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प्रतिमा पुरी की जीवनी – Pratima Puri Biography Hindi

भारत के इतिहास के सबसे सर्वप्रथम दूरदर्शन समाचार वाचक भारतीय महिला प्रतिमा पुरी थी। जब महिलाएं घूंघट में रहती थी उस समय प्रतिमा ने देश में अपनी मधुर आवाज से देश में देश में घटित खबरों को सुनाती थी। तो आइए आज हम आपको प्रतिमा पुरी की जीवनी – Pratima Puri Biography Hindi के बारे में बताएंगे।

प्रतिमा पुरी की जीवनी – Pratima Puri Biography Hindi

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जन्म

प्रतिमा पुरी हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक गोरखा परिवार मे हुआ। उनका जन्म का असली नाम विद्या रावत था। प्रतिमा पुरी छोटे परदे पर आने वाली पहली महिला थी.

योगदान

जब महिलाओं को घूंघट में रखा जाता था। तब प्रतिमा अपनी मधुर और तेज आवाज में देश में घटित खबरों को सुनाती थी। उन्होंने लंबे समय तक दूरदर्शन में काम किया। बाद में वह न्यूज़रीडर बनाने के इच्छुक लोगों के लिए भी प्रशिक्षण देने लगी। इतना ही नहीं उन्हें महान विभूतियों के साक्षात्कार के लिए भी जाना जाता है। जिसमें रूस के यूरी गागरिन का नाम भी शामिल है जो अंतरिक्ष में जाने वाले सबसे पहले व्यक्ति थे।

टेलीविजन की शुरुआत

  • 15 सितंबर 1959 को पहली बार दिल्ली में टेलीविजन की शुरुआत हुई ।
  • इस ऐतिहासिक दिन के बाद कई बहुत-सी चीज जो बदल गई। संचार और माध्यम का पूरा दृष्टिकोण बदल गया है। जहां जनता को सूचना और मनोरंजन का साधन मिला, वही देश में एक बड़ा उद्योग तैयार हुआ। आज भी यह उद्योग देश की अर्थव्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है .
  • लेकिन जब भारत में टीवी की शुरुआत हुई थी। तब केवल दूरदर्शन ही एकमात्र चैनल था। जिसे ऑल इंडिया रेडियो की  तहत शुरु किया गया। 15 अगस्त 1965 को आकाशवाणी भवन के स्टूडियो सभागार में नियमित दूरदर्शन प्रसारण शुरू किया गया.
  • देश का पहला समाचार बुलेटिन पूरे 5 मिनट का था और इसे प्रतिमा पुरी द्वारा प्रस्तुत किया गया था.
  • ऐसा कहा जाता है कि प्रतिमा ने शिमला में ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन से मीडिया में कदम रखा लेकिन बाद में उन्हें दिल्ली भेज दिया गया।
  • 1960 में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस कार्यक्रम ओबीएन (आउटडोर ब्रॉडकासट) की मदद के बिना शुरू हुआ। स्टूडियो के सभी व्यवस्थाएं प्रधानमंत्री के भाषण स्थल तक पहुंचाई गई और इसी बीच फोर्ड फाउंडेशन की एक सर्वेक्षण टीम भारत में अकादमिक टेलीविजन कार्यक्रम के प्रसारण के संभावना तलाशने के लिए यहां आई थी।
  • 1961 में भारत के पहले स्कूल टीवी प्रसारण सेवा 24 अक्टूबर को शुरू हुई। दिल्ली नगर निगम के तत्वाधान में संचालित सेवा ने विज्ञान से संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण किया।
  • 1962 में टीवी सेट का स्वामित्व केवल 41 लोगों के पास ही था।
  • 1965 में मूल रूप से दूरदर्शन पर 15 अगस्त को प्रसारित आकाशवाणी भवन के स्टूडियो सभागार में शुरू हुई। प्रतिमा पुरी पहली भारतीय टीवी उद्घोषक बनी। हिंदी समाचार सेवा की शुरुआत के साथ टीवी उत्पादकों के दबाव में मनोरंजक कार्यक्रम भी प्रसारित किए गए। टीवी स्टूडियो जर्मनी के सहयोग से स्थापित किया गया था.
  • 1966 में कृषि दर्शन  जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत के साथ भारतीय टेलीविजन गांव तक पहुंचाया गया। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में ग्रामीणों द्वारा 80 टेलीविजन दर्शक कल्बों स्थापित किए गए थे.
  • 1968 में टीवी प्रतिदिन 2 घंटे की प्रसारण अवधि तक पहुंचाया गया .
  • 1969 में नासा और आणविक ऊर्जा विभाग के साथ एक संयुक्त उद्यम ने भारतीय दर्शकों के लिए उपग्रहीय दिल्ली प्रसारण सेवा को ध्यान में रखते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.

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