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शम्मी की जीवनी – Shammi Biography Hindi

शम्मी (English – Shammi) भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री थी , जो 200 से ज्यादा हिंदी फ़िल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। आशा पारेख के साथ मिलकर शम्मी जी ने ‘बाजे पायल’, ‘कोरा क़ागज़’, ‘कंगन’ और ‘कुछ पल साथ तुम्हारा’ जैसे धारावाहिकों का निर्माण भी किया। क़रीब साढ़े छह दशक पहले उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। शुरुआती दौर में कई फ़िल्मों में नायिका और सहनायिका के तौर पर नज़र आने के बाद उन्होंने चरित्र भूमिकाओं की ओर रुख किया। इस लम्बे अंतराल में उनकी अभिनय यात्रा बिना किसी विराम के लगातार जारी रही। ये उनके जादुई व्यक्तित्व और मधुर व्यवहार का ही असर है कि आज समूचा सिने जगत उन्हें प्यार और सम्मान से ‘शम्मी आंटी’ कहकर बुलाता है।

शम्मी की जीवनी – Shammi Biography Hindi

Shammi Biography Hindi
Shammi Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण

नामशम्मी
पूरा नाम, अन्य नाम
नरगिस रबाड़ी, शम्मी आंटी
जन्म24 अप्रैल, 1929
जन्म स्थानबॉम्बे, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (वर्तमान में मुंबई, भारत)
पिता का नाम
माता  का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
मृत्यु
 6 मार्च, 2018
मृत्यु स्थान
मुंबई

जन्म

शम्मी का जन्म 24 अप्रैल, 1929 को बॉम्बे, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (वर्तमान में मुंबई, भारत) में हुआ। उनका वास्तविक नाम नरगिस रबाड़ी था। वे पारसी परिवार से ताल्लुक़ रखती थीं। उन्होंने अपने जमाने के जाने-माने फ़िल्म निर्माता सुल्तान अहमद से शादी की थी।

फ़िल्मी करियर

फ़िल्मों में शम्मी आंटी का आना सिर्फ़ एक संयोग था, हालांकि रिश्तेदारी-बिरादरी में उनके इस क़दम का उस वक़्त विरोध भी बहुत हुआ था। जब वो सिर्फ़ तीन साल की थीं तभी उनके पिता का देहांत हो गया। आय का कोई साधन था नहीं, इसलिए दोनों बेटियों के पालन-पोषण के लिए उनकी मां को बहुत तक़लीफ़ें सहनी पड़ीं। जब वो दोनों थोड़ी बड़ी हुईं तो उन्हें अपनी पढ़ाई का ख़र्च ख़ुद उठाने के लिए टाटा की खिलौना फैक्ट्री में काम करना पड़ा। बड़ी बहन पीपुल्स थिएटर की सक्रिय सदस्या थीं इसलिए उनके साथ नाटकों की रिहर्सल में शम्मी आंटी का भी अक्सर आना-जाना होता था, जहां उनकी मुलाक़ात महबूब ख़ान के सहायक चिमनकांत गांधी से हुई थी।

धारावाहिक निर्माण

आशा पारेख के साथ मिलकर शम्मी आंटी ने ‘बाजे पायल’, ‘कोरा क़ागज़’, ‘कंगन’ और ‘कुछ पल साथ तुम्हारा’ जैसे धारावाहिकों का निर्माण भी किया और आज भी दोनों अभिनेत्रियां बहुत अच्छी दोस्त हैं। अपने अब तक के कॅरियर में क़रीब दो सौ फ़िल्मों में छोटी-बड़ी भूमिकाएं निभाने के साथ ही उन्हें ‘देख भाई देख’, ‘श्रीमान श्रीमती’, ‘कभी ये कभी वो’ जैसे कई टी. वी. धारावाहिकों में भी अभिनय किया। ‘सहारा वन’ चैनल के धारावाहिक ‘घर एक सपना’ में वो आलोक नाथ की मां की भूमिका में नज़र आयी थीं।

प्रमुख फ़िल्में

1950 के दशक में Shammi आंटी ने ‘बाग़ी’, ‘आग का दरिया’, ‘मुन्ना’, ‘रुखसाना’, ‘पहली झलक’, ‘लगन’, ‘बंदिश’, ‘मुसाफ़िरखाना’, ‘आज़ाद’ और ‘दिल अपना और प्रीत परायी’ जैसी कई फ़िल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभायीं। अब तक की उनकी अन्तिम फ़िल्म ‘शिरीन फ़रहाद की तो निकल पड़ी’ है जो साल 2012 में प्रदर्शित हुई थी।

मृत्यु

शम्मी जी की का निधन 6 मार्च, 2018 को मुंबई में हुआ था।

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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