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वेद प्रकाश शर्मा की जीवनी – Ved Prakash Sharma Biography Hindi

वेद प्रकाश शर्मा (English – Ved Prakash Sharma) हिंदी के लोकप्रिय उपन्यासकार एवं फ़िल्म पटकथा लेखक थे। उन्होंने सस्ते और लोकप्रिय उपन्यासों की रचना की है। ‘वर्दी वाला गुंडा’ वेद प्रकाश शर्मा का सफलतम थ्रिलर उपन्यास है। इस उपन्यास की लगभग 8 करोड़ प्रतियाँ बिक चुकी हैं। भारत में जनसाधारण में लोकप्रिय थ्रिलर उपन्यासों की दुनिया में यह उपन्यास “क्लासिक” का दर्जा रखता है। अक्षय कुमार की सुपरहिट फ़िल्म ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’ (1995) वेद प्रकाश शर्मा के उपन्यास ‘लल्लू’ पर आधारित थी। इसका निर्देशन उमेश मेहरा ने किया था। 2008 में उन्हे नटराज भूषण अवार्ड नवाजा गया था।

वेद प्रकाश शर्मा की जीवनी – Ved Prakash Sharma Biography Hindi

Ved Prakash Sharma Biography Hindi
Ved Prakash Sharma Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण

नामवेद प्रकाश शर्मा
पूरा नाम, अन्य नाम
वेद प्रकाश शर्मा
जन्म6 जून, 1955
जन्म स्थानमेरठ, उत्तर प्रदेश
पिता का नाम
माता  का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
मृत्यु
17 फ़रवरी, 2017
मृत्यु स्थान
मेरठ, उत्तर प्रदेश

जन्म

वेद प्रकाश शर्मा का जन्म 6 जून 1955 को हुआ था।  उनके परिवार में पत्नी मधु शर्मा के अलावा बेटा शगुन और तीन बेटियां हैं।

लेखन करियर

Ved Prakash Sharma को बचपन से ही उपन्यास पढ़ने का शौक था। उनके इसी शौक ने उन्हें देश भर में पहचान दिलाई। बात 1972 की है। हाईस्कूल की परीक्षा देकर वह गर्मी की छुट्टियों में अपने पैतृक गांव बिहरा (बुलंदशहर) गए थे। उपन्यास के शौकीन वेदप्रकाश अपने साथ दर्जन भर से अधिक किताबें ले गए थे। कुछ ही दिन में उन्होंने सारी किताबें पढ़ डालीं। समय व्यतीत करने के लिए उन्होंने उपन्यास लिखना शुरू कर दिया। पिता को यह बात पता चली, तो उन्हें काफ़ी डांट पड़ी। बाद में पिता ने पढ़ा तो उनके दिल को बेटे की लेखन शैली छू गई। उन्होेंने 250 से अधिक उपन्यास लिखे। उनके लिखे उपन्यास बेहद प्रेरणादायक और उद्देश्य परक होते थे। वर्ष-1993 में उनके उपन्यास ‘वर्दी वाला गुंडा’ ने उन्हें देशभर में काफ़ी शोहरत दिलाई थी, जिसकी आठ करोड़ से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं।

फ़िल्म पटकथा लेखन

फिल्म ‘अनाम’ (1993) की पटकथा वेद प्रकाश शर्मा ने लिखी थी। इसका निर्देशन रमेश मोदी ने किया था। इसके बाद रिलीज हुई फिल्म ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’ (1995) उनके उपन्यास ‘लल्लू’ पर आधारित थी। इसका निर्देशन उमेश मेहरा ने किया था। इसकी अगली सिरीज इंटरनेशनल खिलाड़ी की भी कहानी वेद प्रकाश शर्मा ने लिखी थी, जो 1999 को रिलीज हुई थी। इसके अलावा उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘केशव पंडित’ पर वर्ष 2010 में टीवी सीरियल भी बना। यह भी दर्शकों में खूब चर्चित हुआ। ‘बहू मांगे इंसाफ’ पर शशिलाल नायर के निर्देशन में ‘बहू की आवाज’ फिल्म बनी। एक बार मेरठ आए सुपरस्टार आमिर खान की जब उनसे मुलाकात हुई थी, तो उन्होंने एक फिल्म के लिए स्क्रिप्ट लिखने का आग्रह किया था और वेद प्रकाश उस पर काम कर रहे थे। उनके उपन्यास छोटे पर्दे पर सीरियल के रूप में भी सामने आए।

