राधाबाई सुबारायन ने एक भारतीय राजनीतिज्ञ, महिला अधिकारी, कार्यकर्ता और समाज सुधारक के रूप में काम किया। 1938 में राधाबाई सुबारायन निर्विवाद राज्य परिषद के लिए चुनी गई और इस प्रकार वे भारत की पहली महिला सांसद बनी थी। तो आइए आज हम आपको इस आर्टिकल में राधाबाई सुबारायन की जीवनी – Radhabai Subbarayan Biography Hindi के बारे में बताएंगे.
राधाबाई सुबारायन की जीवनी – Radhabai Subbarayan Biography Hindi
जन्म
राधाबाई सुबारायन का जन्म 22 अप्रैल 1891 को मंगलोर में हुआ था और उनका पूरा नाम कैलाश राधाबाई सुबारायन था। उनके पिता का नाम राओ साहिब कुदमुल रंगा राओ था। वो राजनीतिज्ञ होने के साथ साथ समाज सुधारक भी थी उन्होंने महिला अधिकारों के लिए भी काम किया था । उनका विवाह पी. सुबारायन से हुआ था,और 1912 में उनके पति मृत्यु को प्राप्त हो गए ।
शिक्षा
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मंगलोर के एक स्कूल से पूरी की और उसके बाद में स्नातक की शिक्षा प्रेसीडेंसी कॉलेज, मद्रास से प्राप्त की और परास्नातक समरविले कॉलेज ,ऑक्सफ़ोर्ड से ग्रहण की।
योगदान
राधाबाई आल इंडिया वूमेन कॉन्फ्रेंस की सदस्य थी। 1930 में उन्होंने बेगम शाहनवाज के साथ लंदन में प्रथम गोलमेज़ सम्मलेन में भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लिया और इसके बाद में उन्होंने द्वितीय गोलमेज़ सम्मलेन में भी भाग लिया और महिलाओं के लिए 5% आरक्षण की भी मांग की ।
1937 में राधाबाई जनरल सीट के लिए इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन मद्रास प्रोविंशियल रिसेप्शन समिति के चेयरमैन ने उन्हें समर्थन देने से इंकार कर दिया और उनके स्थान पर पार्टी के एक पुरुष कार्यकर्ता को समर्थन दिया गया जब उन्होंने ये मुद्दा सी. राजगोपालचारी के सामने उठाया तो उन्होंने कहा की हम पार्टी की एकता के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकते है और “मैँ नहीं मानता की आधुनिक और अग्रिम महिलाओं को राजनीतिक समर्थन सिर्फ इसलिए चाहिए की वो महिला हैं “
इसके बावजूद राधाबाई ने 1938 में फिर से चुनाव लड़ा और निर्विवाद राज्य परिषद के लिए चुन ली गई और इस प्रकार वे भारत की पहली महिला सांसद बन गई।
मृत्यु
1960 में राधाबाई सुमेरियन की मृत्यु हो गई थी