आज इस आर्टिकल में हम आपको यशपाल की जीवनी के बारे में जानकारी देने जा रहे है. यशपाल जी ने 1928 में लार्ड इरविन ट्रेन के नीचे बम लगाने के षड्यंत्र में भाग लिया था। जिसके लिए उन्हें 6 साल की जेल की सजा काटनी पड़ी थी। वे एक प्रतिभाशाली लेखक थे और प्रसिद्ध किताब ‘सिम्बालोकन’ सहित कई पुस्तकें लिखी थीं। तो आइए आज हम आपको इस आर्टिकल में यशपाल के जीवन के बारे में बताएंगे.
यशपाल की जीवनी

जन्म
यशपाल का जन्म 3 दिसंबर 1903 को भोपाल जिला हमीरपुर में हुआ था. इनके पिता हीरालाल एवं माता प्रेमा देवी आर्यसमाजी थे.
योगदान
यशपाल ने अपने कॉलेज के दौरान उन्होंने भगत सिंह और सुखदेव से मुलाकात की और चरमपंथी समूह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी में शामिल हो गए। एचएसआरए ने 1929 में लॉर्ड इरविन को ले जाने वाली ट्रेन को उड़ाने षड्यंत्र रचा था। यशपाल ने उसे बम से विस्फोट किया था। कई नेताओं की गिरफ्तारी के बाद यशपाल ने चंद्रशेखर आजाद को एचएसआरए को फिर से संगठित करने में मदद की। 1932 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और वह 6 साल तक जेल में रहे।
लेखक
- वे एक प्रतिभाशाली लेखक थे और प्रसिद्ध किताब ‘सिम्बालोकन’ सहित कई पुस्तकें लिखी थीं।
- उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
यशपाल की रचनाएँ
यशपाल की बहुत ही रचनाएँ प्रसिद्ध है जो निम्न प्रकार से है-
- निबंध संग्रह– चक्कर, क्लब, न्याय का संघर्ष, बात बात में, पत्र पत्रिका के दर्जनों लेख.
- यात्रा संस्मरण – राह बीती, लोहे की दीवारों के दोनों और आदि. कुछ अनुदित रचनाएं भी मिलती है, जिनमें जनानी, ड्योढ़ी, पक्का कदम जैसे उपन्यास हैं.
- कहानी संग्रह – तर्क का तूफान, भस्मावृत, धर्मयुद्ध, ज्ञानदास, फूलों का कुर्ता, पिंजरे की उड़ान, तुमने क्यों कहा मैं सुंदर हूँ, चिंगारी आदि.
- उपन्यास – दादा कामरेड, देशद्रोही, पार्टी कामरेड, अमिता, मनुष्य के रूप, झूठा सच, बारह घंटे, दिव्या आदि.
आज इस आर्टिकल में हमने आपको यशपाल की जीवनी के बारे में जानकारी डी इसको लेकर अगर आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर सकते है.