आज इस आर्टिकल में हम आपको गीता दत्त की जीवनी – Geeta Dutt Biography Hindi के बारे में बताएगे।
गीता दत्त की जीवनी – Geeta Dutt Biography Hindi
गीता दत्त प्रसिद्ध पाश्र्वगायिका थी। गीता ने हिन्दी के अलावा कई बांग्ला फ़िल्मों के लिए भी गाने गाए।
उन्होने 16 साल की उम्र में 1946 में भक्त प्रहलाद में पहला गाना गाया।
एसडी बर्मन उनके गाने से काफी प्रभावित हुए। गीता ने एसडी बर्मन के लिए 72 गाने गाए जिनमें 43 सोलो थे।
उन्होने अदाकारी में भी हाथ आजमाया। 1957 में उनके पति मशहूर निर्देशक और अभिनेता गुरु दत्त ने गीता को फिल्म गौरी में बतौर अभिनेत्री लॉन्च किया। बाबू जी धीरे चलना, जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी उनके गाये गए बेहतरीन गीत रहे ।
जन्म
गीता दत्त का जन्म 23 नवंबर 1930 को फरीदपुर शहर में हुआ।
जब वे महज 12 वर्ष की थी तब उनका पूरा परिवार अब बांग्लादेश में फरीदपुर से मुंबई आ गया।
उनके पिता ज़मींदार थे। शादी से पहले उनका नाम गीता घोष राय चौधरी था।
1951 गीता दत्त के सिने करियर के दौरान वे मशहूर निर्देशक और अभिनेता गुरु दत्त से मिली।
फ़िल्म के एक गाने ‘तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले’ की रिर्काडिंग के दौरान गीता दत्त को देख गुरुदत्त मोहित हो गए। इसके बाद गीता दत्त भी गुरुदत्त से प्यार करने लगी।
1953 में गीता दत्त ने गुरुदत्त से शादी कर ली। इसके साथ ही फ़िल्म बाजी की सफलता ने गीता दत्त की तकदीर बना दी और बतौर पार्श्व गायिका वह फ़िल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गई। गीता औए गुरुदत्त की तीन संतान हुई जिनका नाम तरुण, अरुण और नीना दत्त है।
शिक्षा – गीता दत्त की जीवनी
गीता दत्त का बचपन के दिनों से ही संगीत की ओर रुझान था और वह पार्श्वगायिका बनना चाहती थी। गीता दत्त ने अपनी संगीत की प्रारंभिक शिक्षा हनुमान प्रसाद से हासिल की।
करियर
उन्होने 16 साल की उम्र में 1946 में भक्त प्रहलाद में पहला गाना गाया। एसडी बर्मन उनके गाने से काफी प्रभावित हुए। गीता में एस. डी. बर्मन को फ़िल्म इंडस्ट्री का उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया और उन्होंने गीता दत्त से अपनी अगली फ़िल्म ‘दो भाई’ के लिए गाने की पेशकश की। वर्ष 1947 में प्रदर्शित फ़िल्म ‘दो भाई’ गीता दत्त के सिने कैरियर की अहम फ़िल्म साबित हुई और इस फ़िल्म में उनका गाया यह गीत ‘मेरा सुंदर सपना बीत गया’ लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हुआ।
फ़िल्म ‘दो भाई’ में अपने गाये इस गीत की कामयाबी की बाद बतौर पार्श्वगायिका गीतादत्त अपनी पहचान बनाने में सफल हो गई। गीता ने एसडी बर्मन के लिए 72 गाने गाए जिनमें 43 सोलो थे। उन्होने अदाकारी में भी हाथ आजमाया। गीता ने हिन्दी के अलावा कई बांग्ला फ़िल्मों के लिए भी गाने गाए। उनमें तुमी जो आमार (हरनो सुर-1957), निशि रात बाका चांद (पृथ्वी आमार छाया-1957), दूरे तुमी आज (इंद्राणी-1958), एई सुंदर स्वर्णलिपि संध्या (हॉस्पिटल-1960), आमी सुनचि तुमारी गान (स्वरलिपि-1961) जैसे गीत श्रोताओं के बीच आज भी लोकप्रिय है। 1957 में उनके पति मशहूर निर्देशक और अभिनेता गुरु दत्त ने गीता को फिल्म गौरी में बतौर अभिनेत्री लॉन्च किया।
फ़िल्में
प्यासा | सुजाता | साहिब बीबी और ग़ुलाम | बाज़ी |
आर-पार | सीआईडी | हावड़ा ब्रिज | कागज़ के फूल |
गीत – गीता दत्त की जीवनी
- खयालों में किसी के इस तरह आया नहीं करते
- सुनो गजर क्या गाए
- न ये चाँद होगा, न ये तारे रहेंगे
- कैसे कोई जिए, जहर है जिन्दगी
- बाबू जी धीरे चलना
- आज सजन मोहे अंग लगा ले
- मेरा नाम चिन-चिन चू
- जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
- जाता कहाँ है दीवाने
- ऐ दिल मुझे बता दे, तू किसपे आ गया है
- वक्त ने किया क्या हँसीं सितम
गुरुदत्त से अलगाव – गीता दत्त की जीवनी
1957 मे गीता दत्त और गुरुदत्त की विवाहित ज़िंदगी मे दरार आ गई। गुरुदत्त ने गीता दत्त के काम में दख़ल देना शुरू कर दिया। वह चाहते थे गीता दत्त केवल उनकी बनाई फ़िल्म के लिए ही गीत गाये। काम में प्रति समर्पित गीता दत्त तो पहले इस बात के लिये राजी नहीं हुई लेकिन बाद में गीता दत्त ने किस्मत से समझौता करना ही बेहतर समझा। धीरे-धीरे अन्य निर्माता निर्देशको ने गीता दत्त से किनारा करना शुरू कर दिया।
कुछ दिनों के बाद गीता दत्त अपने पति गुरुदत्त के बढ़ते दख़ल को बर्दाशत न कर सकी और उसने गुरुदत्त से अलग रहने का निर्णय कर लिया। इस बात की एक मुख्य वजह यह भी रही कि उस समय गुरुदत्त का नाम अभिनेत्री वहीदा रहमान के साथ भी जोड़ा जा रहा था जिसे गीता दत्त सहन नहीं कर सकीं। गीता दत्त से जुदाई के बाद गुरुदत्त टूट से गये और उन्होंने अपने आप को शराब के नशे मे डूबो दिया। 10 अक्टूबर 1964 को अत्यधिक मात्रा मे नींद की गोलियां लेने के कारण गुरुदत्त इस दुनिया को छोड़कर चले गए। गुरुदत्त की मौत के बाद गीता दत्त को गहरा सदमा पहुंचा और उसने भी अपने आप को नशे में डुबो दिया और जिसके बाद वे बीमार रहने लगी।
मृत्यु
गीता दत्त की 20 जुलाई 1972 को मृत्यु हो गई।
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