आज इस आर्टिकल में हम आपको पंडित बस्तीराम की जीवनी – Dada Bastiram Biography Hindi के बारे में बताएगे।
पंडित बस्तीराम की जीवनी – Dada Bastiram Biography Hindi
जन्म
प्रसिद्ध आर्य समाज के उपदेशक पंडित बस्तीराम का जन्म लगभग 1842 ई. ग्राम खेड़ी सुल्तान में हुआ था।
जो अब हरियाणा के तहसील और जिला झज्जर में है।
पंडित बस्तीराम को दादा बस्तीराम के नाम से भी जाना जाता है।
पंडित बस्तीराम जब 1880 में स्वामी दयानंद से मिले,
उन्होंने सुदूर गांवों में आर्य समाज के लिए प्रचार करने की कसम खाई और एक अंधा व्यक्ति पंजाब से गाँव-गाँव घूमता रहा
शिक्षा
बस्तीराम एक उच्च शिक्षित ब्राह्मण थे और उन्होंने वाराणसी में कई संस्कृत संस्थानों में शिक्षा ग्रहण की थी।
योगदान
जब वह 1880 में स्वामी दयानंद से मिले, तो उन्होंने सुदूर गांवों में आर्य समाज के लिए प्रचार करने की कसम खाई। एक अंधा आदमी बस्तीराम पंजाब से गाँव-गाँव घूमता रहा, विशेष रूप से हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान।
जिसने भी उनके उपदेशों को सुना, सामाजिक कुरीतियों से छुटकारा पाया, जैसे कि उस समय के स्वार्थी ब्राह्मणों द्वारा फैलाया जा रहा अंधविश्वास, सती प्रथा, महिलाओं के प्रति अशिक्षा, दहेज प्रथा आदि।
दादा बस्तीराम के कुछ ‘भजन’ भी हैं। ये भजन वास्तव में हरियाणवी भाषा में नहीं हैं, बल्कि यस्टर-वर्षों की शुद्ध हिंदी में हैं। ये भजन इस प्रकार से है –
- सोच समझ कर ठहर बटेऊ, जगह नहीं आराम की….।।
- देखो भी लोगो कैसे अचम्भे की बात….।।
- ऐरी मेरी भारत भूमि किस पर करे तू गुमान…..।।
मृत्यु
पंडित बस्तीराम ने 117 वर्ष एक लंबा जीवन जिया और 1959 में अंतिम सांस ली।
Read This -> जुही चावला की जीवनी – Juhi Chawla Biography Hindi
दादा बस्ती राम का जन्म खेड़ी सुल्तान में हुआ था ना कि खीरी सुल्तान में | so please change details dada basti ram.