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यशवंत सिंहा की जीवनी – Yashwant Sinha Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको यशवंत सिंहा की जीवनी – Yashwant Sinha Biography Hindi के बारे में बताएगे।

यशवंत सिंहा की जीवनी – Yashwant Sinha Biography Hindi

यशवंत सिंहा राज्य के हजारीबाग के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से पुणे निर्वाचित भाजपा के एक ऐसे प्रतिभा संपन्न राजनेता है।

जिन्होंने बारहवीं तथा 13वीं लोकसभा के गठन के बाद बनी वाजपेई सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

अटल बिहारी वाजपेई मंत्रिमंडल (केंद्रीय मंत्रिमंडल) में वित्त मंत्री व विदेश मंत्री रहे हैं।

 

जन्म

यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवंबर 1937 को पटना में हुआ था।

उनके पिता का नाम विपिन बिहारी शरण था और उनकी माता का नाम धन्ना देवी था।

उनकी पत्नी का नाम नीलिमा सिन्हा है। और उनके बेटे का नाम का नाम जयंत सिन्हा है।

यशवंत सिन्हा पढ़ने, बागवानी और लोगों से मिलने तथा अन्य कई क्षेत्रों में दिलचस्पी रखते हैं।

वे व्यापक रूप से देश-दुनिया में घूमे हुए हैं कई राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधिमंडलों की अगुवाई कर चुके हैं।

उन्होंने देश की ओर से कई वार्ताओं एवं आदान-प्रदान में एक अग्रणी भूमिका निभाई थी।

शिक्षा – यशवंत सिंहा की जीवनी

यशवंत सिन्हा ने प्राथमिक शिक्षा Patna Collegiate School और Patna University में 1958 में राजनीति
शास्त्र में अपनी मास्टर्स (स्नातकोत्तर) डिग्री प्राप्त की।

इसके बाद में उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 1960 तक इसी विषय की शिक्षा दी।

करियर

राजनीतिक करियर

जनता दल

भाजपा

वित्त मंत्री – यशवंत सिंहा की जीवनी

यशवंत सिन्हा 1 जुलाई 2002 तक वित्त मंत्री बने रहे, इसके बाद विदेश मंत्री जसवंत सिंह के साथ उनके पद की अदला-बदली कर दी गयी। अपने कार्यकाल के दौरान सिन्हा को अपनी सरकार की कुछ प्रमुख नीतिगत पहलू को वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा था जिसके लिए उनकी काफी आलोचना भी की गयी. फिर भी, सिन्हा को व्यापक रूप से कई प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है जिनके परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था दृढ़तापूर्वक विकास पथ पर अग्रसर हुई है।
इनमें शामिल हैं वास्तविक ब्याज दरों में कमी, ऋण भुगतान पर कर में छूट, दूरसंचार क्षेत्र को स्वतंत्र करना, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए धन मुहैया करवाने में मदद और पेट्रोलियम उद्योग को नियंत्रण मुक्त करना। सिन्हा ऐसे प्रथम वित्त मंत्री के रूप में भी जाने जाते हैं जिसने भारतीय बजट को स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे प्रस्तुत करने की 53 साल पुरानी परंपरा को तोड़ा; यह प्रथा ब्रिटिश राज के ज़माने से चली आ रही थी जिसमे भारतीय बजट को भारतीय संसद की सुविधा की बजाय ब्रिटिश संसद (1130 एएम, जीएमटी) की सुविधानुसार पेश करने की कोशिश की जाती थी।सिन्हा ने “कन्फेशंस ऑफ ए स्वदेशी रिफॉर्मर” नामक पुस्तक में वित्त मंत्री के रूप में अपने द्वारा बिताए गए वर्षों का विस्तृत ब्यौरा दिया है।

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