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योगी आदित्यनाथ की जीवनी – Yogi Adityanath Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको योगी आदित्यनाथ की जीवनी – Yogi Adityanath Biography Hindi के बारे में बताएगे।

योगी आदित्यनाथ की जीवनी – Yogi Adityanath Biography Hindi

योगी आदित्यनाथ की जीवनी

योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त और एक राजनेता हैं।

इस समय में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री हैं।

उन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद उन्होने 21वें मुख्यमन्त्री के पद की शपथ ली।उन्होने 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 2014 लोकसभा चुनाव में भी गोरखपुर से सांसद चुने गए थे।आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। इसके साथ ही वे हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं और इनकी छवि कथित तौर पर एक देशभक्त की है।

जन्म

आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गडवाल जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव में हुआ था ।

योगी आदित्यनाथ गड्वाली राजपूत हैं।

आदित्यनाथ का नाम श्री अजय सिंह बिष्ट था।

योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है।

योगी आदित्यनाथ के पिता एक फॉरेस्ट रेंजर थे।

आदित्यनाथ के भाई बहन मिलकर 7 भाई बहन हैं।

योगी आदित्यनाथ जी के तीन बहनें और तीन भाई हैं

शिक्षा

योगी आदित्यनाथ की ने 1977 में टिहरी के गजा में स्थित स्कूल में पढाई शुरूआत की और 1987 में यही से ही उन्होंने 10वीं की परीक्षा भी पास की। 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की और 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और इसके साथ ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े।  1992 में श्री नगर के हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल विश्वविधालय से उन्होने गणित में बी.एस.सी की परीक्षा पास की। योगी आदित्यनाथ जी की पढाई में कई बाधाएं आई जब वे कोटद्वार में रह रहे थे उस दौरान उनके कमरे से उनका सामान चोरी हो गया जिसमे इनके सनत प्रमाण पात्र भी थे।

जिसके कारण योगी जी की गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने की कोशिश सफल नहीं हो पाई।

इसके बाद उन्होने ऋषिकेश में दौबारा दाखिला लिया लेकिन राम मंदिर आन्दोलन के चलते उनका ध्यान उस की और आकर्षित हो गया।1993 से गणित में एमएससी की पढाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर प्रवास के दौरान ही वे महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए थे जो इनके पड़ोस के गांव के निवासी और परिवार के पुराने परिचित थे।अंततः वे महंत जी की शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली।1994 में वे दौबारा सन्यासी बन गए और उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।इसके बाद में 12 सितम्बर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद योगी जी को महंत बनाया गया।

इसके 2 दिन बाद उन्हे नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पिता पीठाधीश्वर बनाया गया।

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करियर – योगी आदित्यनाथ की जीवनी

1998 में योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और जीता भी।

उस समय उनकी उम्र केवल 26 साल थी।

वे12वीं लोक सभा के सबसे युवा सांसद भी रह चुके है।

1999 में गोरखपुर सेएक बार फिर सांसद चुने गए।

अप्रैल 2002 में उन्होने हिन्दू युवा वाहिनी बनाई।

2004 में उन्होने तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता।

2009 में भी 2 लाख ज्यादा वोट जीतकर लोकसभा में पहुंचे।

2014 में जब पांचवी बार लोकसभा के चुनाव हुए तब योगी जी एक बार फिर 2 लाख से ज्यादा वोटों से सांसद चुने गए।  2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला और इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए।

जिसमे योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया जिसका परिणाम काफी खराब रहा।

2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार करवाया।

इसके लिए उन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया जिसके परिणामस्वरूप 19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना गया और मुख्यमंत्री का पद सौंपा गया।

1991 से 2017 तक

योगी आदित्यनाथ जी को मुख्मंत्री का पद मिलना उत्तर प्रदेश के लिए बहुत बड़ा बदलाव था।

आदित्यनाथ के भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से पुराना है।

वैसे तो योगी आदित्यनाथ जी को जीव जंतु से बहुत ही प्यार है उन्होंने मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के साथ ही उत्तर प्रदेश के सारे बूचडखाने (Slaughterhouse) बंद करवा दिए थे। योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाके में बहुत ज्यादा प्रभाव रहा है। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महन्त अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से 1991 और 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।योगी आदित्यनाथ का लोकसभा चुनावों और नीतियों में प्रदर्शन और काफी सहयोग रहा।योगी आदित्यनाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की।लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 तथा 2014 में सांसद चुने गए।

उन्होंने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री है और लोगों की पहली पसंद बन चुके है।

आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश का हाल पहले से काफी अच्छा कर दिया है।

योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री पद 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शपथ समारोह में योगी आदित्यनाथ को शपथ दिला कर पूरी हुई।

शपथ समारोह लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में हुआ।

इनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाये गए।

उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार दो उप-मुख्यमंत्री बने।

इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे।

मंच पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह भी मौजूद रहे।

विवाद – योगी आदित्यनाथ की जीवनी

  • योगी आदित्यनाथ एक हिन्दू महंत है जो की कई विवाद में भी आ चुके हैं जिसके चलते 7 सितम्बर 2008 को आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। जिस हमले में योगी जी बाल बाल बचे।
  • इस हमले में 100 से भी ज्यादा वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया था और बेचारे निहत्थे लोगों को लहुलुहान भी किया। आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग मे एक हिन्दू युवा की जान चली गयी।
  • जिलाधिकारी ने बताया कि वे बुरी तरह जख्मी है।
  • तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया लेकिन योगी आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए। तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से साफ मना कर दिया।
  • योगी आदित्यनाथ ने भी इस बात की कोई चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी करवा दी।
  • आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा  151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल में डाल दिया गया।
  • उन पर कार्यवाही का ऐसा असर हुआ कि मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा दिया।
  • ये दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों और तीन माडलों में भी फैल गया था।
  • योगी आदित्यनाथ की गिरफ़्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरिओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला कर दिया गया था।
  • यह माना जा रहा था कि योगी आदित्यनाथ के दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी।
  • योगी आदित्यनाथ धर्मंतार्ण के खिलाफ थे वैसे तो योगी आदित्नाथ जी सन्यासी थे और अपने घर वापस जाने के लिए काफी चर्चित रहे।

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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One Comment

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