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सौरव गांगुली की जीवनी – Sourav Ganguly Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको सौरव गांगुली की जीवनी – Sourav Ganguly Biography Hindi के बारे में बताएगे।

सौरव गांगुली की जीवनी – Sourav Ganguly Biography Hindi

सौरव गांगुली की जीवनी - Sourav Ganguly Biography Hindi

सौरव गांगुली पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी और भारतीय राष्ट्रीय टीम के कप्तान हैं।

उन्होने 1989 बंगाल के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया।

उन्हे दादा, प्रिंस ऑफ कोलकाता, बंगाल टाइगर, महाराजा के नाम से जाने जाते है।

2008 में उन्होने क्रिकेट से संन्यास लिया। वे 2015 में बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने

23 अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष नियुक्त हुए।

सौरव गांगुली को 1998 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।

जन्म

सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कलकत्ता भारत में हुआ था।

उनका पूरा नाम सौरव चंडीदास गांगुली है।

उनके पिता का नाम चंडीदास गांगुली तथा उनकी माता का नाम निरूपा गांगुली हैं।

उनके पिता एक बिजनेसमैन थे। उनके भाई का नाम स्नेहाशीष गांगुली है।

उन्होने 1997 में डोना रॉय से विवाह किया। 2001 में उनकी बेटी सना गांगुली का जन्म हुआ।

गांगुली के पिताजी का 2013 में निधन हो गया था।

शिक्षा – सौरव गांगुली की जीवनी

सौरव गांगुली ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल, कोलकाता से पूरी की।

इसके बाद उन्होने कलकत्ता विश्वविद्यालय और सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की।

करियर

शुरुआत मे करियर

गांगुली ने अपने करियर की शुरुआत उन्होंने स्कूल की और राज्य स्तरीय टीम में खेलते हुए की।

वर्तमान में वह एक दिवसीय मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाडियों में  5 वें स्थान पर हैं और 10,000 बनाने  वाले 5वें खिलाडी और सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय खिलाडी हैं। क्रिकेट पत्रिका विस्डन के अनुसार वे अब तक के सर्वश्रेष्ठ एक दिवसीय बल्लेबाजों में 6ठे स्थान पर हैं।

कई क्षेत्रीय टूर्नामेंटों (जैसे रणजी ट्राफी, दलीप ट्राफी आदि) में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गांगुली को राष्ट्रीय टीम में इंग्लैंड के खिलाफ खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने पहले टेस्ट में 131 रन बनाकर टीम में अपनी जगह बना कर ली। लगातार श्री लंका, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने और कई मैन ऑफ द मैच ख़िताब जीतने के बाद के बाद टीम में उनकी जगह सुनिश्चित हो गयी। 1999 क्रिकेट विश्व कप में उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ 318 रन के साझेदारी की जो की आज भी विश्व कप इतिहास में सर्वाधिक है।

2000 से 2019 तक

2000 में टीम के अन्य सदस्यों के मैच फिक्सिंग के कांड के कारण और के खराब स्वास्थ्य तात्कालिक कप्तान सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी त्याग दी, जिसके फलस्वरूप गांगुली को कप्तान बनाया गया। जल्द ही गांगुली को काउंटी क्रिकेट में डरहम की ओर से खराब प्रदर्शन और 2002 में नेटवेस्ट फायनल में शर्ट उतारने के कारण मीडिया में आलोचना का सामना करना पड़ा।

उन्होने 2003 विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और भारत विश्व कप फायनल में ऑस्ट्रेलिया से हरा. उसी वर्ष बाद में खराब प्रदर्शन के कारण सौरव गांगुली को टीम से निकला गया। 2006 में सौरव गांगुली की राष्ट्रीय टीम में वापसी हुई और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसी समय वे भारत के कोच ग्रेग चैपल के साथ विवादों में आये। गांगुली पुनः टीम से निकाले गए लेकिन 2007 क्रिकेट विश्व कप में खेलने के लिए चयनित हुए।

