Biography Hindi

संपूर्णानन्द की जीवनी – Sampurnanand Biography Hindi

संपूर्णानन्द कुशल और निडर राजनेता एवं सर्वतोमुखी प्रतिभावाले साहित्यकार और अध्यापक थे। संपूर्णानन्द उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल भी रहे। उनकी इतिहास, पुराण, दर्शन, राजनीति, समाजशास्त्र आदि में गहरी रुचि थी। आध्यात्मिक विषयों में भी उनकी बहुत रुचि थी और वे समाजवादी विचारों के व्यक्ति थे। 1934 में कांग्रेस के अंदर ‘समाजवादी पार्टी’ के गठन में आचार्य नरेंद्र देव के साथ उनका भी मुख्य योगदान था। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको संपूर्णानन्द की जीवनी – Sampurnanand Biography Hindi के बारे में बताएगे।

Read This -> चंद्रभान गुप्ता की जीवनी – Chandra Bhanu Gupta Biography Hindi

संपूर्णानन्द की जीवनी – Sampurnanand Biography Hindi

Read This -> स्टीव जॉब्स की जीवनी – Steve Jobs Biography Hindi

जन्म

संपूर्णानंद का जन्म 1 जनवरी, 1889 को वाराणसी में हुआ था। उनके पिता का नाम मुंशी विजयानंद था और  उनकी माता का नाम आनंदी देवी था। पितामह बख्शी सदानंद काशी नरेश के दीवान थे। किनाराम बाबा के आशीर्वाद से सब पुरुषों के नाम के साथ ‘आनंद’ शब्द लगने लगा।  उनके पिता मुंशी विजयानंद सरकारी कर्मचारी थे।

Read This -> गोकुलभाई भट्ट की जीवनी – Gokulbhai Bhatt Biography Hindi

शिक्षा

संपूर्णानंद ने क्वींस कालेज से बी.एस.सी. की परीक्षा पूरी करने के बाद वे प्रयाग चले गए और वहाँ से एल.टी. की उपाधि प्राप्त की।

करियर

एल.टी. करने के बाद उन्होने अपना रुख अध्यापन की ओर कर लिया। कुछ दिन तक  उन्होने हरिश्चंद्र हाई स्कूल और मिशन स्कूल में अध्यापन कार्य किया । फिर वे प्रेम महाविद्यालय, वृन्दावन में विज्ञान के अध्यापक रहे। इसके कुछ समय बाद राजकुमारों के डेली कॉलेज, इंदौर में गणित के अध्यापक के रूप में कार्य किया। 1918 में  डूगर कॉलेज के प्रधानाचार्य  के पद पर रहे । 1921 तक वे बीकानेर रहे और फिर असहयोग आंदोलन में भाग लेने के लिए पद त्याग दिया। वाराणसी आने पर उन्होने राष्ट्रीय आंदोलन के साथ साहित्य सेवा की । उन्होंने ‘मर्यादा’ नाम की हिंदी पत्रिका और ‘टुडे’ नामक अंग्रेज़ी दैनिक का संपादन किया। 1923 में वे काशी विद्यापीठ में दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर नियुक्त हुए और स्वतंत्रता प्राप्ति तक इस पद पर बने रहे।

Read This -> बाबा आमटे की जीवनी – Baba Amte Biography Hindi

 योगदान

संपूर्णानंद ने हर एक स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और जेल गये। 1927 में वे स्वराज्य पार्टी के टिकट पर प्रांतीय विधान परिषद के सदस्य चुने गये। 1937 में प्रदेश की विधान सभा के लिए उनका निर्वाचन किया गया । गोविंद बल्लभ पंतजी के पहले मंत्रिमण्डल के सदस्य प्यारे लाल शर्मा के त्यागपत्र देने पर संपूर्णानंद जी को शिक्षा मंत्री के रूप में मंत्रि परिषद में चुना गया। उन्होंने गृह, अर्थ और सूचना मंत्री के रूप में भी कार्य किया। गोविंद बल्लभ पंत के केंद्र सरकार में चले जाने पर 1955 में संपूर्णानंद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 1961 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया।  इसके बाद 1962 में उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया। और 1967 में इस पद से अवकाश ग्रहण किया।

Read This -> संतोष यादव की जीवनी – Santosh Yadav Biography Hindi

संपूर्णानंद की इतिहास, पुराण, दर्शन, राजनीति, समाजशास्त्र आदि में गहरी पहुँच थी। आध्यात्मिक विषयों में भी उनकी बहुत जायदा रुचि थी। वे समाजवादी विचारों के व्यक्ति थे और 1934 में कांग्रेस के अंदर ‘समाजवादी पार्टी’ के गठन में आचार्य नरेंद्र देव के साथ उनका भी मुख्य योगदान था। वे तीन बार उत्तर प्रदेश कांग्रेस के सचिव रहे। 1940 के पुणे हिंदी साहित्य सम्मेलन की उन्होंने अध्यक्षता की। अपने मंत्रित्व काल में उन्होंने हिंदी के उन्नयन के लिए कई योजनाएँ शुरू कीं। ‘हिंदी समिति’ ( हिंदी संस्थान ) उन्हीं के द्वारा शुरू की हुई है। वाराणसी का संस्कृत विश्वविद्यालय भी उन्हीं के शासन काल में बनाया गया था। वे बड़े स्वतंत्र और निर्भीक विचारों वाले व्यक्ति थे। भाषा और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के मामलों में उन्होंने कई बार नेहरू जी की नीति का सार्वजनिक रूप से प्रतिकार किया था।

Read This -> नारायण मल्हार जोशी की जीवनी – N. M. Joshi Biography Hindi

रचनाएँ

लेखक के रूप में संपूर्णानंद ने अपनी गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने लगभग 45 पुस्तकों की रचना की है, जिनमें से सभी हिंदी भाषा में हैं। गांधी जी की पहली जीवनी ‘कर्मवीर गांधी’ नाम से उन्होंने ही लिखी थी। उनके अन्य प्रमुख ग्रंथ इस प्रकार है-

  • अंतर्राष्ट्रीय विधान
  • समाजवाद
  • चिद्विलास
  • गणेश
  • ज्योतिर्विनोद
  • हिंदू देव परिवार का विकास
  • कुछ स्मृतियाँ
  • कुछ स्फुट विचार
  • व्यक्ति और राज
  • आर्यों का आदि देश
  • भौतिक विज्ञान
  • महाराजा छत्रसाल
  • अंतरिक्ष यात्रा
  • जीवन और दर्शन
  • योगदर्शन।

उनकी कविताओं का एक संग्रह काशी नागरी प्रचारिणी सभा के द्वारा प्रकाशित किया गया था।

Read This ->  राम जेठमलानी की जीवनी – Ram Jethmalani Biography Hindi

मृत्यु

संपूर्णानंद की 10 जनवरी, 1969 को उनकी मृत्यु हो गई।

Read This -> के. सिवन की जीवनी – K. Sivan Biography Hindi

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
https://www.googletagmanager.com/gtag/js?id=G-M924QKM7ZY
Close