सरोज खान की जीवनी – Saroj Khan Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको सरोज खान की जीवनी – Saroj Khan Biography Hindi के बारे में बताएगे।

सरोज खान की जीवनी – Saroj Khan Biography Hindi

सरोज खान की जीवनी
सरोज खान की जीवनी

 

(English – Saroj Khan)सरोज खान एक भारतीय कोरियोग्राफर थीं।

उन्होंने अपने करियर में 200 से भी अधिक फिल्मों में काम किया।

संक्षिप्त विवरण

 

नाम सरोज खान
पूरा नाम, वास्तविक नाम
निर्मला नागपाल
जन्म 22 नवंबर 1948
जन्म स्थान  मुंबई, महाराष्ट्र
पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह
माता का नाम नोनी सद्धू सिंह
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म
जाति

जन्म – सरोज खान की जीवनी

Saroj Khan का जन्म 22 नवंबर 1948 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था। उनके पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह तथा उनकी माता का नाम नोनी सद्धू सिंह के घर हुआ था।

उन्होंने एक मुस्लिम से शादी की है। उनका नाम सरदार रोशन खान है और वहि से उनका अन्तिम नाम खान आता है। उन्होने नृत्य कि शिक्षा बी सोहनलाल से ली। एक पाकिस्तानी टीवी शो पर अपने खुद के इकबालिया बयान के अनुसार उन्होंने इस्लाम को शादी से पहले ही कूबुल कर लिय था और अभी एक मुसलमान है।

तेरह साल कि उम्र मे उन्होने बी सोहनलाल से शादी करली जो कि उस समय के एक प्रसिद्ध नृत्य गुरु थे। सोहनलाल पहले हि शादीशुदा थे और उन्हे 4 बच्चे भी थे।

चौदह साल की उम्र में उन्होने अपने पहले बच्चे हामिद खान को जन्म दिया, जो अब राजू खान के नाम से एक प्रसिद्ध नृत्य रचनाकार है। 1935 में वह सोहनलाल से अलग हुई, लेकिन उनके सहायक के रूप में काम करती रही।

सोहनलाल और सरोज खान का पुनर्मिलन तब हुवा जब सोहनलाल को दिल का दौरा पड़ा था। सरोज खान ने सोहनलाल से और एक बेटी को जन्म दिया जिसका नाम हिना खान (कोयल)। सोहनलाल सरोज खान और उन्के दो बच्चों को पीछे छोड़कर् माद्रस चले गये।

उसके बाद वह सरदार रोशन खान के साथ शादी कि और सुकय्ना खान नाम के एक बेटी को जन्म दिया। जो अब दुबई में एक नृत्य संस्थान चलाती है। 

करियर

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत तीन साल की उम्र में बाल कलाकार के रूप में फ़िल्म नज़राना से बाल श्यामा के रूप में की थी।

चालीस से अधिक वर्षों के कैरियर की अवधि के साथ, उन्होंने 2000 से अधिक गीतों को कोरियोग्राफ किया और इसे भारत में “द मदर ऑफ डांस / कोरियोग्राफी” के रूप में जाना जाता है। बतौर कोरियोग्राफार उनकी आखिरी फिल्म “कलंक” थी।

स्वतंत्र कोरियोग्राफर के तौर पर उनकी पहली फिल्म “गीता मेरा नाम” (1974) थी। हालांकि, उन्हें प्रसिद्धि पाने के लिए कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा। उनके करियर में उछाल आया श्री देवी की फिल्म मिस्टर इंडिया में “हवा हवाई” (1987), नगीना (1986) और चांदनी (1989)। माधुरी दीक्षित के साथ, तेजाब (1988),

इसके बाद फिल्म “बेटा” के गाने धक् धक् करने करने लगा से उनका कारीर एकदम ऊपर गया। इस समय तक उनका नाम भारत की बेस्ट और सबसे सफल कोरियोग्राफर के तौर पर उभर चुका था।

सरोज खान ने 2005 में नच बलिए में जज के रूप में एक रियलिटी डांस शो में दिखाई दीं थीं। वह हाल ही में “उस्तादों के उस्ताद” शो के लिए जज बनी हैं, जो सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन (इंडिया) पर प्रसारित होता है। वह “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” में एक नृत्य प्रतियोगिता में जज के रूप में दिखाई दीं थीं।

फिल्म

2012 (ए बि सी डी) एनी बडि केन डान्स 2012 राउडी राठौर 2012 एजेंट विनोद
2010 खट्टा मीठा 2009 दिल्ली -6 2007 जब वी मेट
2007 नमस्ते लंदन 2007 गुरु 2007 धन धना धन गोल
2007 सांवरिया 2006 डॉन – द चेस बिगिन्स अगेन 2006 फना
2004 वीर-जारा 2004 स्वदेश 2004 कुछ ना कहो
2002 साथिया 2002 देवदास 2000 फिज़ा
1999 ताल 1999 हम दिल दे चुके सनम 1997 मैं और प्यार हो गयाप
1997 परदेस 1997 इरुवर 1995 दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
1995 याराना 1994 मोहरा 1994 अंजाम
1993 बाज़ीगर 1993 आईना 1993 डर
1992 बेटा 1990 आवारगी 1990 सैलाब
1989 चांदनी 1988 तेज़ाब 1987 मिस्टर इंडिया
1986 नगीना 1983 हीरो

पुरस्कार – सरोज खान की जीवनी

  • 1999 में आई फिल्म हम दिल दे चुके सनम सर्वश्रेष्ठ नृत्यकला के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार और राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और अमेरिकी नृत्यकला अवार्ड जीता है।
  • फिल्म देवदास सर्वश्रेष्ठ नृत्यकला के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है।
  • जब वी मेट  बेस्ट नृत्यकला के लिए उन्हे राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जिता है।
  • 2007 में आई फिल्म गुरु के लिए उन्हे सर्वश्रेष्ठ नृत्यकला के लिए फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया।

मृत्यु

सरोज खान की मृत्यु 71 वर्ष की आयु में 3 जुलाई 2020  को दिल का दौरा पड़ने से हो गया है।

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