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शांता कुमार की जीवनी – Shanta Kumar Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको शांता कुमार की जीवनी – Shanta Kumar Biography Hindi के बारे में बताएगे।

शांता कुमार की जीवनी – Shanta Kumar Biography Hindi

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शांता कुमार हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और भारत सरकार के भूतपूर्व मंत्री है।

वे भारतीय जनता पार्टी के एक नेता है। शांता कुमार 2 बार हिमाचल प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री रहे चुके है।

वे 1989 में कांगड़ा निर्वाचन क्षेत्र से 9 वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे।

उन्हें 1998 और 1999 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से लोकसभा के लिए चुना गया था।

सत्याग्रह और जनसंघ के आंदोलन में भी शांता कुमार ने भाग लिया और जेल की की सजा काटनी पड़ी।

जन्म

शांता कुमार का जन्म  12 सितम्बर,1934 में हुआ था।

उनका निवास स्थान यामिनी परिसर, पालमपुर, काँगड़ा जिला, हिमाचल प्रदेश में है।

उनके पिता का नाम जगन्नाथ शर्मा और उनकी माता का नाम कौशल्या देवी था।

उनका विवाह संतोष शैलजा देवी के साथ हुआ।

शिक्षा

शांता कुमार ने प्रांरभिक शिक्षा के बाद जेबीटी की पढ़ाई की और एक स्कूल में अध्यापक के रूप में काम करने लगे।

लेकिन आरएएस में मन लगने की वजह से दिल्ली चले गए।

वहां जाकर संघ का काम किया और ओपन यूनिवसर्सिटी से वकालत की डिग्री की।

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करियर

सत्याग्रह और जनसंघ के आंदोलन में भी शांता कुमार ने भाग लिया औरजिसके चलते उन्हे जेल की सजा काटनी पड़ी । 1971 में शांता कुमार ने पालमपुर विधानसभा से पहला चुनाव लड़ा और कुंज बिहारी से करीबी अंतर् से हार गए। एक साल बाद प्रदेश को पूर्णराज्य का दर्जा मिल गया और 1972 में फिर चुनाव हुए शांता कुमार खेरा से विधानसभा पहुंचे।

1977 में आपातकाल के बाद जब विधानसभा चुनाव हुए तो जनसंघ की सरकार बनी और शांता कुमार ने कांगडा के सुलह विधानसभा से चुनाव लड़ा और फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। लेकिन वे सरकार का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

इसके बाद 1979 में पहली बार काँगड़ा लोकसभा के चुनाव जीते और सांसद बने।

योगदान

शांता कुमार ने अंत्योदय जैसी योजना शुरू की। इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों को सस्ता राशन, पानी को लोगो के घर -घर तक पहुंचाना। प्रदेश के पानी पर रॉयल्टी लगाई गई, हिमाचल प्रदेश में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लगाए, नो वर्क-नो पे जैसे सख्त फैसले भी लिया।

लेखक

शांता कुमार ने आपातकाल के दौरान जेल में किताबें भी लिखी है।

वह एक नेता होने के साथ वह एक अच्छे लेखक भी हैं

उनकी द्वारा लिखी हुई पुस्तक विश्व विजेता विवेकानंद काफी प्र्सिद्ध हुई थी

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