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स्वामी रामदेव की जीवनी – Ramdev Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको स्वामी रामदेव की जीवनी – Ramdev Biography Hindi के बारे में बताएगे।

स्वामी रामदेव की जीवनी – Ramdev Biography Hindi

स्वामी रामदेव भारतीय योग गुरु है।

उन्होने 2006 में हरिद्वार, उत्तराखंड में “पतंजलि योगपीठ” की स्थापना की, जिसमे लगभग 6000 लोगों की क्षमता के साथ आयुर्वेद और योग के लिए विश्व का सबसे बड़े केंद्र माना जाता है।

उन्होंने अपने व्यापारिक उद्यम का नाम महर्षि पतंजलि के नाम पर रखा।

जनवरी 2007 में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रीयल टेक्नोलोजी, भुवनेश्वर, उड़ीसा ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।

जन्म

स्वामी रामदेव का जन्म 26 दिसंबर 1965 को सैयद अलीपुर, जिला-महेन्द्रगढ़, हरियाणा में हुआ था।

उनका पूरा नाम रामकिशन रामनिवास यादव है।

उनके पिता क नाम रामनिवास यादव तथा उनकी माता का नाम गुलाबो देवी था।

रामदेव को यह नाम उनके गुरु आचार्य बलदेव ने दिया था।

शिक्षा

स्वामी रामदेव ने हरियाणा के शहजादपुर की स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की और बाद में योगा और संस्कृत की शिक्षा प्राप्त करने के लिए वे खानपुर गाव के गुरुकुल में शामिल हुए। परिणामतः उन्होंने शिक्षा ग्रहण करने के बाद सन्यासी बनने की घोषणा की और अपना वर्तमान नाम अपना लिया। इसके बाद में उन्होंने जींद जिले की यात्रा की और कालवा गुरुकुल में शामिल हुए और हरियाणा में गांव वासियो को मुफ्त में योगा प्रशिक्षण देने लगे।

सार्वजनिक जीवन में प्रवेश

बाबा रामदेव में 1995 में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की।

2003 से आस्था टीवी ने हर सुबह बाबा रामदेव का योग का कार्यक्रम दिखाना शुरू किया जिसके बाद बहुत से समर्थक उनसे जुड़े। योग को जन-जन तक पहुँचाने में बाबा रामदेव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, भारत और विदेशों में उनके योग शिविरों में आम लोगों सहित कई बड़ी-बड़ी हस्तियां भी भाग लें चूंकि हैं।

बाबा रामदेव से योग सीखने वालों में अभिनेता अमिताभ बच्चन और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का नाम उल्लेखनीय है।

बाबा रामदेव ने पहली बार देवबंद (उत्तर प्रदेश) में मुस्लिम समुदाय को संबोधित किया।

पतंजलि योगपीठ

योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए बाबा रामदेव ने पतंजलि योगपीठ की स्थापना की।

ब्रिटेन, अमेरिका, नेपाल, कनाडा और मारीशस में भी पतंजलि योगपीठ की दो शाखाएँ हैं पतंजलि योगपीठ-एक और पतंजलि योग पीठ-दो।

पतंजलि आयुर्वेद का 2015-16 में 5000 करोड़ रु का कारोबार हुआ।

प्रमुख कार्य – स्वामी रामदेव की जीवनी

स्वामी रामदेव ने  2006 में महर्षि दयानन्द ग्राम हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के अतिरिक्त अत्याधुनिक औषधि निर्माण इकाई पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड नाम से दो सेवा प्रकल्प स्थापित किये। इन सेवा-प्रकल्पों के माध्यम से स्वामी रामदेव योग, प्राणायाम, अध्यात्म आदि के साथ-साथ वैदिक शिक्षा व आयुर्वेद का भी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उनके प्रवचन विभिन्न टी० वी० चैनलों जैसे आस्था टीवी, आस्था इण्टरनेशनल, जी-नेटवर्क, सहारा-वन तथा इण्डिया टी०वी० पर प्रसारित होते हैं। भारत में भ्रष्टाचार और इटली एवं स्विट्ज़रलैण्ड के बैंकों में जमा लगभग 400 लाख करोड़ रुपये के “काले धन” को स्वदेश वापस लाने की माँग करते हुए बाबा ने पूरे भारत की एक लाख किलोमीटर की यात्रा भी की। भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव जी अनवरत लड़ाई जारी है और राष्ट्र निर्माण में भी वो प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

इसके अलावा स्वामी रामदेव ने स्वच्छ भारत अभियान में भी भाग लिया।

इतना ही नहीं उन्होंने इस अभियान के तहत हरिद्वार और तीर्थ नगरी ऋषिकेश को गोद लेने की घोषणा की।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन

बाबा रामदेव ने जब 27 फरवरी 2011 को रामलीला मैदान में जनसभा की थी उस जनसभा में स्वामी अग्निवेश के साथ-साथ अन्ना हजारे भी पहुँचे थे। इसके बाद दिल्ली के जन्तर मन्तर पर 5 अप्रैल 2011 से अन्ना हजारे सत्याग्रह के साथ आमरण अनशन की घोषणा की जिसमें एक दिन के लिये बाबा रामदेव भी शामिल हुए।

बाबा रामदेव ने 4 जून 2011 से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन के साथ सत्याग्रह की घोषणा कर दी।

4 जून 2011 को प्रात: सात बजे सत्याग्रह प्रारम्भ हुआ।

रात को बाबा रामदेव पांडल में बने विशालकाय मंच पर अपने सहयोगियों के साथ सो रहे थे चीख-पुकार सुनकर वे मंच से नीचे कूद पड़े और भीड़ में घुस गये। 5 जून 2011 को सुबह 10 बजे तक बाबा को लेकर अफ़वाहों का बाजार गर्म रहा। यह सिलसिला दोपहर तब जाकर रुका जब बाबा ने हरिद्वार पहुँचने के बाद पतंजलि योगपीठ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने बच कर निकलने की पूरी कहानी सुनाई।

योग शिविरों का आयोजन

बाबा रामदेव समय-समय पर योग शिविरों का आयोजन करते रहते हैं।

अपने योग शिविरों के माध्यम से बाबा रामदेव भारतीय संस्कृति और योग के महत्व को विदेशों में भी जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। अपने इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर भारतीय संस्कृति का और योग का प्रचार-प्रसार किया, जिससे वहाँ पर भी लोग उनसे काफी प्रभावित हुए। बाबा रामदेव का एक संकल्प है कि पूरा देश स्वस्थ हो और पूरे देश को स्वस्थ बनाने की कड़ी में बाबा रामदेव ने अब सेना के जवानो को भी योग सिखना शुरू किया है।

जिसकी शुरुआत उन्होंने जैसलमेर में जवानों को योग सिखाने से की।

इसके अलावा बाबा रामदेव ने दिल्ली में भी सैनिक और उनके परिवारजनों के लिए योग शिविर का आयोजन किया।

विवाद

पुरस्कार – स्वामी रामदेव की जीवनी

बाबा रामदेव को जनवरी, 2007 में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रीयल टेक्नोलोजी, भुवनेश्वर, उड़ीसा ने योग को लोकप्रिय
बनाने के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।
मार्च, 2010 में एमिटी विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट ऑफ़ साइंस की डिग्री से सम्मानित किया ।

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