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शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी – Shatrughan Sinha Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी – Shatrughan Sinha Biography Hindi के बारे में बताएगे।

शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी – Shatrughan Sinha Biography Hindi

शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी - Shatrughan Sinha Biography Hindi

शत्रुघ्न सिन्हा भारतीय फिल्म अभिनेता और राजनेता है।

अपनी बुलंद आवाज से हर किसी को खामोश करने वाले सिन्हा ने कालीचरण,
विश्वनाथ, शान, काला पत्थर जैसी फिल्मों में अभिनय किया।

उनकी पहली फिल्म 1969 में आई साजन थी।

साल 2018 में उनकी जीवनी ‘एनिथिंग बट खामोश’ रिलीज हुई।

चार दशक के फिल्मी करियर में शत्रुघ्न सिन्हा ने कम से कम 200 हिन्दी फ़िल्मों में काम किया है।

वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी रहे।

2009 से 2014 और 2014 से 2019 तक लोकसभा के सदस्य रहे।

उन्होने 2019 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दमन थामा और पटना साहिब लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा।

जन्म

शत्रुघ्न सिन्हा का जन्म 15 जुलाई 1946 में बिहार की राजधानी पटना में हुआ था।

उनके पिता का नाम भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा तथा उनकी माता का नाम श्यामा देवी थीं।

शत्रु के पिता पेशे से चिकित्सक थे, इस वजह से उनकी इच्छा थी कि बेटा शत्रु भी डॉक्टर बने। लेकिन शॉटगन को ये मंजूर नहीं था। अपने चार भाईयों में सबसे छोटे शत्रुघ्न सिन्हा को घर में सभी लोग छोटका बबुआ कहा करते थे। उनकी पत्नी का नाम पूनम सिन्हा है। उनके बच्चों के नाम बेटी सोनाक्षी सिन्हा तथा उनके बेटों का नाम लव सिन्हा और कुश सिन्हा है।

शिक्षा

शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय फ़िल्म एवं टेलीविजन संस्थान, पुणे से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की हैं।

करियर – शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी

शत्रुघ्न सिन्हा की इच्छा बचपन से ही फ़िल्मों में काम करने की थी। अपने पिता की इच्छा को दरकिनार कर
वे फ़िल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे में प्रवेश लिया।

वहाँ से ट्रेनिंग लेने के बाद वे फ़िल्मों में कोशिश करने लगे। लेकिन कटे होंठ के कारण किस्मत साथ नहीं दे रही थी। ऐसे में वे प्लास्टिक सर्जरी कराने की सोचने लगे। तभी देवानंद ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया था। उन्होंने वर्ष 1969 में फ़िल्म ‘साजन’ के साथ अपने करियर की शुरूआत की थी।

पचास-साठ के दशक में के.एन. सिंह, साठ-सत्तर के दशक में प्राण, अमजद ख़ान और अमरीश पुरी। और इन्हीं के समानांतर फ़िल्म एण्ड टीवी संस्थान से अभिनय में प्रशिक्षित बिहारी बाबू उर्फ शॉटगन उर्फ शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री हिन्दी सिनेमा में होती है। यह वह दौर था जब बहुलसितारा (मल्टी स्टारर) फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर धन बरसा रही थीं।

बिहारी बाबू उर्फ शॉटगन

अपनी ठसकदार बुलंद, कड़क आवाज और चाल-ढाल की मदमस्त शैली के कारण शत्रुघ्न जल्दी ही दर्शकों के चहेते बन गए। आए तो वे थे वे हीरो बनने, लेकिन इंडस्ट्री ने उन्हें खलनायक बना दिया। खलनायकी के रूप में छाप छोड़ने के बाद वे हीरो भी बने। जॉनी उर्फ राजकुमार की तरह शत्रुघ्न की डॉयलाग डिलीवरी एकदम मुंहफट शैली की रही है।

यही वजह रही कि उन्हें ‘बड़बोला एक्टर’ घोषित कर दिया गया। उनके मुँह से निकलने वाले शब्द बंदूक की गोली समान होते थे, इसलिए उन्हें ‘शॉटगन’ का टाइटल भी दे दिया गया। शत्रुघ्न की पहली हिंदी फ़िल्म डायरेक्टर मोहन सहगल निर्देशित ‘साजन’ (1968) के बाद अभिनेत्री मुमताज़ की सिफारिश से उन्हें चंदर वोहरा की फ़िल्म ‘खिलौना’ (1970) मिली। इसके हीरो संजीव कुमार थे। बिहारी बाबू को बिहारी दल्ला का रोल दिया गया।

शत्रुघ्न ने इसे इतनी खूबी से निभाया कि रातों रात वे निर्माताओं की पहली पसंद बन गए।

उनके चेहरे के एक गाल पर कट का लम्बा निशान है।

यह निशान उनकी खलनायकी का प्लस पाइंट बन गया। शत्रुघ्न ने अपने चेहरे के एक्सप्रेशन में इस ‘कट’
का जबरदस्त इस्तेमाल कर अभिनय को प्रभावी बनाया है।

शत्रुघ्न और अमिताभ बच्चन

उस दौर के एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन के साथ शत्रुघ्न की एक के बाद एक अनेक फ़िल्में रिलीज होने लगीं। 1979 में यश चोपड़ा के निर्देशन की महत्वाकांक्षी फ़िल्म ‘काला पत्थर’ आई थी। इसके नायक अमिताभ थे। यह फ़िल्म 1975 में बिहार की कोयला खदान चसनाला में पानी भर जाने और सैकडों मज़दूरों को बचाने की सत्य घटना पर आधारित थी।

