आज इस आर्टिकल में हम आपको डॉ शंकर दयाल शर्मा की जीवनी – Shankar Dayal Sharma Biography Hindi के बारे में बताएगे।
शंकर दयाल शर्मा की जीवनी – Shankar Dayal Sharma Biography Hindi
डॉ शंकरदयाल शर्मा भारत के नौवें राष्ट्रपति थे।
राष्ट्रपति बनने से पहले डॉ शर्मा भारत के आठवे उपराष्ट्रपति भी थे।
वे भोपाल राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे तथा मध्यप्रदेश राज्य में कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में उन्होंने शिक्षा, विधि, सार्वजनिक निर्माण कार्य, उद्योग तथा वाणिज्य मंत्रालय का कार्यभार संभाला था।
केंद्र सरकार में डॉ शंकरदयाल शर्मा ने संचार मंत्री के रूप में भी पदभार संभाला।
इस दौरान डॉ शर्मा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे।
जन्म
शंकर दयाल शर्मा का जन्म 19 अगस्त 1918 को भोपाल में ‘दाई का मौहल्ला’ में हुआ था।
उस समय भोपाल को नवाबों का शहर कहा जाता था।
अब यह मध्य प्रदेश में है।
उनके पिता का नाम पण्डित खुशीलाल शर्मा था और उनकी माता का नाम श्रीमती सुभद्रा देवी था।
उनके पिता एक प्रसिद्ध वैद्य थे।
उनका विवाह विमला शर्मा के साथ हुआ था। उनके दो बेटे और एक बेटी है।
शिक्षा – डॉ शंकर दयाल शर्मा की जीवनी
डॉ शंकरदयाल शर्मा ने अपनी शुरुआती शिक्षा स्थानीय ‘दिगम्बर जैन स्कूल’ में प्राप्त की थी।
डॉक्टर शर्मा ने सेंट जान्स कॉलेज आगरा, आगरा कॉलेज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, फित्ज़विल्यम कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, लिंकोन इन तथा हारवर्ड ला स्कूल से शिक्षा ग्रहण की।उन्होंने हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत साहित्य में एम.ए. की डिग्री विश्वविद्यालय में पहले स्थान के साथ प्राप्त की,उन्होने एल.एल.एम. की डिग्री भी लखनऊ विश्व विद्यालय से पहले स्थान के साथ प्राप्त की थी, विधि में पी.एच.डी. की डिग्री कैम्ब्रिज से प्राप्त की,
करियर
- 1940 के दशक में वे भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में शामिल हो गए, इस के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली,
- 1952 में भोपाल के मुख्यमंत्री बन गए, इस पद पर 1956 तक रहे जब भोपाल का विलय अन्य राज्यों में
कर मध्यप्रदेश की रचना हुई। - 1960 के दशक में उन्होंने इंदिरा गांधी को कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व प्राप्त करने में सहायता दी।
- इंदिरा गांधी कैबिनेट में 1974-1977 संचार मंत्री रहे, 1971 और 1980 में उन्होंने भोपाल से लोक सभा की
सीट जीती, इसके बाद उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण पदों पर काम किया, - 1984 से वे राज्यपाल के रूप में आंध्रप्रदेश में नियुक्ति के दौरान दिल्ली में उनकी पुत्री गीतांजली तथा दामाद ललित माकन की हत्या सिख चरमपंथियों ने कर दी,
- 1985 से 1986 तक वे पंजाब के राज्यपाल रहे, उन्होने अपना आखिरी राज्यपाल दायित्व 1986 से 1987 तक महाराष्ट्र में निभाया।
- इसके बाद उन्हें उप राष्ट्रपति तथा राज्य सभा के सभापति के रूप में चुन लिया गया गया इस पद पर वे 1992 में राष्ट्रपति बनने तक रहे।
- शंकरदयाल शर्मा संसदीय मानको का सख्ती से पालन करते थे, राज्य सभा में एक मौके पर वे इसलिए रो पड़े थे कि क्योंकि राज्य सभा के सदस्यों ने एक राजनैतिक मुद्दे पर सदन को जाम कर दिया था।
- राष्ट्रपति चुनाव उन्होंने जार्ज स्वेल को हरा के जीता था इसमे उन्हें 66% मत मिले थे।
- अपने अन्तिम कार्य वर्ष में उन्होंने तीन प्रधानमंत्रियो को शपथ दिलाई थी
अवॉर्ड
- सृंगेरी के शंकराचार्य ने डॉक्टर दयाल शर्मा को ‘राष्ट्र रत्नम’ की उपाधि से सम्मानित किया था
- इंटरनेशनल बार एसोसिएशन ने कानून की पढ़ाई और उस में योगदान देने के लिए डॉक्टर शंकर दयाल
को ‘दी लिविंग लीजेंड ऑफ लॉ’ के अवार्ड से सम्मानित किया था - इसके अलावा डॉ शंकर दयाल शर्मा को देश के कई कई बड़े कॉलेज के द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि दी गई और
इसके साथ ही उन्हें गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया।
मृत्यु – डॉ शंकर दयाल शर्मा की जीवनी
9 अक्टूबर 1999 को दिल का दौरा पड़ने के कारण दिल्ली के एक अस्पताल शंकरदयाल शर्मा मृत्यु हो गई।
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