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सुषमा चावला की जीवनी – Sushma Chawla Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको सुषमा चावला की जीवनी – Sushma Chawla Biography Hindi के बारे में बताएगे।

सुषमा चावला की जीवनी – Sushma Chawla Biography Hindi

सुषमा चावला की जीवनी

प्रथम महिला चेयरपर्सन ऑफ इंडियन एयरलाइंस सुषमा चावला ही है।

सुषमा चावला लंबे समय से सामाजिक कार्य में योगदान दे रही है।

जिसके चलते उन्हें 2018-19 के रोटरी क्लब का प्रेजिडेंट बनाया गया है।

जन्म

पेशे से डॉक्टर श्रीमती सुषमा चावला का जन्म 1951 में हुआ था।

वह 1978 से गायनेकोलॉजी और प्रसूति के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखती हैं और  इसके साथ ही डॉ।

सुषमा चावला एक फैमिली फिजिशियन हैं, जो फैमिली प्रैक्टिस और ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनोकोलॉजी में 39 साल के विशाल अनुभव के साथ हैं।

डॉ। सुषमा चावला का पिछले 35 सालों से डी 52, ग्रेटर कैलाश एन्क्लेव-II में एक क्लिनिक है – लाइफ केयर।

शिक्षा – सुषमा चावला की जीवनी

उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज से M.B; B.S की पढ़ाई पूरी नई दिल्ली में 1972 में मेडिसिन में उनके पास हस्बिक की डिग्री थी। और उन्होने व्यवसायों को समझने के लिए वर्ष 2017 में सीसीएस विश्वविद्यालय से एलएलबी भी पूरा कर लिया है।

करियर

उन्होने M.B; B.S की पढ़ाई पूरी करने के बाद जामा मस्जिद के कस्तूरबा अस्पताल में काम किया।

डॉ। सुषमा को स्त्री रोग, बांझपन और परिवार नियोजन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है।

वह अपने मरीजों की दो पीढ़ियों को कम से कम और उन्हें समर्पित करने के लिए एक पारिवारिक चिकित्सक हैं।

उन्हे कॉर्पोरेट रोगियों का एक विशाल अनुभव है।

वर्तमान में वह IFCI के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नेहरू प्लेस में प्रधान कार्यालय और नेहरू प्लेस, नई दिल्ली में IVCF हैं।

पूर्व में वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी रह चुकी हैं -आईडीबीआई, यूटीआई

योगदान – सुषमा चावला की जीवनी

डॉ. सुषमा चावला लंबे समय से महिलाओं की सेहत सेवाओं के लिए विभिन्न योजनाओं व सामाजिक कार्यो में अहम भूिमका अदा कर रही है।

डॉ. चावला पिछले 51 साल से जच्चा बच्चा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सेवाएं प्रदान कर रही है। 1967 में मेडिकल कालेज से पासआउट होने के बाद पीजीआई चंडीगढ़ में सेवाएं दी वहा उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन कर गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते। इसके बाद 1977 तक अमृतसर, बटाला व पठानकोट के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दी। 1977 से 80 तक सिविल अस्पताल जालंधर में सेवाएं प्रदान करने के बाद जालंधर नर्सिग होम जच्चा बच्चा को स्वास्थ्य सेवाएं दी। 1980 से चावला अस्पतासल व मेटरनिटी होम में सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इसके अलावा किशोरियों की स्वास्थ्य सुरक्षा व समाजिक दायरें में अहम भूमिका अदा कर रही हैं।

पुरस्कार

आइएमए जालंधर की पूर्व प्रधान व नारची की प्रधान डॉ. सुषमा चावला को जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए उतर भारत की इंस्पायरिंग गायनीक्लोजिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया है

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