प्रज्ञा सिंह ठाकुर मध्यप्रदेश के भोपाल – सीहोर लोकसभा क्षेत्र की सांसद हैं। मालेगाँव बम ब्लास्ट के मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 24 नवंबर 2008 में एटीएस द्वारा अश्लील सीडी दिखाने का आरोप लगाया। प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 27 अप्रैल 2019 को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी ने उन्हें सत्रहवीं लोकसभा के सदस्य के लिए भोपाल से लोकसभा का टिकट दिया था यहाँ उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्विजय सिंह से था। चुनाव में वे दिग्विजय सिंह को हराकर भोपाल सांसद चुनी गई। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आर्टिकल में हम आपको प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जीवनी – Pragya Singh Thakur Biography Hindi के बारे में बताएगे।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जीवनी – Pragya Singh Thakur Biography Hindi
जन्म
प्रज्ञा सिंह ठाकुर का जन्म 2 फरवरी 1970 को दतिया,भिण्ड जिला, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम डॉ. चंद्रपाल सिंह था वे मध्य प्रदेश के एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक डॉक्टर थे और प्राकृतिक जड़ी बूटियों से मरीजों का इलाज करते थे। उनकी माता का नाम सरला देवी है। प्रज्ञा सिंह ठाकुर मध्यप्रदेश (भिण्ड जिला) के एक मध्यवर्गीय कुशवाहा राजपूत परिवार से हैं। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक एवं व्यवसाय से आयुर्वेदिक डॉक्टर थे। परिवारिक पृष्ठभूमि के चलते वे संघ व विहिप से जुड़ीं व किसी समय सन्यास ले लिया। भोपाल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रहीं। इतिहास में परास्नातक प्रज्ञा हमेशा से ही दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़ी रहीं। वे विश्व हिन्दू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी से जुड़ी थीं।
शिक्षा
प्रज्ञा सिंह ठाकुर की प्रारम्भिक शिक्षा मध्य प्रदेश की भिंड के स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होने भिंड के लाहोर कॉलेज से इतिहास में स्नातकोतर तक पढ़ाई करने वाली प्रज्ञा को छात्र जीवन में एक मुखर वक्ता के तौर पर देखा जाता था |
योगदान
2002 में उन्होंने ‘जय वन्दे मातरम् जन कल्याण समिति’ बनाई। बाद में वे स्वामी अवधेशानन्द गिरि के संपर्क में आयीं। इसके बाद उन्होंने एक ‘राष्ट्रीय जागरण मंच’ बनाया। इस दौरान वह मध्य प्रदेश और गुजरात के एक शहर से दूसरे शहर जाती रहीं।
करियर
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 27 अप्रैल 2019 को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी ने उन्हें सत्रहवीं लोकसभा के सदस्य के लिए भोपाल से लोकसभा का टिकट दिया था यहाँ उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्विजय सिंह से था।, चुनाव में वे दिग्विजय सिंह को हराकर भोपाल सांसद चुनी गई।
भारत निर्वाचन आयोग ने पुलिस को प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ उनकी बाबरी मस्जिद टिप्पणी के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया, जिसमें उन्होंने 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस में भाग लिया था। चुनाव आयोग ने बाद में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए प्रचार करने से 72 घंटे के लिए साध्वी प्रज्ञा को प्रतिबंधित कर दिया। वर्तमान में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की सदस्य है।
विवाद
वे कई बार अपने भड़काऊ भाषणों के लिए सुर्खियों में रहीं। 24 नवंबर 2008 में मालेगांव में बम विस्फोट हुआ उसमें पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया और गिरफ्तार कर लिया। 2017 में एनाआईए के एक विशेष कोर्ट ने इनपर लगी मकोका की धाराएं हटा दी, एवं गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) संशोधन अधिनियम के अंतर्गत आंतकवाद पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया।
2017 में स्वास्थ्य कारणों से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया कर दिया गया था। लखनऊ कार्डियोथोरेसिक और संवहनी सर्जन ने कहा कि 2008 में प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपने कैंसर की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एक द्विपक्षीय मास्टेक्टॉमी किया। सितंबर 2011 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने प्रज्ञा को कथित रूप से लंबे समय तक हिरासत में रखने के दावे को खारिज कर दिया।