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रानी मुखर्जी की जीवनी – Rani Mukherjee Biography Hindi

रानी मुखर्जी (English – Rani Mukherjee) भारतीय बॉलीवुड की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं।

उन्होने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत “राजा की आएगी बारात” से की पर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही।

रानी ने ग़ुलाम, कुछ कुछ होता है, मेहंदी, मन, तलाश, बॉम्बे टॉकीज़, मर्दानी जैसी कई फिल्मों में कम किया।

2005 के 50 वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में, मुखर्जी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री दोनों पुरस्कार जीते और एक ही वर्ष में दोनों पुरस्कार जीतने वाली एकमात्र अभिनेत्री बन गईं।

उन्हे अबतक सात फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं, कई पुरस्कार जीते हैं।

रानी मुखर्जी की जीवनी – Rani Mukherjee Biography Hindi

Rani Mukherjee Biography Hindi
Rani Mukherjee Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण

नामरानी
पूरा नामरानी मुखर्जी
जन्म21 मार्च 1978
जन्म स्थानमुंबई, महाराष्‍ट्र
पिता का नामराम मुखर्जी
माता का नामकृष्‍णा मुखर्जी
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म हिन्दू
जाति मुखर्जी

जन्म

Rani Mukherjee का जन्‍म 21 मार्च 1978 को मुंबई, महाराष्‍ट्र में हुआ था

उनके पिता का नाम राम मुखर्जी तथा उनकी माता का नाम कृष्‍णा मुखर्जी है।

रानी के बड़े भाई  का नाम राजा मुखर्जी है। परिवार के ज्‍यादातर लोग किसी ना किसी रूप में फिल्‍म इंडस्‍ट्री से जुड़े रहे हैं।

रानी ने फिल्‍म निर्माता आदित्‍य चोपड़ा से शादी की है। दोनों की एक बेटी भी है।

शिक्षा

Rani Mukherjee ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा मानिकजी कूपर हाई स्‍कूल जुहू, मुंबई से हुई थी।

उन्‍होंने एस.एन.डी.टी. महिला विश्‍वविद्यालय से गृहविज्ञान में स्‍नातक पूरा किया था।

फिल्‍मों में काम करने से पहले रानी मुखर्जी ने रोशन तनेजा के एक्टिंग इंस्‍टीट्यूट से ट्रेनिंग ली।

Rani Mukherjee ki jivani hindi
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करियर

रानी मुखर्जी ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत “राजा की आएगी बारात” से की पर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही।

इससे पहले उन्हें अपने पिता की बंगाली फिल्म “बियेर फूल (1992)” में एक छोटा किरदार करने को मिला था।

उनके पारिवारिक मित्र सलीम अख्तर ने “आ गले लग जा” (1994) में उन्हें रोल दिया था जिसे रानी के पिता ने ठुकरा दिया था, जिसके बाद वह किरदार उर्मिला मातोंडकर को मिला।

उनको पहली सफलता फिल्म गुलाम से मिली जिसने उन्हें “खंडाला गर्ल” नाम से चर्चित कर दिया।

हालाँकि फिल्म कुछ ख़ास सफल नहीं रही पर “आती क्या खंडाला” गाने ने उन्हें दर्शकों का चहेता बना दिया।

उनकी पहली बड़ी सफल फिल्म रही शाहरुख़ खान के साथ “कुछ कुछ होता है”।

हालाँकि उनका किरदार इस फिल्म में सीमित था पर फिल्म की सफलता से वे निर्देशकों की नज़रों में आ गयीं।

इसके बाद उन्हें कई फिल्मों में काम मिला पर वे ज्यादा सफल नहीं रहीं।

उनकी अगली फिल्में “बादल”,”चोरी चोरी चुपके चुपके” और “मुझसे दोस्ती करोगे!” कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पायी, पर साथ ही उन्हें यशराज बैनर के टैली फिल्म करने का मौका जरुर मिला।

उनकी अगली सफल फिल्म रही विवेक ओबेरोई के साथ “साथिया”(2002), जिसके लिये उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला।

उन्हें अपनी अगली सफलता के लिये लंबा इंतज़ार करना पड़ा जो उन्हें मणिरत्नम की फिल्म “युवा” से सफलता मिली।

उन्हें अपने किरदार के लिये दूसरा फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। उनकी अगली फिल्में “हम तुम”, वीर-ज़ारा “, “बंटी और बबली ” और “ब्लैक” बड़ी सफल रही और उन्हें बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में जगह मिली।

2004 -2006 का दौर उनके लिय सुनहरा दौर रहा। फिल्म “ब्लैक” से उन्होंने अपने अभिनय का एक शक्तिशाली परिमाण दिया जहाँ उन्हें एक अंधी-बहरी लड़की का किरदार करने को मिला।

2005 के 50 वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में, मुखर्जी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री दोनों पुरस्कार जीते और एक ही वर्ष में दोनों पुरस्कार जीतने वाली एकमात्र अभिनेत्री बन गईं।

फिल्में

  • बियर फूल
  • राजा की आयेगी बारात
  • ग़ुलाम
  • कुछ कुछ होता है
  • मेहंदी
  • मन
  • हैलो ब्रदर
  • बादल
  • हे राम
  • हद कर दी आपने
  • बिच्छू
  • हर दिल जो प्यार करेगा
  • कहीं प्यार ना हो जाये
  • बॉलीवुड आईएम अलपनरॉस्क
  • चोरी चोरी चुपके चुपके
  • बस इतना सा ख्वाब है
  • नायक
  • कभी खुशी कभी ग़म
  • प्यार दीवाना होता है
  • मुझसे दोस्ती करोगे!
  • साथिया
  • चलो इश्क़ लड़ायें
  • चलते चलते
  • चोरी चोरी
  • कलकत्ता मेल
  • कल हो ना हो
  • एलओसी कारगिल
  • युवा
  • हम तुम
  • वीर-ज़ारा
  • ब्लैक
  • बंटी और बबली
  • पहेली
  • मंगल पाण्डे
  • द इन्नर एण्ड आउटर वर्ल्ड ऑफ़ शाह रुख खान
  • कभी अलविदा ना कहना
  • बाबुल
  • ता रा रम पम
  • लागा चुनरी में दाग
  • सांवरिया
  • ओम शांति ओम
  • थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक
  • रब ने बना दी जोड़ी
  • लक बाय चांस
  • दिल बोले हड़ीप्पा
  • नो वन किल्ड जेसिका
  • अइय्या
  • तलाश
  • बॉम्बे टॉकीज़
  • मर्दानी

पुरस्कार

कुछ कुछ होता है (1998), युवा (2004) और नो वन किल्ड जेसिका (2011) फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए, मुकर्जी ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता।

उन्होंने साथिया (2002) और ब्लैक (2005) में अपनी भूमिकाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड भी जीता।

हम तुम (2004) और ब्लैक (2005) में उनकी भूमिकाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त किया।

 

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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