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वीरेंद्र कुमार सकलेचा की जीवनी – Virendra Kumar Sakhlecha Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको वीरेंद्र कुमार सकलेचा की जीवनी – Virendra Kumar Sakhlecha Biography Hindi के बारे में बताएगे।

वीरेंद्र कुमार सकलेचा की जीवनी – Virendra Kumar Sakhlecha Biography Hindi

वीरेंद्र कुमार सकलेचा की जीवनीजन्म

वीरेन्द्र कुमार सकलेचा का जन्म 4 मार्च 1930 हुआ था। और मन्दसौर जिले के मूल निवासी थे। उनकी पत्नी का नाम चेतन देवी सकलेचा और उनके 4 बच्चे है।

करियर

वीरेन्द्र कुमार सकलेचा मध्य प्रदेश के 10वें मुख्यमंत्री बने।
वे 18 जनवरी, 1978 से 19 जनवरी 1980 तक मुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत रहे।
वे भारतीय जनता पार्टी के नेता थे।

मृत्यु

31 मई 1999 को 69 वर्ष की आयु में भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत में वीरेन्द्र कुमार सकलेचा की मृत्यु हो गई ।

करियर

वीरेन्द्र कुमार सकलेचा भारत के एक राजनेता थे जो मध्य प्रदेश के 10वें मुख्यमन्त्री बने।

वे भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखते थे।

छात्र जीवन काल में ही शैक्षणिक तथा सार्वजनिक कार्यों में अत्‍यधिक रूचि. कॉलेज पत्रिका के अंग्रेजी विभाग के संपादक चुने गये

विभिन्‍न स्‍थानों के लिए चुनाव लड़ने वाले सफल छात्र उम्‍मीदवारों में सर्वाधिक मत मिले.

1953 में महु नगर में साढ़े तीन वर्ष तक वकालत की. दिसम्‍बर 1956 में महू छोड़कर आम चुनाव में भाग लेने के लिए जावद आये

फरवरी, 1957 में जनसंघ के टिकिट पर जावद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से म.प्र. विधान सभा के सदस्‍य निर्वाचित.

1960 के बाद

1962 से 1967 तक विधान सभा में विरोधी दल के नेता रहे.

1967 में तीसरी बार जनसंघ टिकिट पर जावद निर्वाचन क्षेत्र से राज्‍य विधान सभा के लिए चुने गये और विरोधी दल के नेता निर्वाचित हुए.

विधायक के रूप में अपने कानूनी तथा संवैधानिक मामलों के परिपक्‍व ज्ञान के कारण प्रतिष्‍ठा प्राप्‍त की.

तीन वर्षों तक अर्थात् 1962, 63 और 64 तक लोक लेखा समिति के सभापति रहे.

1967 में श्री द्वारिका प्रसाद मिश्र की सरकार को विधान सभा में पराजित कर संयुक्‍त विधायक दल की सरकार बनाने में प्रमुख रूप से भाग लिया

31 जुलाई, 1967 को श्री गोविन्‍द नारायण सिंह के म‍ंत्रिमण्‍डल में उप मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली.

अंतर्राज्‍यीय प्राधिकरण के निर्णय और उसके क्रियान्‍वयन के विरोध में किये गये आन्‍दोलन में भाग लेने हेतु उप मुख्‍य मंत्री पद से त्‍यागपत्र दिया.

आन्‍दोलन के बाद दुबारा उप मुख्‍यमंत्री पद पर नियुक्‍त हुए और मार्च, 1969 तक इस पद पर रहे.

सन् 1972 में राज्‍य सभा के सदस्‍य निर्वाचित हुए. 26 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा के बाद गिरफ्तार किये गये.

सन् 1977 के आम चुनाव में विधान सभा के लिए भारी बहुमत से विजयी.

27 जून, 1977 को म.प्र. मंत्रिमण्‍डल में मंत्री पद की शपथ ली.

श्री कैलाश जोशी द्वारा त्‍यागपत्र दिये जाने के बाद 17 जनवरी, 1978 को जनता विधायक दल के नेता चुने गये

18 जनवरी, 1978 को मुख्‍यमंत्री के रूप में पद तथा गोपनीयता की शपथ ली.

दिनांक 31 मई, 1999 को आपका देहावसान हो गया.

व्यक्तिगत जीवन

सखलेचा एक अपराधी बैरिस्टर थे। ‘स्वच्छ राजनीति’ के प्रबल समर्थक के रूप में, उन्होंने भारतीय जनसंघ के विस्तार में मदद की।

उनके बेटे ओम प्रकाश सखलेचा भी भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं

मध्य प्रदेश विधानसभा से विधायक के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल में हैं।

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