आज इस आर्टिकल में हम आपको गुरबख्श सिंह ढिल्लों की जीवनी – Gurbaksh Singh Dhillon Biography Hindi के बारे में बताएगे।
गुरबख्श सिंह ढिल्लों की जीवनी – Gurbaksh Singh Dhillon Biography Hindi
(English – Gurbaksh Singh Dhillon)गुरबख्श सिंह ढिल्लों आज़ाद हिन्द फ़ौज के अधिकारी थे।
इन्हें सिंगापुर में युद्धबंदी बना लिया गया था।
इसके बाद में ब्रिटिश सेना ने उन पर कोर्ट मार्शल की कार्यवाई की थी।
उन्हे 1998 में भारत सरकार द्वारा ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया।
संक्षिप्त विवरण
नाम | गुरबख्श सिंह |
पूरा नाम,अन्य नाम |
गुरबख्श सिंह ढिल्लों |
जन्म | 18 मार्च, 1914 |
जन्म स्थान | – |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु |
6 फरवरी, 2006 |
मृत्यु स्थान |
– |
जन्म – गुरबख्श सिंह ढिल्लों की जीवनी
गुरबख्श सिंह ढिल्लों का जन्म 18 मार्च, 1914 को अलगोन, पंजाब, ब्रिटिश भारत (वर्तमान तरनतारन जिला, पंजाब, भारत) में हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार ताखर सिंह था जोकि 8 वीं किंग जॉर्ज के स्वयं के प्रकाश घुड़सवार सेना के एक पशु चिकित्सक थे।
गुरबख्श सिंह जी ने 1928 में चौदह साल की उम्र में बसंत कौर से शादी कर ली। उनके एक बेटी जिसका नाम अमृता और उनके दो बेटे अमरजीत और सर्वजीत थे
योगदान
कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों और मेजर जनरल शाह नवाज ख़ान को क्रमश: मलाया, सिंगापुर और बर्मा में युद्धबंदी बना लिया गया था। द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद शाह नवाज खान और प्रेम कुमार सहगल के साथ कर्नल ढिल्लों के ऊपर सम्मिलित रूप से ‘ब्रिटिश सम्राट के विरुद्ध युद्ध करने’ का मुकदमा करके लाल किले में विचारणा (ट्रायल) हुआ।
ब्रिटिश सम्राट के विरुद्ध युद्ध करने का आरोप लगाकर प्रेम सहगल, गुरबख्श सिंह और शाह नवाज ख़ान पर मुक़दमा चलाया गया और ब्रिटिश सेना ने कोर्ट मार्शल की कार्यवाई की। इन तीनों पर देशद्रोह और प्रताड़ना और यहां तक की हत्या के आरोप लगाये गये थे। सर तेज बहादुर सप्रू के नेतृत्व में कई वकील बचाव पक्ष का हिस्सा थे।
पुरस्कार
कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों को सन 1998 में भारत सरकार द्वारा ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया।
उक्त कोर्ट मार्शल पर आधारित एक फ़िल्म ‘रागदेश’ का भी निर्माण हुआ।
इस फ़िल्म का निर्माण तिग्मांशू धूलिया ने किया था। इस पीरियड फ़िल्म में कुनाल कपूर, अमित साध और मोहित मारवाह मुख्य भूमिकाओं में हैं। अभिनेताओं ने अपनी-अपनी भूमिकाएँ निभाने के लिए आईएनए अधिकारियों के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की थी।
मृत्यु – गुरबख्श सिंह ढिल्लों की जीवनी
गुरबख्श सिंह ढिल्लों की मृत्यु 91 वर्ष की आयु में 6 फरवरी, 2006 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत में हुई।
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