जाकिर हुसैन देश में सबसे कम उम्र में पद्म श्री से सम्मानित मशहूर तबला वादक है। उनका बचपन मुंबई में बिता। जाकिर हुसैन भारत के प्रसिद्ध तबला वादक है। 12 साल की उम्र में ही जाकिर के तबले की आवाज में दुनिया भर में फैलनेलगी थी। 1973 में लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड नाम से पहला एल्बम रिलीज किया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2002 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 1992 और 2009 में भी ग्रैमी से सम्मानित हुए. तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको जाकिर हुसैन की जीवनी- Zakir Hussain Biography Hindi के बारे में बताएंगे.
जाकिर हुसैन की जीवनी – Zakir Hussain Biography Hindi
जन्म
हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम उस्ताद अल्लारखा था. उनके पिता भी एक मशहूर तबला वादक थे। जाकिर की शादी एंटोनिया मिनीकोला से हुई जो एक कत्थक डांसर और शिक्षिका हैं। इसके साथ ही वो जाकिर की मैनेजर भी हैं। इन दोनों की बेटियां हैं -अनीसा कुरैशी और इजाबेला कुरैशी है।
शिक्षा
जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से हुई से ही प्राप्त हुई थी। जाकिर ने सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की।
करियर
प्रारंभिक शिक्षा और कॉलेज के बाद और जाकिर हुसैन ने कला के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करना शुरू कर दिया। 1973 में उनका पहला एल्बम लिविंग इन द मेटेरियल वर्ल्ड आया था। उसके बाद तो जैसे जाकिर हुसैन ने ठान लिया कि वह अपने तबले की आवाज को पूरी दुनिया भर में फैला देंगे । 1973 से लेकर 2007 तक जाकिर हुसैन ने कई अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाते रहे। जाकिर हुसैन भारत में तो काफी प्रसिद्ध हैं इसके साथ ही विश्व के कई हिस्सों में भी समान रुप से काफी प्रसिद्ध हैं।
महज तीन साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता से पखावज बजाना सीखा। वे प्लैनेट ड्रम नाम के एक रिद्धम बैंड का भी हिस्सा रहे। इस बैंड में उनके साथी मिकी हार्ट, सिकिरू एडिपोजू, जियोवन्नी हिडाल्गो 1992 में इस ग्रुप को विश्व के श्रेष्ठ म्यूजिक एल्बम का ग्रैमी अवॉर्ड मिला. इस बैंड ने 2007 में एक बार फिर से अपना हुनर दिखाया। ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट नाम का एल्बम लेकर ये आए और एक बार फिर से इस बैंड की झोली में ग्रैमा अवॉर्ड आया.जाकिर हुसैन ने ‘हिट एंड डस्ट’ और ‘साज’ सहित कई फिल्मों में भी काम किया है.
सम्मान
- देश में सबसे कम उम्र 37 साल की आयु में 1988 में जाकिर हुसैन को पदम श्री से सम्मानित किया गया किया गया।
- 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पदम भूषण सम्मान से नवाजा गया।
- जाकिर जाकिर हुसैन को 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रति पुरस्कार ग्रैमी अवॉर्ड भी दिया जा चुका है।