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राजेन्द्र शाह की जीवनी – Rajendra Shah Biography Hindi

राजेन्द्र शाह English – Rajendra Shah गुजराती भाषा साहित्यकार थे। उनकी साहित्य यात्रा 1933 में मुम्बई के विल्सन कॉलेज की पत्रिका ‘ विलसोनियन ‘ में प्रकाशित एक कविता के साथ शुरू हुई, लेकिन उनका पहला कविता संग्रह ‘ध्वनि’ इस पहली कविता के प्रकाशन के लगभग 18 वर्ष बाद प्रकाशित हुआ। उन्हें 2001 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

राजेन्द्र शाह की जीवनी – Rajendra Shah Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण

नामराजेंद्र शाह
पूरा नाम, वास्तविक नाम
राजेंद्र केशव लाल शाह
जन्म28 जनवरी, 1913
जन्म स्थान कपद्वनाज, कैरा ज़िला, गुजरात
पिता का नाम
माता का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
मृत्यु
2 जनवरी, 2010
मृत्यु स्थान

जन्म

राजेंद्र शाह का जन्म 28 जनवरी, 1913 में गुजरात के कैरा जिले के कपद्वनाज नामक स्थान पर हुआ। उनका पूरा नाम राजेंद्र केशव लाल शाह था। जब वे दो साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया। जिसके बाद उनकी माता ने उनका पालन- पोषण किया।

शिक्षा

Rajendra Shah ने मैट्रिक तक की शिक्षा अपने गृह नगर में ही प्राप्त की। बाद में आगे की शिक्षा के लिए उन्होंने मुम्बई के विलसन कॉलेज में प्रवेश लिया। उन्होंने एम.एस. विश्वविद्यालय, बड़ौदा से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। एक अध्यापक, दुकानदार, व्यावसायिक फर्म के साझीदार और मुद्रणालय के मालिक के रूप में राजेन्द्र शाह जी ने जीवन के विविध क्षेत्रों का अनुभव प्राप्त किया।

साहित्यिक परिचय

राजेन्द्र शाह की साहित्य यात्रा 1933 में मुम्बई के विल्सन कॉलेज की पत्रिका ‘ विलसोनियन ‘ में प्रकाशित एक कविता के साथ शुरू हुई, लेकिन उनका पहला कविता संग्रह ‘ध्वनि’ इस पहली कविता के प्रकाशन के लगभग 18 वर्ष बाद प्रकाशित हुआ। इस पहले संग्रह ने ही गुजराती साहित्य की दुनिया में भारी हलचल पैदा कर दी। गेयता उनके काव्य शिल्प का प्रमुख गुण है और प्रेम, प्रकृति, ईश्वर, आधुनिक सभ्यता, राजनीति और ग्राम जीवन तक की सारी चिन्ताएं समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की गवाही देते हैं। उनकी कविताओं में रहस्यवाद के स्वर का उत्स विद्वत जन नरसी मेहता, कबीर और अखा जैसे महान् मध्यकालीन रचनाकारों में मानते हैं। सौंदर्य के अन्वेषी और उसके गायक शाह के अब तक 21 काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। रचनाकार राजेन्द्र शाह ने जयदेव, विद्यापति, जीवनानंद दास और बुद्धदेव बसु की अनेक कृतियों का गुजराती में अनुवाद भी किया है।

काव्यों के अलावा शाह जी ने गुजराती में कई अनुवाद भी किए हैं, जिनमें से कुछ : टगोर का कविता संकलन बलाक, जयदेव रचित गीतगोविन्द, अंग्रेज़ी कवि कॉलरिज की द राइम ऑफ़ द एन्शियंट मेरिनर और इटली के दांते की प्रसिद्ध कृति डिवाइन कॉमेडी हैं।

रचनाएँ

  • ध्वनि 1951
  • आंदोलन 1951
  • श्रुति 1957
  • मोरपिच्छ 1959
  • शांत कोलाहल 1962
  • चित्रणा 1967
  • क्षण जे चिरंतन 1968
  • विषादने साद 1969
  • मध्यमा 1978
  • उद्गीति 1979
  • ईक्षणा 1979
  • पत्रलेखा 1981
  • प्रसन सप्तक 1982
  • पंच पर्व 1983
  • विभावन 1983
  • द्वासुपर्णा 1983
  • चंदन भीनी अनामिका 1987
  • आरण्यक 1992
  • अंबलाव्या मोर 1988
  • रुमझुम 1989

 पुरस्कार

  • ‘कुमार चंदक’ (1947)
  • रणजित राम सुवर्ण चंदक (1956)
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार (1964)
  • महाकवि नाना लाल पुरस्कार (1968)
  • नर्मद चंदक (1977)
  • गुजरात साहित्य परिषद के अरविंद सुवर्ण चंदक (1980)
  • भारतीय भाषा परिषद पुरस्कार (1985)
  • धानाजी कानाजी सुवर्ण चंदक (1980)
  • गुजरात साहित्य अकादमी के मूर्धन्य साहित्यकार सम्मान (1993)
  • गुजरात सरकार का नरसिंह मेहता पुरस्कार (1997)
  • उन्हें 2001 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

मृत्यु

राजेन्द्र शाह की मृत्यु 2 जनवरी, 2010 को हुई।

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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