आज इस आर्टिकल में हम आपको वैज्ञानिक यशपाल की जीवनी – Yashpal Biography Hindi के बारे में बताएगे।
वैज्ञानिक यशपाल की जीवनी – Yashpal Biography Hindi
( English – Yashpal) यशपाल भारत के मशहूर वैज्ञानिक और शिक्षाविद थे।
यशपाल दूरदर्शन पर ‘टर्निंग पाइंट’ नाम के एक साइंटिफिक कार्यक्रम को भी होस्ट करते थे।
भारत में उनका शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान रहा है।
उन्हे 1976 में ‘पद्म भूषण’ तथा 2013 में ‘पद्म विभूषण’ सम्मान से नवाजा गया था।
संक्षिप्त विवरण
नाम | यशपाल |
पूरा नाम | यशपाल |
जन्म | 26 नवंबर 1926 |
जन्म स्थान | झंग (अब पाकिस्तान में) |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
जाति | – |
जन्म
Yashpal का जन्म 26 नवंबर 1926 को झंग (अब पाकिस्तान में) नामक स्थान पर हुआ था।
उनके परिवार में पत्नी और दो पुत्र हैं।
शिक्षा – वैज्ञानिक यशपाल की जीवनी
यशपाल ने 1949 में पंजाब विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान से अपना स्नातक पूर्ण किया था।
इसके बाद उन्होंने 1958 में मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेकनोलॉजी से भौतिक विज्ञान में ही पीएचडी की।
करियर
यशपाल ने अपने कॅरियर की शुरुआत टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च से की थी। 1973 में भारत सरकार ने उन्हें स्पेस एप्लीकेशन सेंटर का पहला डॉयरेक्टर नियुक्त किया था।
1983-1984 में वे प्लानिंग कमीशन के मुख्य सलाहकार भी रहे। विज्ञान व तकनीकी विभाग में वह सचिव रहे।
इसके अतिरिक्त उन्हें ‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग’ में अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी गई।
यशपाल जी दूरदर्शन पर ‘टर्निंग पाइंट’ नाम के एक साइंटिफिक प्रोग्राम को भी होस्ट करते थे। उनका शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान रहा।
प्रोफ़ेसर यशपाल 2007 से 2012 तक देश के बड़े विश्व विद्यालयों में से दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के वाइस चांसलर भी रहे।
योगदान
1986 से 1991 के बीच यशपाल को यूजीसी का चेयरमैन नियुक्त किया गया। 1970 में उनके होशंगाबाद साइंस टीचिंग प्रोग्राम को खूब सराहना मिली।
1993 में बच्चों की शिक्षा में ओबरबर्डन के मुद्दे पर भारत सरकार ने यशपाल की अध्यक्षता में एक समीति बनाई। इस समीति ने लर्निंग विथाउट बर्डन नाम से रिपोर्ट दी। यह रिपोर्ट शिक्षा के क्षेत्र में बेहद प्रासंगिक है। एनसीईआरटी ने जब नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क बनाया, तब यशपाल को इसका चेयरपर्सन बनाया गया।
हायर एजुकेशन में मानव संसाधन मंत्रालय ने 2009 में यशपाल समीति बनाई। समीति ने हायर एजुकेशन में काफ़ी बदलाव के सुझाव दिए। हालांकि सरकार को भी अभी इन्हें ठीक तरह से लागू करना बाकी है। यशपाल दूरदर्शन पर ‘टर्निंग पाइंट’ नाम के एक साइंटिफिक प्रोग्राम को भी होस्ट करते थे
पुरस्कार – वैज्ञानिक यशपाल की जीवनी
- प्रोफ़ेसर यशपाल को 1976 में ‘पद्म भूषण ‘ तथा 2013 में ‘पद्म विभूषण’ सम्मान से नवाजा गया था।
- साल 2009 में विज्ञान को बढ़ावा देने और उसे लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाने की वजह से
- उन्हें यूनेस्को ने ‘कलिंग सम्मान’ से नवाजा था।
- मारकोनी पुरस्कार – 1980
- लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार
मृत्यु
यशपाल जी की मृत्यु 24 जुलाई 2017 को नोएडा, उत्तर प्रदेश के एक निजी अस्पताल में हुई।
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