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टोडरमल की जीवनी – Todar Mal Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको टोडरमल की जीवनी – Todar Mal Biography Hindi के बारे में बताएंगे।

टोडरमल की जीवनी – Todar Mal Biography Hindi

टोडरमल की जीवनी
टोडरमल की जीवनी

इतिहास के पन्नों में कुछ ऐसे महान योद्धाओं के नाम शामिल है

जिनको आजकल की दुनिया भूलती जा रही है.

उन्हीं योद्धा में एक थे राजा टोडरमल. राजा टोडरमल एक महान योद्धा के रूप में उभरे थे

और उनकी सूझ बूझ और प्रसासनिक नीत्ति को देखते हुए उनको अकबर ने अपने नवरत्नो में शामिल किया.

 

जन्म – टोडरमल की जीवनी

10 फरवरी 1503 ई. में सीतापुर जिले के लहरपुर गाँव में हुआ था.

टोडरमल के पिता और माता का नाम भी उनके जन्म स्थान की तरह ही विवादास्पद है.

राजा टोडरमल का वास्तविक नाम अल्ल टण्डन था.

जब ये छोटे थे तब इनके पिता जी की मृत्यु हो गई थी

इसलिए इनके पास कोई भी काम नहीं था तब या लेखक के रूप में उभरें.

योगदान

टोडरमल ने दह्साला बंदोबस्त द्वारा भू-व्यवस्था को नवीन स्वरूप प्रदान किया. उनकी राजस्व व्यवस्था से प्रभावित होकर अकबर ने प्रधानमंत्री का पद प्रदान किया था। टोडरमल मुगल बादशाह अकबर के नवरत्नो में से एक थे।

अकबर के यहाँ आने से पहले टोडरमल शेरशाह के यहाँ नौकरी कर चुके थे. टोडरमल के महान योध्दा, योग्य प्रशासक और एक वित्त मंत्री थे.

टोडरमल गुजरात के युद्ध में अकबर के साथ गए थे और अकबर ने उन्हें या देखने भेजा था की क्या सुरत का किला भेदा जा सकता है या नहीं. ये गुजरात के राज्यपाल भी रह चुके है.

बिहार के पटना सिटी के दीवान मोहल्ले में, नौजरघाट सिथत चित्रगुप्त मंदिर का पुर्ननिर्माण, राजा टोडरमल तथा उनके नायब रहे. कुवर किशोर बहादुर ने करवाकर कसौटी पत्थर की चित्रगुप्त की मूर्ति सन 1574 में स्थापित कराई थी।

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निधन – टोडरमल की जीवनी

राजा टोडरमल का निधन 8 November 1589 को लाहौर पाकिस्तान में हुआ.

इनके दो बेटे थे इनकी मृत्यु के समय इनके पास कोई भी  नहीं था.

उस समय इनके एक बेटे की मृत्यु हो गई  थी.

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