सीताराम चतुर्वेदी की जीवनी – Sitaram Chaturvedi Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको सीताराम चतुर्वेदी की जीवनी – Sitaram Chaturvedi Biography Hindi के बारे में बताएगे।

सीताराम चतुर्वेदी की जीवनी – Sitaram Chaturvedi Biography Hindi

सीताराम चतुर्वेदी की जीवनी
सीताराम चतुर्वेदी की जीवनी

(English – Sitaram Chaturvedi) सीताराम चतुर्वेदी प्रसिद्ध साहित्यकार और पत्रकार थे।

उन्होंने ‘हनुमत चरित’ पर सर्वप्रथम मौलिक कृति की रचना की थी।

1933 से 1938 तक वे ‘सनातन धर्म’ के सम्पादक एवं मदनमोहन मालवीय के निजी सचिव रहे थे।

सीताराम चतुर्वेदी जी ने शिक्षा, साहित्य, दर्शन, इतिहास, योग, राजनीति आदि लगभग सभी क्षेत्रों में 214 ग्रंथ एवं 85 नाटक-नाटिकाओं का लेखन व मंचन किया।

संक्षिप्त विवरण

नाम सीताराम चतुर्वेदी
पूरा नाम, वास्तविक नाम
पण्डित सीताराम चतुर्वेदी
जन्म 27 जनवरी 1907
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश
पिता का नाम  पंडित भीमसेन
माता का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
मृत्यु
17 फरवरी 2005
मृत्यु स्थान

जन्म – सीताराम चतुर्वेदी की जीवनी

सीताराम चतुर्वेदी का जन्म 27 जनवरी 1907 को ‘छोटी पियरी’, वाराणसी (भूतपूर्व काशी), उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता पंडित भीमसेन जोकि ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ के प्राच्य विद्या एवं पौरोहित्य विभाग के अध्यक्ष थे।

शिक्षा

उन्होने मुजफ्फरनगर से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ से हिन्दी, संस्कृत, पालि तथा प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में स्नातकोत्तर तथा बी.टी., एल.एल.बी., साहित्याचार्य की उपाधि हासिल की। ये हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेज़ी, उर्दू, फ़ारसी, पालि, प्राकृत तथा अपभ्रंश भाषा एवं ब्राह्मी, खरोष्ठी आदि प्राचीन भारतीय लिपियों के भी ये जानकार थे।

करियर

ने ‘सेन्ट्रल हिन्दू स्कूल’ तथा ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ में 1932-1938 तक अध्यापन कार्य किया और साथ ही प्राध्यापक भी रहे।

पण्डित सीताराम जी ने 1927-1928 में ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ से प्रकाशित होने वाले ‘डॉन’ अंग्रेज़ी पत्र का सम्पादन किया था। इसके पश्चात् 1930-1932 में भूमिगत समाचार पत्र ‘रणभेरी’, ‘शंखनाद’ का संपादन व लेखन तथा ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ से प्रकाशित साप्ताहिक ‘सनातन धर्म’ का संपादन किया।

पण्डित सीताराम चतुर्वेदी 1932-1934 तथा 1952-1953 तक ‘भगवानदीन साहित्य विद्यालय’, काशी के आचार्य, ‘टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज’, ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’, काशी के संस्थापक अध्यक्ष 1942-1944, ‘सतीशचन्द्र कॉलेज’, बलिया के प्राचार्य 1948-1949, ‘टाउन डिग्री कॉलेज’ रहे।

1947-1949 तक बम्बई से ‘भारत विद्या’, 1948 में ‘प्रतिभा’ (मासिक), 1949 में ‘संग्राम’ (साप्ताहिक) एवं काशी से मासिक पत्र ‘वासंती’ (1955-1959) तथा कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) के ‘संकल्प’ का 1962-1963 में सम्पादन किया।

बलिया के प्राचार्य 1957 से 1968 तथा ‘बिनानी विद्या मन्दिर’, कलकत्ता के निदेशक 1962-1964 भी रहे थे।

रचनाएँ – सीताराम चतुर्वेदी की जीवनी

सीताराम चतुर्वेदी ने शिक्षा, साहित्य, दर्शन, इतिहास योग, राजनीति आदि लगभग सभी क्षेत्रों में 214 ग्रंथ एवं 85 नाटक-नाटिकाओं का लेखन व मंचन किया। उनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं-

  • मालवीय जीवन चरित
  • अभिनव नाट्य शास्त्र
  • समीक्षा शास्त्र
  • साहित्यानुशासन
  • तन्त्र विज्ञान और साधना
  • भारतीय और पाश्चात्य रंगमंच
  • कालिदास ग्रन्थावली (सटीक)
  • तुलसी ग्रन्थावली (टीका सहित)
  • सूर ग्रन्थावली (सटीक)
  • वाल्मीकीय रामायण (सटीक)

‘ठेठ टकसाली नागरी’ के एकमात्र लेखक पण्डित सीताराम चतुर्वेदी जी ने हिन्दी साहित्य के एकमात्र चम्पू ‘श्रीराम विजय’ की रचना की।

पुरस्कार

  • उन्हे उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान  द्वारा 1999 में ‘हिन्दी गौरव’ मिला।
  • हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा उन्हे 2003 में ‘साहित्य वाचस्पति’ मिला।
  • ‘हिन्दी गौरव’ तथा ‘कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय’ द्वारा 2003 में सीताराम चतुर्वेदी की डी. लिट् की उपाधि से नवाज गाया।

मृत्यु – सीताराम चतुर्वेदी की जीवनी

पण्डित सीताराम चतुर्वेदी की मृत्यु 17 फरवरी 2005 को बरेली के निकट हुआ।

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