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एस मुथुलक्ष्मी की जीवनी – S. Muthulakshmi Biography Hindi

S. Muthulakshmi भारत की पहली महिला विधायक, प्रसिद्ध महिला चिकित्सक और सामाजिक  कार्यकर्ता थी। वह लड़कों के स्कूल में पढ़ने वाली पहली लड़की थी। महिलाओं व बच्चों के कल्याण के लिए कई योजनाएँ आरंभ की। अपनी योग्यता से रियासत की छात्रवृति ली। उन्होने 1912 में मद्रास मेडिकल कॉलेज से प्रथम श्रेणी में डॉक्टर की डिग्री हासिल की। देश के प्रति इनके योगदान को देखते हुए 1927 में मद्रास विधान परिषद की सदस्य मनोनीत हुई। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको एस मुथुलक्ष्मी की जीवनी – S. Muthulakshmi Biography Hindi के बारे में बताएगे।

एस मुथुलक्ष्मी की जीवनी – S. Muthulakshmi Biography Hindi

एस मुथुलक्ष्मी की जीवनी - S. Muthulakshmi Biography Hindi

जन्म

एस मुथुलक्ष्मी का जन्म 30 जुलाई 1886 में तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता का नाम एस नारायण स्वामी चेन्नई के महाराजा कॉलेज के प्रिंसिपल थेतथा उनकी माता का नाम चंद्रामाई था जिनहोने समाज के तानों के बावजूद उन्हें पढ़ने के लिए भेजा।

शिक्षा

वह लड़कों के स्कूल में पढ़ने वाली पहली लड़की थी। 10वीं कक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद उन्होंने पुदुकोट्टई के महाराजा कॉलेज में दाखिले के लिए फॉर्म भरा। उस समय महिलओं पर इतना ध्यान न देने के कारण कॉलेज ने उनके फॉर्म को खारिज कर दिया। ग्रेजुएशन के बाद मुथुलक्ष्मी ने मद्रास मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। जहां पर उनकी दोस्ती एनी बेसेंट और सरोजिनी नायडू से हुई। मुथुलक्ष्मी मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाली देश की पहली महिला बनीं। उन्होने 1912 में मद्रास मेडिकल कॉलेज से प्रथम श्रेणी में डॉक्टर की डिग्री हासिल की

करियर

मद्रास के सरकारी मातृत्व और नेत्र अस्पताल की पहली महिला हाउस सर्जन के तौर पर भी उन्होंने काम किया।

उन्हें इंग्लैंड जाकर आगे पढ़ने का मौका भी मिला, लेकिन उन्होंने ‘वूमेंस इंडियन एसोसिएशन’ (Women’s Indian Association) के लिए काम करने को तरजीह दी। मुथुलक्ष्मी ने 1918 में ‘वूमेंस इंडियन एसोसिएशन’की स्थापना में मदद की थी।

उन्हें 1927 में मद्रास विधान सभा के उप-राष्ट्रपति के रूप में भी चुना गया था और इसी के बाद वह भारत की पहली महिला विधायक बनीं। उन्हें समाज और औरतों के लिए किए गए अपने काम के लिए काउन्सिल में जगह दी गई थी। उस समय बाल विवाह प्रचलित था। मुथुलक्ष्मी ने इसके खिलाफ आवाज उठाई और मद्रास विधानसभा में काम करते हुए शादी के लिए तय उम्र को बढ़ाने की मांग की।

1954 में ‘अड्यार कैंसर इंस्टिट्यूट’ (Adyar Cancer Institute) की नींव भी उन्होंने ही रखी। यह आज सालाना 80 हजार कैंसर मरीजों का इलाज यहां होता है।

पुरस्कार

1956 में उन्हें समाज के लिए किये गए अपने कार्यों के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।

मृत्यु

S. Muthulakshmi की मृत्यु 22 जुलाई 1968 में हुई थी।

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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