राम प्रकाश गुप्ता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के राज्यपाल थे। वे भारतीय जनता पार्टी के एक नेता हैं। जब चौधरी चरण सिंह ने 1967 में गैर कांग्रेस दलों को एकीकृत करके सरकार बनायीं थी उस समय वे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी रह। राम प्रकाश जी 1977 में जनता पार्टी की सरकार में उद्योग मंत्री रहे चुके हैं। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको राम प्रकाश गुप्ता के जीवन के बारे में बताएगे।
राम प्रकाश गुप्ता की जीवनी – Ram Prakash Gupta Biography Hindi
जन्म
राम प्रकाश गुप्ता का जन्म 26 अक्टूबर,1923 में उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के झाँसी ज़िले के सुकवाँ-ढुकवाँ ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम गोपाल कृष्ण गुप्ता था। इसके बाद में राम प्रकाश गुप्ता का परिवार बुलन्दशहर ज़िले के सिकन्दराबाद नगर में रहने लगा था ।
शिक्षा
राम प्रकाश गुप्ता ने हाईस्कूल तक की शिक्षा बुलन्दशहर ज़िले के सिकन्दराबाद नगर से ही प्राप्त की। राम प्रकाश गुप्ता ने ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ से एम.एस.सी. गणित की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। राम प्रकाश गुप्ता जी की साहित्य के प्रति गहरी अभिरूचि थी तथा समाज कल्याण और शैक्षिक उत्थान के कायो में भी वे विशेष रूचि रखते थे । ज्योतिष शास्त्र के अध्ययन और तत्संबंधी चर्चाओं में भी वे बेहद दिलचस्पी लेते थे ।
करियर
- राम प्रकाश गुप्ता स्कूल के समय से ही ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ से जुड़ गए थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे पूरी तरह से संघ के कार्य में जुट गये। पढ़ाई के बीच में ही उन्होंने बलिया ज़िले में स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।
- 1946 से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में काम करने लगे।
- 1948 में राम प्रकाश गुप्ता ने ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ से प्रतिबंध हटाने के लिए सत्याग्रह किया। इस दौरान उन्हें गिरफ़्तार करके जेल में डाल दिया गया।
- राम प्रकाश गुप्ता जी ने 1954 में गौ हत्या निरोध समिति के आंदोलन में सत्याग्रह का संचालन किया।
- 1975 में भी उत्तर प्रदेश में आपात काल के विरोध में सत्याग्रह किया गया , जिसमें राम प्रकाश गुप्ता को पहले सत्याग्रही के रूप में गिरफ़्तार भी किया गया था। आपात काल के दौरान उन्हें मीसा में निरूद्ध कर लखनऊ और नैनी के कारागारों में रखा गया।
- 1956 में राम प्रकाश गुप्ता भारतीय जनसंघ के संगठन मंत्री नियुक्त किये गये और उन्हें उत्तर प्रदेश के मध्य भाग के दस ज़िलों का कार्यभार सौंपा गया, जिसमें लखनऊ भी शामिल था।
- राम प्रकाश गुप्ता जी 1973 से 1974 में भारतीय जनसंघ के प्रदेश अध्यक्ष भी बने।
- 1960 में एक विशिष्ट सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद वे लखनऊ नगर महापालिका में जनसंघ दल के नेता के रूप में नियुक्त हुए।
- 1964 में वे नगर महापालिका के उपनगर प्रमुख पद पर निर्वाचित हुये। उन्होंने अपनी प्रतिभा, दृढ़ इच्छाशिक्त और प्रशासनिक क्षमता के बल पर लखनऊ नगर के विकास के लिये कई उल्लेखनीय काम भी किये।
- राम प्रकाश गुप्ता 1964 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य चुने गये और 1970 तक विधान परिषद के सदस्य रहे।
- चरण सिंह की संयुक्त विधायक दल सरकार में उन्हें अप्रैल, 1967 को शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, हरिजन तथा समाज कल्याण, सांस्कृतिक कार्य तथा अनुसंधान और 10 दिसम्बर, 1967 से परिवहन तथा पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व सौंपा गया।
- 13 अप्रैल, 1967 से 25 फ़रवरी, 1968 तक वे उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पद पर रहे। उन्होंने अपने इस कार्यकाल के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में, राज्य की शिक्षा व्यवस्था में रचनात्मक सुधार के लिए कई निर्णय लिये एवं शिक्षकों को बैंक से वेतन भुगतान करने का निर्णय भी लिया।
- आपातकाल के बाद जून, 1977 के सामान्य निर्वाचन में जनता पार्टी के टिकट से पहली बार राम प्रकाश गुप्ता लखनऊ मध्य क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य निर्वाचित किए गए।
- राम नरेश यादव के मंत्रिमण्डल में 23 जून, 1977 से 11 फ़रवरी, 1979 तक उन्होंने भारी उद्योग, लघु उद्योग, हैण्डलूम तथा हैन्डीक्राफ्ट विभाग और 15 सितम्बर, 1977 से 11 फ़रवरी, 1979 तक ग्रामीण उद्योग विभागों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- 1993 में लखनऊ मध्य के अपने पुराने क्षेत्र से राम प्रकाश गुप्ता दूसरी बार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुये।
- 11 मार्च, 1998 को उत्तर प्रदेश के योजना आयोग के उपाध्यक्ष कैबिनेट स्तर पद का महत्वपूर्ण दायित्व उन्हें मिला।
- राम प्रकाश गुप्ता जी 11 मार्च, 1998 से उत्तर प्रदेश राज्य योजना मण्डल के उपाध्यक्ष चुने गए गए। वे 1999 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और इस पद पर 11 माह तक रहे। गुप्ता जी ने 7 मई, 2003 को मध्य प्रदेश के 13वें राज्यपाल के रूप में अपने पद की शपथ ग्रहण की और इस पद पर वे 1 मई, 2004 तक रहे।
मृत्यु
राम प्रकाश गुप्ता की मृत्यु 1 मई, 2004 को हुई थी जब उनकी मृत्यु हुई उस समय वे मध्य प्रदेश के राज्यपाल पद पर आसीन थे।