प्रसिद्धि

राजनीतिक के अलावा पुलिस और प्रशासनिक अफसरों में उनके नाम की खूब चर्चा होती थी। आम आदमी की भाषा में लिखने वाले वेद प्रकाश शर्मा देश के बड़े लेखक में शुमार हुए। उनसे जुड़े लोगों के मुताबिक़, एक बार वह बेगमपुल पर घूम रहे थे। तभी वर्दी में एक दरोगा पहुंचते हैं। वह कुछ लोगों पर ऐसे डंडे बरसाते हैं, जैसे बदमाशों को पीट रहे हों। वेद प्रकाश शर्मा वर्दी वाले उस दरोगा को देखते हैं। बाद में उनके मन में जो विचार पनपा, उसी ने उन्हें बड़े मुकाम तक पहुंचा दिया। वर्दी वाला गुंडा उपन्यास में उनके द्वारा लिखी गई घटना को पढ़कर आज भी पुलिस अफसर सीख लेते हैं। वेद प्रकाश शर्मा के उपन्यासों का पाठकों को लंबा इंतजार रहता था। मूवी टिकट की तरह ही शहर के कई बुक स्टॉल पर उनके उपन्यासों की एडवांस बुकिंग होती थी। वर्ष-1993 में प्रकाशित उपन्यास वर्दी वाला गुंडा की पहले ही दिन देशभर में 15 लाख प्रतियां बिक गई थीं। शहर के सभी बुक स्टॉल पर कुछ ही घंटों में उपन्यास की प्रतियां समाप्त हो चुकी थीं। बुकिंग कराने वाले कई लोगों को उपन्यास नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी थी।

चर्चित उपन्यास

  • वर्दी वाला गुंडा,
  • केशव पंडित,
  • बहू मांगे इंसाफ,
  • दहेज में रिवाल्वर,
  • तीन तिलंगे,
  • डायन,
  • भस्मासुर,
  • सुपरस्टार,
  • पैंतरा,
  • सारे जहां से ऊंचा,
  • रैना कहे पुकार के,
  • मदारी,
  • क्योंकि वो बीवियां बदलते हैं,
  • कुबड़ा,
  • चक्रव्यूह,
  • शेर का बच्चा,
  • सबसे बड़ा जासूस,
  • रणभूमि,
  • लाश कहां छुपाऊं,
  • कफ़न तेरे बेटे का,
  • देश न जल जाए,
  • सीआईए का आतंक,
  • हिंद का बेटा,
  • कर्फ्यू,
  • बदसूरत,
  • चकमा,
  • गैंडा,
  • अपराधी विकास,
  • सिंगही और मर्डर लैंड,
  • मंगल सम्राट विकास

सम्मान और पुरस्कार

  • Ved Prakash Sharma को वर्ष 1992 व 1994 में मेरठ रत्न अवार्ड से नवाजा गया।
  • 1995 में उन्हे नटराज अवार्ड से सम्मानित किया
  • वर्ष 2008 में नटराज भूषण अवार्ड नवाजा गया था।
  • इसके अलावा भी उन्हें अपने रचनाकर्म के लिए कई सम्मान मिले।

निधन

वेदप्रकाश शर्मा का निधन 17 फरवरी, 2017 शुक्रवार को रात करीब 11:50 बजे अपने शास्त्रीनगर स्थित आवास पर हो गया।

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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