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तुलसीदास की जीवनी- Tulsidas Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको तुलसीदास की जीवनी- Tulsidas Biography Hindi के बारे मे बताएगे।

तुलसीदास की जीवनी- Tulsidas Biography Hindi

तुलसीदास की जीवनी

Tulsidas जी का जन्म 1511ई. में हुआ।

वे हिन्दी साहित्य के एक महान कवि थे।

इनका जीवन बहुत ही कठिनाइयो में बिता।

माता पिता की मृत्यु के पश्चात अपना पेट भरने के लिये भीख माँगकर गुजारा किया।

तुलसीदास रामचरितमानस, कवितावली, दोहावली जैसे कई ग्रंथो की रचना की।

 

जन्म – तुलसीदास की जीवनी

तुलसी दास का जन्म 1511 ई. में सोरों शुकरक्षेत्र, कासगंज, उतर प्रदेश में हुआ।

इनका पूरा नाम गोस्वमी तुलसी दास था. इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे और माता का नाम हुलसी था।

दीनबंधु पाठक की पुत्री रत्नावली से इनका विवाह हुआ था। अपनी पत्नी रत्नावली के उपदेश से वे भगवान की भक्ति में लीन हो गए।

जन्म के उपरांत जब उन्होने राम का शब्द उचारण किया तो उन्हे रामबोला कहकर पुकारा जाने लगा।

तुलसी दास के गुरु

तुलसी दास के गुरु का नाम नरहरि था।

साहित्यक ग्रंथो की रचना

126 वर्ष के लबें जीवन काल में तुलसीदास ने 22 कृतियों की रचना की थी।

जिनमें से पाँच बड़ी और छ: मध्यम श्रेणी में आती है. संस्कृत विद्वान होने के साथ ही इन्हे हिन्दी भाषा का भी सर्वश्रेष्ठ कवि माना जाता है।

तुलसी दास को महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी कहा गया है।

तुलसी दास ने कई साहित्यक ग्रंथो की रचना की वे इस प्रकार है -रामचरितमानस, विनयपत्रीका, दोहावली, कवितावली, हनुमान चालीसा, वैराग्य स्ंदीपनि, जानकी मंगल, पार्वती मंगल इत्यादि ग्रंथो की रचना की।

यात्रा

गोस्वामी तुलसी दास ने अयोध्या, चित्रकूट, काशी जैसे अनेक तीर्थ स्थलों की यात्रा की।

काशी में जाकर उन्होंने सनातन नाम के विद्वान से वेद, वेदांग, दर्शन, इतिहास और पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया।

निधन – तुलसीदास की जीवनी

तुलसी दास जी का निधन 1623 ई. में श्रावण कृष्ण सप्तमी शनिवार को तुलसी दास ने राम-राम कहते हुए अपने प्राण त्याग दिये। इसलिए उनकी मृत्यु के बाद एक दोहा भी प्रचलित है।

सवत सोलह सो अस्सी, असी गंग के तीर।
श्रावण शुक्ला सप्तमी, तुलसी तज्यो शरीर।।

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