2008 में सौरव इंडियन प्रेमिएर लीग की टीम कोलकाता नाईट राइडर्स के कप्तान बनाये गए। इसी वर्ष ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक घरेलू सीरीस के बाद गांगुली ने क्रिकेट से त्याग की घोषणा की। इसके पश्चात गांगुली बंगाल की टीम से खेलते रहे और बंगाल के क्रिकेट संघ की क्रिकेट विकास समिति के अध्यक्ष बनाये गए। बांये हाथ के बल्लेबाज सौरव गांगुली एक सफल एक दिवसीय खिलाडी के रूप में जाने जाते हैं इन्होने ने एक दिविसयी मैचों में 11000  से ज्यादा रन बनाये।

ये भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक हैं जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को 49 में से 21 मैचों में सफलता दिखाई | एक उग्र कप्तान के रूप में मशहूर गांगुली ने कई नए खिलाडियों को अपनी कप्तानी के समय खेलने का अवसर प्रदान किया। बंगाल क्रिकेट संघ ने जुलाई  2014 में सौरव गांगुली को खेल प्रशासक के रूप में नियुक्त किया। 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष नियुक्त हुए।

रिकॉर्ड

सौरव गांगुली के नाम वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 7000, 8000 और 9000 रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है, हालांकि सबसे तेज 7000 रनों के गांगुली के रिकॉर्ड को 2014 में दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने तोड़ दिया था।सौरव को फरवरी 2000 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया था।

सौरव गांगुली ने 113 टेस्ट मैच की 188 पारियों में 42.18 की औसत और 51.26 की स्ट्राइक रेट से 7212 रन बनाए।

उनका उच्च स्कोर 239 रहा है।

इस दौरान उन्होंने 16 शतक, एक दोहरा शतक और 35 अर्द्धशतक भी लगाए।

टेस्ट मैचों में दादा ने 900 चौके और 57 अर्द्धशतक लगाए, इसके साथ ही उन्होंने 32 विकेट भी लिए हैं।

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पुरस्कार

  • 1997 के सहारा कप में सौरव ने लगातार 5 बार ‘मैन ऑफ द मैच’ पुरस्कार पाने का रिकार्ड कायम किया और फिर ‘मैन ऑफ द सीरीज’ पुरस्कार जीता।
  • सौरव गांगुली को 1998 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
  • 1998 में गांगुली को ‘स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर’ पुरस्कार दिया गया।
  • सन 2004 में उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

अन्य जानकारी – सौरव गांगुली की जीवनी

  • उन्होने 1989 बंगाल के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया।
  • 1992 – 96 तक घरेलू  क्रिकेट में खेलें।
  • 1992 में वेस्टइंडीज के खिलाफ  वनडे में पदार्पण किया और  सिर्फ तीन रन बनाए थे। जिसके कारण उन्हे टीम से बाहर कर दिया गया।
  • गांगुली ने भारत की ओर 49 टेस्ट मैचों में कप्तानी की जिसमें से 21 में जीत और 13 में हार मिली, जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे।
  • 1996 में फिर से टीम में वापसी हुई और टेस्ट क्रिकेटमें अपना पहला मैच खेला।
  • 1997 में वनडे में पहली बार कोई शतक लगाया।
  • 2000 में वनडे और टेस्ट के लिए राष्ट्रीय टीम के कप्तान बने।
  • 2005 में गांगुली का ग्रेग चैपल से विवाद हुआ। गांगुली की कप्तानी का भी अंत हुआ।
  • 2006 में वनडे टीम टीम में वापसी की।
  • 2007 में टेस्ट टीम में वापसी शानदार तरीके से की और अपने करियर का पहला दोहरा शतक जड़ा।
  • 2008 में उन्होने क्रिकेट से संन्यास लिया।
  • वे 2015 में बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने।
  • 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष नियुक्त हुए।
  • टेस्ट मैचों में दादा ने 900 चौके और 57 अर्द्धशतक लगाए, इसके साथ ही उन्होंने 32 विकेट भी लिए हैं।

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Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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