इस फ़िल्म में शत्रुघ्न ने मंगलसिंह नामक अपराधी का रोल किया था। इन दो महारथियों की टक्कर इस फ़िल्म में आमने-सामने की थी। काला पत्थर तो नहीं चली लेकिन अमिताभ-शत्रु की टक्कर को दर्शकों ने खूब पसंद किया। आगे चलकर अमिताभ-शत्रुघ्न फ़िल्म दोस्ताना (निर्देशक- राज खोसला), शान (निर्देशक- रमेश सिप्पी) तथा नसीब (निर्देशक- मनमोहन देसाई) जैसी फ़िल्मों में साथ-साथ आए

राजनीतिक करियर – शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी

सिन्हा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (2019) के सदस्य हैं। राजेश खन्ना के खिलाफ एक उपचुनाव में चुनाव लड़कर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। सिन्हा ने एक साक्षात्कार में उद्धृत किया कि उनके जीवन में उनका सबसे बड़ा अफसोस उनके दोस्त खन्ना के खिलाफ चुनाव लड़ रहा था।खन्ना ने 25,000 वोटों से सिन्हा को हराकर चुनाव जीते लेकिन हालांकि, उन्हें चोट लगी और उसके बाद सिन्हा से कभी बात नहीं की। सिन्हा ने खन्ना के साथ अपनी दोस्ती का पुनर्निर्माण करने की कोशिश की, हालांकि 2012 में खन्ना की मौत तक कभी नहीं हुआ।

उन्होंने भारतीय आम चुनाव, 2009 के दौरान बिहार में पटना साहिब लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र जीता।

उन्होंने एक और सिनेमा सेलिब्रिटी शेखर सुमन को हराया।

कुल 552,293 वोटों में से मतदान में सिन्हा को 316,472 वोट मिले।

उन्होंने बाद के भारतीय आम चुनाव, 2014 में भी सीट जीती।

वह 13 वीं लोक सभा से तीसरे वाजपेयी मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बने, जिसमें दो पोर्टफोलियो, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग (जनवरी 2003-मई 2004) और शिपिंग विभाग (अगस्त 2004) शामिल थे।

मई 2006 तक, उन्हें बीजेपी संस्कृति और कला विभाग के प्रमुख नियुक्त किया गया था।

2009 से 2014 और 2014 से 2019 तक लोकसभा के सदस्य रहे।

उन्होने 2019 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दमन थामा और पटना साहिब लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा।

फिल्में

2002 – बाबा2000  – शहीद ऊधम सिंह2000  – पापा द ग्रेट1998  – ज़ुल्म-ओ-सितम1996 – दिल तेरा दीवाना
2004 –  आन1995  – जमाना दीवाना1994 –  इन्साफ अपने लहू से1994 – बेताज बादशाह1994  – पतंग
1994 –  चाँद का टुकड़ा1994  – प्रेम योग1992  – अधर्म1991 – इरादा1991 –  रणभूमि
1991 – कस्बा1990  – हमसे ना टकराना1989  – आखिरी बाज़ी1989  – शहज़ादे1989  – ज़ख्म
1989  – बिल्लू बादशाह1989 –  कानून की आवाज़1989  – संतोष1989  – ज़ुर्रत1989 –  नाइंसाफी
1988 – धर्मयुद्ध1988  – गुनाहों का फ़ैसला1988  – सागर संगम1988  – शिव शक्ति1988  – शेरनी
1988  – महावीरा1988 –  मुलज़िम1988 – गंगा तेरे देश में1987 –  इंसानियत के दुश्मन1987  – आग ही आग
1987 – खुदगर्ज़1987 –  राही1987 –  हिरासत1987  – लोहा1987  – हवालात
1987  – जवाब हम देंगे1986  – असली नकली1986 –  समय की धारा1986 –  इलज़ाम1986  – कत्ल
1985  – काली बस्ती1985 –  आँधी तूफान1985  – होशियार1985  – भवानी जंकशन1985 –  युद्ध
1985  – अमीर आदमी गरीब आदमी1985  – फाँसी के बाद1985 –  रामकली1984  – मेरा दोस्त मेरा दुश्मन1984 –  माटी माँगे खून
1984  – द गोल्ड मैडल1984  – शरारा1984  – बद और बदनाम1984  – कैदी1984 –  आज का एम एल ए राम अवतार
1983 –  चोर पुलिस1983  – दौलत के दुश्मन1983 –  तकदीर शिव1981 – क्रांति1981 –  चेहरे पे चेहरा
1981 –  वक्त की दीवार1980  – बेरहम1980  – ज्वालामुखी1980 –  दोस्ताना1980  – बॉम्बे 405 मील
1980 –  चम्बल की कसम1980 –  शान1979  – बगुला भगत1979 –  गौतम गोविन्दा1979 –  मुकाबला
1979  – जानी दुश्मन1979  – काला पत्थर1979  – नौकर1977 – अब क्या होगा1977  – सत श्री अकाल
1977  – शिरडी के साईं बाबा1977 – सफेद हाथी1976 –  ख़ान दोस्त1975  – दो ठग1975 –  कहते हैं मुझको राजा
1975  – अनोखा1974  – दोस्त1974  – बदला1973  – छलिया1973 –  बलैक मेल
1973 –  हीरा1973 – प्यार का रिश्ता1973  – शरीफ़ बदमाश1972  – दो यार1972  – रास्ते का पत्थर
1972  – बॉम्बे टू गोआ

इसे भी पढ़े – धर्मेन्द्र की जीवनी – Dharmendra Biography Hindi

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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2 Comments

  1. नमस्कार
    शत्रुघ्न सिन्हा की डेट ऑफ बर्थ 15 जुलाई 1946 थी कृपया ध्यान दे

    1. जानकारी साँझा करने के लिए धन्यवाद / आपका साथ हमारी वेबसाईट को बेहतर बनता है

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