशित हो चुके हैं।

शिक्षा – ओंकारनाथ श्रीवास्तव की जीवनी

ओंकारनाथ श्रीवास्तव ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा रायबरेली से प्राप्त की।

इसके बाद उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।

करियर

ओंकारनाथ श्रीवास्तव 1969 में एक प्रोड्यूसर के तौर पर बीबीसी हिंदी सेवा से जुड़े थे। उन्होने बीबीसी हिंदी सेवा के उप प्रमुख के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने बीबीसी हिंदी सेवा की भाषा और शैली को गढ़ने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। बी.बी.सी. हिंदी सेवा के श्रोताओं ने बार-बार अपने पत्रों में लिखा कि उनके प्रसारण ऐसे जीवंत होते थे मानो वह उनके कमरे में बैठकर बातें कर रहे हों।

बांग्लादेश के जन्म की कहानी हो या इंदिरा गाँधी की हत्या की ख़बर, ओंकारनाथ श्रीवास्तव ने श्रोताओं को वर्षों तक बाँधे रखा और आसान भाषा में रोचक तरीक़े से राजनीति से लेकर विज्ञान तक की गुत्थियाँ खोलीं। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे, लेकिन चंद आख़िरी दिनों को छोड़कर वे लगातार पूरे जोश के साथ काम करते रहे।

रिटायर होने के बावजूद वह प्रसारक के तौर पर हिंदी सेवा के श्रोताओं से जुड़े रहे और उनके अनुभव का लाभ युवा टीम को हमेशा मिलता रहा। उन्हें न सिर्फ़ एक बेहतरीन प्रसारक बल्कि एक भाषाविद् और साहित्यकार के रूप में भी याद रखा जाएगा। हिंदी साहित्य के जानकारों के बीच उनका नाम आदर के साथ लिया जाता था और वह कवि हरिवंश राय बच्चन के सबसे प्रिय शिष्य के तौर पर भी जाने जाते थे।

मृत्यु – ओंकारनाथ श्रीवास्तव की जीवनी

ओंकारनाथ श्रीवास्तव  की मृत्यु 29 नवंबर 2002 को लंदन में दिल का दौरा पड़ने से के कारण हुई थी।

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