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सुब्रमण्यम स्वामी की जीवनी – Subramanian Swami Biography Hindi

सुब्रमण्यम स्वामी (English – Subramanian Swami) भारतीय अर्थशास्त्री, शैक्षणिक, और राजनीतिज्ञ, कानून मंत्री और जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं।

उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैटसिटक्स कलकता से पढ़ाई की। 26 साल की उम्र में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की। इसके बाद यही से पढ़ाया।

वे 1974 में राज्यसभा सदस्य बने । इसके बाद 1990 -91 के दौरान योजना आयोग के सदस्य और केंद्रीय मंत्री रहे। वे कई बार लोकसभा सदस्य बने। जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे। 1990 से 2013 तक पार्टी के भाजपा में विलय तक अध्यक्ष रहे।

सुब्रमण्यम स्वामी की जीवनी – Subramanian Swami Biography Hindi

 Subramanian Swami Biography Hindi
Subramanian Swami Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण

नामसुब्रमण्यम स्वामी
पूरा नामसुब्रमण्यम स्वामी
जन्म15 सितंबर 1939
जन्म स्थानचेन्नई, तमिलनाडु, भारत
पिता का नामसीताराम सुब्रमण्यम
माता का नामपद्मावती
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म
जाति

जन्म

Subramanian Swamiका जन्म 15 सितंबर 1939 में चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ था। उनके पिता का नाम सीताराम सुब्रमण्यम जोकि भारतीय सांख्यिकी सेवा में अधिकारी थे और बाद में केंद्रीय सांख्यिकी संस्थान के निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उनकी माता का नाम पद्मावती था।

सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने जून 1966 में रोक्सना नाम की एक पारसी महिला से शादी की। रोक्सना से उनकी पहली मूलकाट हार्वर्ड में हुई थी। उनकी दो बेटियाँ है, एक गीतांजलि स्वामी जिसने एम॰आई॰टी॰ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय शर्मा से शादी की है और दूसरी बेटी सुहासिनी हैदर जो सीएनएन आईबीएन में सम्पादक है और उन्होंने नदीम हैदर से विवाह किया है

शिक्षा

Subramanian Swami ने हिन्दू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित में अपनी स्नातक ऑनर्स डिग्री अर्जित किया। उन्होंने भारतीय सांख्यिकी संस्थान में सांख्यिकी में अपनी मास्टर्स डिग्री के लिए अध्ययन किया। इसके बाद वो पूर्ण रॉकफेलर छात्रवृत्ति पर हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए चले गए। उन्हें 1965  में अर्थशास्त्र में पी॰एच॰डी॰ प्राप्त हुई। उनके शोध सलाहकार नोबेल पुरस्कार विजेता साइमन कुज्नेट्स थे।

करियर और राजनीतिक जीवन

Subramanian Swami 1964 में, स्वामी हार्वर्ड में अर्थशास्त्र के संकाय में शामिल हो गए और उसके बाद से वह अर्थशास्त्र विभाग में पढ़ाने लगे। जुलाई 1966 में वो एक सहायक प्रोफेसर बन गए और 1969 में एसोसिएट प्रोफेसर बन गए।

इसके बाद वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में प्रोफेसर के रूप में जुड़े। वहा पर वे 1969 से 1991 तक गणितीय अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में रहे। 1970 के दशक में इंदिरा गाँधी के कारण उन्हें प्रोफेसर के पद से हटा दिया गया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायलय द्वारा कानूनी तौर पर 1990 के दशक में उन्हें दोबारा बहाल किया गया।

1974 और 1999 के बीच डॉ॰ स्वामी 5 बार संसद सदस्य के रूप में चुने गए। उन्होंन 1974 और 1999 के बीच उत्तर पूर्व मुंबई, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु का संसद में प्रतिनिधित्व किया। डॉ॰ स्वामी जयप्रकाश नारायण के साथ जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक है और 1990 के बाद से इसके अध्यक्ष हैं।

1991 में उन्होने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से कैबिनेट मंत्री बनने के लिए इस्तीफा दे दिया। 1977 से 1980 तक वो आई॰आई॰टी॰, दिल्ली के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में रहे और 1980  से 1982 तक वो आई॰आई॰टीयो के परिषद में रहे।

2011 तक उन्होंने हार्वर्ड में गर्मियों के सत्र में अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम को पढ़ाया। दिसंबर 2011 में एक विवादास्पद लेख के कारण हार्वर्ड के कला और विज्ञान के संकाय के संकाय परिषद ने उनके पाठ्यक्रम को हटा दिया।

जून 2012 को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्वामी को मैकलीन, वर्जीनिया में एक रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया। ओबामा ने 2012 में अपने पुनर्निर्वाचन के बाद स्वामी को अपने शपथ ग्रहण समारोह में भी आमंत्रित किया।

Subramanian Swami का राजनीतिक जीवन अराजनैतिक आंदोलन के साथ शुरू हुआ। यह आन्दोलन एक गैरराजनीतिक आन्दोलन के रूप में शुरू हुआ जिसने आगे चलकर जनता पार्टी की नींव डाली। डॉ॰ स्वामी द्वारा रखे गए उदारवादी आर्थिक नीतियों की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी बहुत बड़ी विरोधी थी और बाद में इंदिरा गाँधी के कारण डॉ॰ स्वामी को आई॰आई॰टी॰ से बर्खास्त कर दिया गया और इस घटना के बाद से डॉ॰ स्वामी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। डॉ॰ स्वामी इंदिरा गांधी के विरोधी पार्टी जनसंघ के तरफ से राज्यसभा के सदस्य बने।

