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प्रमोद करण सेठी की जीवनी – Pramod Karan Sethi Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रमोद करण सेठी की जीवनी – Pramod Karan Sethi Biography Hindi के बारे में बताएगे।

प्रमोद करण सेठी की जीवनी – Pramod Karan Sethi Biography Hindi

प्रमोद करण सेठी प्रसिद्ध भारतीय चिकित्सक (हड्डी रोग विशेषज्ञ)थे और वे कृत्रिम पैर के जनक थे।

इसके साथ ही वे राजस्थान के एक कुलीन पुस्तक प्रेमी क्लब के सदस्य भी थे।

मशहूर अभिनेत्री सुधा चंद्रन को भी उनके द्वारा बनाए गए कृत्रिम पैर से जयपुर फुट अस्पताल में ही नई ज़िंदगी मिली थी।

उन्हे रेमन मैग्सेसे पुरस्कार व पद्मश्री से सम्मानित  किया गया।

जन्म

प्रमोद करण सेठी का जन्म 28 नवंबर 1927 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था।

उनके पिता का नाम डॉ एन. के. सेठी (निहाल करन सेठी) था।
और वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर थे।

शिक्षा

प्रमोद करण सेठी ने आगरा विश्वविद्यालय से सात विषयों में सर्वोच्च अंकों के साथ एमबीबीएस की परीक्षा में सफल रहे और 1952 में मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) की उपाधि हासिल की।

डॉ. सेठी ने 1954 में इंग्लैंड के एडिनबरा से एफ.आर.सी.एस की डिग्री भी ली थी।

करियर – प्रमोद करण सेठी की जीवनी

प्रमोद करण सेठी ने एक सर्जन के रूप में 1954 में सवाई मानसिंह अस्पताल में अपनी सेवा  देनी शुरू की और नवस्थापित अस्थि विभाग में खुद को एक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित किया।

प्रमोद करण सेठी दुनियाभर में मशहूर जयपुरिया पैर (कृत्रिम पैर) के जनक थे।

श्री रामचन्द्र शर्मा के साथ मिलकर उन्होंने सन 1969 में जयपुरिया पैर नामक सस्ता एवं लचीला कृत्रिम पैर का विकास किया। उनकी इस खोज ने किसी न किसी वजह से अपना पांव गंवाने वाले लाखों-करोड़ों लोगों को अपने पांवों पर चलने के काबिल बनाया।

पुरस्कार

मृत्यु – प्रमोद करण सेठी की जीवनी

प्रमोद करण सेठी की मृत्यु 6 जनवरी 2008 को जयपुर, राजस्थान में हुई थी।

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