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सिद्धेश्वरी देवी की जीवनी – Siddheshwari Devi Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको सिद्धेश्वरी देवी की जीवनी – Siddheshwari Devi Biography Hindi के बारे में बताएगे।

सिद्धेश्वरी देवी की जीवनी – Siddheshwari Devi Biography Hindi

सिद्धेश्वरी देवी भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध गायिका थीं।

वे खयाल ,ठुमरी और दादरा ,चैती कजरी गायन में काफी निपुण थी।

उन्हे 1966 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

सिद्धेश्वरी देवी का बचपन का नाम गोनो था।

उन्हें सिद्धेश्वरी देवी नाम उनके बड़े गुरु रामदास ने दिया।

जन्म

सिद्धेश्वरी देवी का जन्म 8 अगस्त 1908 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था।

उनके पिता का नाम श्याम तथा उनकी माता का नाम श्रीमती चंदा उर्फ श्यामा थीं।

जब वे 18 माह की थी तो उनके माता-पिता का देहांत हो गया।

जिसके बाद में उनका पालन -पोषण उनकी मौसी और मशहूर गायिका राजेश्वरी देवी ने किया।

सिद्धेश्वरी देवी का बचपन का नाम गोनो  था।

शिक्षा

सिद्धेश्वरी देवी की संगीत की प्राथमिक शिक्षा देवास के रज्जब अली और लाहौर के इनायत खान ने दी थी।

लेकिन वह गुरु बड़े रामदास को मानती थी, क्योंकि गुरु रामदास ने ही उन्हे सिद्धेश्वरी देवी नाम दिया था।

करियर – सिद्धेश्वरी देवी की जीवनी

शास्त्रीय गायिका सिद्धेश्वरी देवी को पहली बार 17 साल की आयु में सरगुजा के युवराज के विवाहोत्सव में गाने का अवसर मिला। उनके पास अच्छे वस्त्र नहीं थे। ऐसे में विद्याधरी देवी ने उन्हें वस्त्र दिये।

वहां से सिद्धेश्वरी देवी का नाम सब ओर फैल गया। एक बार तो मुंबई के एक समारोह में वरिष्ठ गायिका केसरबाई इनके साथ ही उपस्थित थीं। जब उनसे ठुमरी गाने को कहा गया, तो उन्होंने कहा कि जहां ठुमरी साम्राज्ञी सिद्धेश्वरी देवी हों वहां मैं कैसे गा सकती हूं। अधिकांश बड़े संगीतकारों का भी यही मानना था कि मलका और गौहर के बाद ठुमरी के सिंहासन पर बैठने की अधिकार सिद्धेश्वरी देवी का ही हैं।

उन्होंने पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल तथा अनेक यूरोपीय देशों में जाकर भारतीय ठुमरी की धाक जमाई। उन्होंने राजाओं और ज़मीदारों के दरबारों से अपने प्रदर्शन शुरू किये और बढ़ते हुए आकाशवाणी और दूरदर्शन तक पहुंचीं। जैसे-जैसे समय और श्रोता बदले, उन्होंने अपने संगीत में परिवर्तन किया, यही उनकी सफलता का रहस्य था।

सिद्धेश्वरी देवी ने श्रीराम भारतीय कला केन्द्र, दिल्ली और कथक केन्द्र में नये कलाकारों को भी ठुमरी सिखाई।

सिद्धेश्वरी देवी ने उषा मूवीटोन की कुछ फ़िल्मों में अभिनय भी किया पर जल्द ही वे समझ गयीं कि उनका क्षेत्र केवल गायन ही है।

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पुरस्कार

निधन

सिद्धेश्वरी देवी  का निधन 17 मार्च, 1977 की सुबह के समय हुआ था।

स्मृति – सिद्धेश्वरी देवी की जीवनी

उनकी बेटी सविता देवी भी प्रख्यात गायिका हैं।

उन्होंने अपनी मां की स्मृति में ‘सिद्धेश्वरी देवी एकेडेमी ऑफ़ म्यूजिक’ की स्थापना की है।

इसके माध्यम से वे प्रतिवर्ष संगीत समारोह आयोजित कर वरिष्ठ संगीत साधकों को सम्मानित करती हैं।

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