शांति स्वरूप भटनागर जाने माने भारतीय वैज्ञानिक थे जो औद्योगिक अनुसन्धान परिषद के निदेशक रहे। उनकी बचपन से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी मेन दिलचस्पी थी। उन्होने 1921 मेन उन्हे डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि मिली। उन्हे भारत की शोध की प्रयोगशालाओं का जनक कहा जाता है। उन्होने भारत में 12 राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं स्थापित की। वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद के पहले डायरेक्ट जनरल भी रहे। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको शांति स्वरूप भटनागर की जीवनी – Shanti Swaroop Bhatnagar Biography Hindi के बारे में बताएगे।
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शांति स्वरूप भटनागर की जीवनी – Shanti Swaroop Bhatnagar Biography Hindi
जन्म
शान्ति स्वरूप भटनागर का जन्म 21 फ़रवरी 1894 को शाहपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता का नाम परमेश्वरी सहाय भटनागर था। उनका बचपन अपने ननिहाल में ही बीता। उनके नाना एक इंजीनियर थे, इसी कारण उनकी रुचि विज्ञान और अभियांत्रिकी में बढ़ गयी थी। उन्हें यांत्रिक खिलौने, इलेक्ट्रानिक बैटरियां और तारयुक्त टेलीफोन बनाने का शौक़ रहा।
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शिक्षा
शान्ति स्वरूप भटनागर ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से 1921 में विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। भारत लौटने के बाद उन्हें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्रोफ़ेसर के पद पर कार्य किया था।
योगदान
उन्हे भारत की शोध की प्रयोगशालाओं का जनक कहा जाता है। उन्होने भारत में 12 राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं स्थापित की। वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद के पहले डायरेक्ट जनरल भी रहे।
पुरस्कार
- शान्ति स्वरूप भटनागर को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी क्षेत्र में 1954 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- शान्ति स्वरूप भटनागर की मृत्यु के बाद सी. एस. आई. आर. (CSIR) ने कुशल वैज्ञानिकों के लिए शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार की घोषणा की थी।
मृत्यु
शान्ति स्वरूप भटनागर का निधन 1 जनवरी 1955 में हुआ था।