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विक्रम साराभाई की जीवनी – Vikram Sarabhai Biography Hindi

 आज इस आर्टिकल में हम आपको विक्रम साराभाई की जीवनी – विक्रम साराभाई Biography Hindi के बारे में बताएगे।

विक्रम साराभाई की जीवनी – विक्रम साराभाई Biography Hindi

विक्रम साराभाई एक भारतीय वैज्ञानिक और नवप्रवर्तक थे। 

जिन्हें व्यापक रूप से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता था।

औसत से बड़े कान होने के चलते उनके परिवार वाले उनकी तुलना गांधी जी के साथ करते थे।

उन्होने 1947 में देश में अंतरिक्ष विज्ञान का आधार कही जाने वाली फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी की स्थापना की थी।

उन्हे 1962 में शांति स्वरुप भटनागर मैडल भी दिया गया।

देश ने साराभाई को 1966 में पद्म भुषण और 1972 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

जन्म

विक्रम साराभाई का जन्म 12 अगस्त 1919 को गुजरात, भारत के अहमदाबाद शहर में हुआ था।

उनका पूरा नाम विक्रम अम्बालाल साराभाई था।

उनके पिता का नाम अम्बालाल तथा उनकी माता का नाम सरला देवी था।

 उनके पिता अंबालाल साराभाई एक संपन्न उद्योगपति थे

अम्बालाल और सरला देवी की 8 संताने थी।

विक्रम साराभाई के औसत से बड़े कान होने के चलते उनके परिवार वाले उनकी तुलना गांधी जी के साथ करते थे।

सितम्बर 1942 को विक्रम साराभाई का विवाह मशहूर नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई से हुआ। उनका वैवाहिक समारोह चेन्नई में आयोजित किया गया था जिसमे विक्रम के परिवार से कोई उपस्थित नही था।

क्योकि उस समय महात्मा गांधी का भारत छोडो आंदोलन चरम पर था।

विक्रम और मृणालिनी को दो बच्चे है – कार्तिकेय साराभाई और मल्लिका साराभाई। मल्लिका साराभाई एक अभिनेत्री है, जिन्हें पालमे डी’ओरे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।और उनका बेटा कार्तिकेय शोध और अनुसंधान क्षेत्र से जुड़े है।

शिक्षा और करियर

अपने 8 बच्चों को पढाने के लिए सरला देवी ने मोंटेसरी प्रथाओ के अनुसार एक प्राइवेट स्कूल की स्थापना की।

जिसे मारिया मोंटेसरी ने प्रतिपादित किया था।

उनकी इस स्कूल ने बाद में काफी ख्याति प्राप्त की थी।

साराभाई का परिवार भारतीय स्वतंत्रता अभियान में शामिल होने के कारण बहोत से स्वतंत्रता सेनानी जैसे महात्मा गांधी, रवीन्द्रनाथ टैगोर, मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरु अक्सर साराभाई के घर आते-जाते रहते थे। इन सभी सेनानियो का उस समय युवा विक्रम साराभाई के जीवन पर काफी प्रभाव पडा और उन्होंने साराभाई के व्यक्तिगत जीवन के विकास में काफी सहायता भी की।इंटरमीडिएट विज्ञान परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद विक्रम साराभाई ने अहमदाबाद के गुजरात महाविद्यालय से अपना मेट्रिक पूरा किया। इसके बाद वे इंग्लैंड चले गए और वहा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के सेन्ट जॉन महाविद्यालय, कैंब्रिज से शिक्षा ग्रहण की।

साराभाई को 1940 में प्राकृतिक विज्ञान (कैंब्रिज में) में उनके योगदान के लिए ट्रिपोस भी दिया गया। बाद में दुसरे विश्व युद्ध की वृद्धि के कारण, साराभाई भारत वापिस आ गए और भारतीय विज्ञान संस्था, बैंगलोर में शामिल हो गए और सर सी.व्ही. रमन नोबेल खिताब विजेता सी.व्ही. रमन के मार्गदर्शन में अंतरिक्ष किरणों पर खोज करना शुरू किया ।

इंग्लैंड जाने के बाद सन् 1947 में विक्रम फिर भारत में लौट आये।

और अपने देश की जरुरतो को देखने लगे, उन्होंने अपने परिवार द्वारा स्थापित समाजसेवी संस्थाओ को भी चलाना शुरू किया।

उन्होने अहमदाबाद के ही नजदीक अपनी एक अनुसन्धान संस्था का निर्माण किया।

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11 नवंबर 1947 को उन्होंने भौतिक अनुसन्धान प्रयोगशाला (Physical Research Laboratory) की स्थापना की।

उस समय वे केवल 28 साल के थे। वे अपनी अनुसन्धान प्रयोगशाला के कर्ता-धर्ता थे।

अन्य जानकारी – विक्रम साराभाई की जीवनी

डॉ. साराभाई द्वारा स्थापित संस्थान :

पुरस्कार – विक्रम साराभाई की जीवनी

मृत्यु

30 दिसंबर 1971 को 52 वर्ष कि उम्र में केरला के थिरुअनंतपुरम के कोवलम में विक्रम साराभाई का निधन हुआ था।

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