कार्य

  • भारत से सोशलिज्म को हटाना
  • LTTE को भारत से भागना
  • कैलाश मानसरोवर के द्वार भारत के लिए खुलवाना
  • काले धन के विरोध में अभियान

विवादित बयान

  • “सोनिया गांधी ने राजीव गांधी की हत्यारी नलिनी की बेटी की इंग्लैंड में हुई शिक्षा का खर्च उठाया। यहां तक की नलिनी को इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दी गई। मुझे समझ नहीं आता कि वो इतनी उदारता क्यों दिखा रहे हैं। लगता है कि कहीं कुछ गड़बड़ तो है। राजीव गांधी की हत्या से सबसे ज्यादा फायदा सोनिया गांधी को हुआ था। “
  • “मैं कभी सावरकर से जुड़े कार्यक्रमों में नहीं जाता, क्योंकि वे बुद्धू थे। सावरकर की नासमझी के कारण जवाहर लाल नेहरू को सबसे ज्यादा फायदा हुआ, जो एकदम एंटी हिंदू थे। “
  • “कालेधन के मामले में मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बार उपाय बताए कि वो राशि कैसे भारत आएगी। लेकिन वित्त मंत्रालय पहुंचते ही मेरा पत्र रद्दी में डाल दिया गया। इसकी वजह मंत्रालय में मौजूद वित्त मंत्री अरुण जेटली का घमंडी होना है। “
  • “सरकारी क्षेत्र में एनपीए के सबसे बड़े कलाकार गौतम अडानी हैं। ये वक्त उन्हें जवाबदेह बनाने का है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं अडानी के खिलाफ जनहित याचिका दायर करुंगा। कई ऐसी चीजें हैं, जिनसे अडानी दूर भाग रहे हैं। कोई उनसे सवाल भी नहीं पूछ रहा। अडानी अपनी सरकार के करीबी होने की छवि बना रहे हैं। वो सरकार के लिए शर्मिदगी का कारण बन सकते हैं। “
  • “लेनिन एक आतंकवादी था। लेनिन तो विदेशी है, एक प्रकार से आतंकवादी है। ऐसे व्यक्ति की हमारे देश में मूर्ति? उस मूर्ति को कम्युनिस्ट पार्टी के हेडक्वार्टर के अंदर रख सकते हैं और पूजा करें। “
  • “महबूबा ने आतंकियों के आगे सरेंडर कर दिया है। उन्होंने मेजर आदित्य पर एफआईआर कर गलत किया था। ये बात अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दी है। एफआईआर करने से पहले महबूबा मुफ्ती को आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (ASPA) के रूल 7 को पढ़ लेना चाहिए था। इसकी एक लंबी प्रक्रिया है। इसके लिए उन्हें केंद्र से अनुमति लेनी चाहिए थी। रक्षा मंत्री को भी ASPA एक्ट को पढ़ लेना चाहिए था, नहीं तो लॉ मिनिस्ट्री से सलाह लेनी चाहिए। “
  • “प्रणय रॉय विदेश भाग सकते हैं, लिहाजा सरकार को उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करनी चाहिए। मैं पीएम को एक पत्र लिखकर ED और ITD को कहना चाहूंगा कि प्रणय रॉय के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी की जाए, वह दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन भाग सकते हैं। “
  • “पीएनबी महाघोटाले पर सिर्फ अरुण जेटली ही नहीं, बल्कि पूरा वित्त मंत्रालय चुप है। रिजर्व बैंक के बोर्ड में बैठने वाले बैंकिंग सेक्रेटरी भी चुप हैं। “
  • “जब श्रीदेवी का पार्थिव शरीर मुंबई पहुंचा तो मुंबई पुलिस ने श्रीदेवी का पोस्टमार्टम करने से क्यों मना कर दिया? वो शराब नहीं बीयर पीती थीं, उनकी हत्‍या हुई। “
  • “मैं मोदी के ख़िलाफ़ कभी नहीं बोलता हूं। वो मेरे दोस्त हैं। मैं जो कहता हूं उसे पार्टी चार-पांच महीने बाद लागू करती है। मैं पार्टी के हित में बोलता हूं। गुजरात में बहुमत आया है। मैंने 105 सीट कहा था, लेकिन 99 सीटें मिलीं। जिसने 150 कहा था उससे पूछो कि क्यों नहीं आईं। अगर उससे पूछोगे तो कह देगा कि जुमला है। “
  • “वेस्टर्न कपड़े विदेशियों द्वारा थोपी गई चीजों का ही एक हिस्सा है। वेस्टर्न कपड़े भारतीय मौसम के अनुकूल नहीं हैं। वेस्टर्न ड्रेस विदेशों द्वारा थोपी गई है। बीजेपी को यह पार्टी अनुशासन के तौर पर लागू करना चाहिए कि पार्टी के सभी मंत्री भारतीय मौसम के अनुकूल कपड़े पहनें। “
  • “संविधान का आर्टिकल 49 कहता है कि शराब को बैन कर देना चाहिए, हालांकि मैं ऐक्शन पैनल में नहीं हूं लेकिन बीजेपी को पार्टी में अनुशासन के तौर पर शराब पर बैन लगा देना चाहिए। “
  • ताजमहल, लालकिला, इंडिया गेट, संसद, राष्ट्रपति भवन जैसी हसीन इमारतें विदेशी शासकों की बनवाई हुई हैं। ये हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा नहीं बल्कि इतिहास की घटना की गवाह मात्र हैं। लिहाज़ा इनको इसी रूप में देखना और नई पीढ़ी को दिखाना चाहिए।

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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