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राजनाथ सिंह की जीवनी – Rajnath Singh Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको राजनाथ सिंह की जीवनी – Rajnath Singh Biography Hindi के बारे में बताएगे।

राजनाथ सिंह की जीवनी – Rajnath Singh Biography Hindi

राजनाथ सिंह ( English – Rajnath Singh ) भारत के एक राजनीतिज्ञ और भारत के गृह मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं।

वे पहले भाजपा के युवा स्कंध के और भाजपा की उत्तर प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष थे।

शुरुआत में वे भौतिकी के व्याख्याता थे, पर शीघ्र ही जनता पार्टी से जुड़ने के
लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अपने दीर्घ संबंधों का प्रयोग किया, जिसके
कारण वे उत्तर प्रदेश में कई अलग -अलग पदों पर आसीन रहे।

राजनाथ सिंह 1991 में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में शिक्षा मंत्री के अलावा वर्ष 1994 में राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।

संक्षिप्त विवरण

 

नामराजनाथ सिंह ( English – Rajnath Singh )
पूरा नामराजनाथ सिंह
जन्म10 जुलाई, 1951
जन्म स्थानवाराणसी, उत्तर प्रदेश
पिता का नामराम बदन सिंह
माता का नामगुजराती देवी
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म हिन्दू
जाति

जन्म

राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई, 1951 को भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिले के एक छोटे से गाँव भाभोरा
में हुआ था।

उनके पिता का नाम राम बदन सिंह था और उनकी माता का नाम गुजराती देवी था।

वे एक साधारण कृषक परिवार से थे।

उनकी पत्नी का नाम सावित्री देवी है। उनके दो बेटे और एक बेटी है।

शिक्षा

राजनाथ सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में भौतिक शास्त्र में आचार्य की उपाधि ग्रहण की।

करियर – राजनाथ सिंह की जीवनी

वे 13 साल की उम्र में 1968 से संघ परिवार से जुड़े हुए हैं और मिर्ज़ापुर में भौतिकी व्याख्यता की नौकरी लगने के बाद भी संघ से जुड़े रहे।1974  में, उन्हें भारतीय जनसंघ का सचिव नियुक्त किया गया।आपातकाल के दौरान राजनाथ सिंह जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में शामिल हुए और वे जेल भी गए।राजनाथ सिंह ने अपने करियर की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में की , वे 2000 से 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन के शासन में कृषि मंत्री रहे।

राजनाथ सिंह दो बार पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इससे पहले यह उप‍लब्धि केवल अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्‍ण आडवाणी को ही मिली थी। भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के बाद 2005 में भाजपा की बागडोर संभालने वाले राजनाथ सिंह ने पार्टी को फिर से एकसाथ किया और पार्टी की मूल विचारधारा हिंदुत्व की और ध्यान केंद्रित किया।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में कोई समझौता नहीं होगा।

वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष चुने गए राजनाथ सिंह पहले भी कई संकटों के बीच सरताज बनकर
उभरे।

नितिन गडकरी के बाद भाजपा की बागडोर संभालने वाले 61 वर्षीय सिंह उत्तर प्रदेश से हैं।

भाजपा अध्यक्ष ताजपोशी

राजनीतिक हलकों में उन्हें काफ़ी मृदुभाषी और बेलाग बोलने वालों में माना जाता है।

दिसंबर, 2009 के दौरान जब राजनाथ सिंह के बाद अध्यक्ष पद पर नितिन गडकरी आए थे।

लेकिन 2013 की शुरुआत में और आखिरी समय में हुए जबर्दस्त उलटफेर में नितिन गडकरी भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर हो गए और इसके बाद दूसरी बार आम सहमति से राजनाथ सिंह की भाजपा अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी हुई।

 

पार्टी के पास निश्चित तौर पर कई विकल्प थे परंतु राजनाथ सिंह की निर्विवाद और प्रतिद्वंद्वियों के बीच बेहतर छवि ने उनके नाम पर सहमति बनाने में मदद की। बहरहाल, 2009 में पार्टी को केंद्र में सत्ता में लाने में नाकामी तो मिली ही और इसके साथ ही 2004 की तुलना में पार्टी को 22 सीटें भी कम मिलीं।पहली बार 1977 में राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के विधायक चुने गए । 1977 में वे भाजपा के राज्य सचिव बने। 1986 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव बनने वाले राजनाथ सिंह 1988 में उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए।

1988 में Rajnath Singh उत्तरप्रदेश में विधान परिषद के सदस्य बनाए गए।

कल्याण सिंह सरकार के दौरान वे शिक्षामंत्री चुने गए। उत्तर प्रदेश की सियासत में भले ही वे लंबी पारी खेल चुके हो
लेकिन संसद में वे पहली बार 1994 में पहुंचे जब उन्हें राज्यसभा का टिकट मिला।

इसलिए ऊपरी सदन में उन्हें भाजपा का मुख्य सचेतक भी बनाया गया।

भूतल परिवहन मंत्री चुने गए

1997 में जब उत्तरप्रदेश राजनीतिक संकट से घिरा हुआ था,तो एक बार फिर से उन्होंने राज्य पार्टी अध्यक्ष की
गडोर संभाली और इस पद पर 1999 तक रहे।

इसके बाद केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजग सरकार में भूतल परिवहन मंत्री चुने गए ।

केंद्र और राज्यों के बीच उनका आना-जाना लगा रहता था।

28 अक्तूबर, 2000 को वे राम प्रकाश गुप्त की जगह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2002 तक वे राज्य के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन तब तक राज्य में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी बढ़त बना चुकी थीं।भाजपा ने बसपा की मायावती को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के तौर पर समर्थन देने को फैसला किया परंतु राजनाथ सिंह ने इस कदम परआपति जताई थी ।

इसके बाद एक बार फिर से वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव चुने गए।

राजनाथ सिंह 2003 में राजद से अजित सिंह के अलग होने के बाद वाजपेयी मंत्रिमंडल में कृषिमंत्री के तौर पर वापसी की। भाजपा में राजनाथ सिंह के आगे बढ़ने की यात्रा जारी रही।31 दिसंबर 2005 को वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए। उनके कार्यकाल में पहली बार कर्नाटक में भाजपा सत्ता में आई।नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नवगठित सरकार में 26 मई, 2014 को श्री राजनाथ सिंह ने भारत के केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली।

तब से वे सक्रिय रूप से भारत के केन्द्रीय गृह मंत्री के रूप में काम कर रहें हैं।

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