हीरा लाल शास्त्री की जीवनी – Hira Lal Shastri Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको हीरा लाल शास्त्री की जीवनी – Hira Lal Shastri Biography Hindi के बारे में बताएगे।

हीरा लाल शास्त्री की जीवनी – Hira Lal Shastri Biography Hindi

हीरा लाल शास्त्री की जीवनी - Hira Lal Shastri Biography Hindi

हीरा लाल शास्त्री प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री तथा भारत के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे।

उन्होने 30 मार्च, 1949 से 5 जनवरी, 1951 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया।

इसके साथ ही वे ‘वनस्थली विद्यापीठ’ के संस्थाप्क भी थे।

जन्म

हीरा लाल शास्त्री का जन्म  24 नवंबर  1899 को जोबनेर गाँव, जयपुर ज़िला राजस्थान में हुआ था।

उनकी पत्नी का नाम रतन देवी तथा उनकी बेटी का नाम शांता था।

वे बेटी शांता को खुद पढ़ाते थे।

जब शांता 12 साल की हुई तो वे एक दिन बहुत बीमार हुई और उनकी मौत हो गई।

शिक्षा

हीरा लाल शास्त्री की प्रारम्भिक शिक्षा उनके गाँव जोबनेर में ही हुई थी।

1920 में उन्होंने साहित्य-शास्त्री की डिग्री प्राप्त की।

1921 में जयपुर के ‘महाराज कॉलेज’ से बी.ए. किया।

इस परीक्षा में हीरा लाल शास्त्री ने सर्वप्रथम स्थान प्राप्त हुआ था।

राजनीतिक करियर – हीरा लाल शास्त्री की जीवनी

  • 1929 में हीरा लाल शास्त्री ने अपने बचपन का संकल्प पूरा करने के उद्देश्य से जयपुर से 45 मील की दूरी पर स्थित ‘वनस्थली’ नामक एक दूरवर्ती और पिछड़े गाँव को चुना और वहाँ ‘जीवन कुटीर’ की स्थापना की।
  • उन्होंने वहाँ निष्ठावान सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक दल को प्रशिक्षित किया और गाँवों के पुनर्निर्माण के लिए एक कार्यक्रम के कार्यान्वयन का प्रयास किया।
  • यही कार्यकर्ता बाद में राजपूताना की कई रियासतों में राजनैतिक जागरुकता के अग्रदूत बने।
  • 1937 में उन्हें ‘जयपुर राज्य प्रजा मंडल’ का पुनर्गठन करने का भार सौंपा गया।
  • वे इस मंडल के दो बार महामंत्री और दो बार अध्यक्ष चुने गए।
  • इसके बाद 1939 में नागरिक स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए उन्होंने प्रजा मंडल के सत्याग्राह का नेतृत्व किया और उन्हें छह महीने की कैद हुई।
  • 1947 में उन्हें ‘अखिल भारतीय देशी राज्य प्रजा परिषद’ का महामंत्री बनाया गया। उसी वर्ष उन्हें संविधान सभा के लिए भी चुना गया।
  • 1948 में जयपुर रियासत में प्रतिनिधि सरकार बनने पर हीरा लाल शास्त्री ने उसके मुख्यमंत्री का कार्यभार सँभाला और 30 मार्च, 1949 को जब राजस्थान राज्य का निर्माण हुआ तो वे उसके प्रथम मुख्यमंत्री बने। कई रियासतों को मिलाने और आज के प्रभावशाली प्रशासन का रूप देने के अत्यंत कठिन कार्य की जिम्मेदारी उन्हीं पर आई।
  • उन्होंने यह जटिल कार्य थोड़े ही समय में पूरा कर लिया। 5 जनवरी, 1951 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया और बाद में दूसरी लोकसभा के सदस्य बने।
  • उन्होने  ‘वनस्थली विद्यापीठ’ की स्थापना की थी। इस विद्यापीठ ने आज नारी शिक्षा की एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्था का रूप ले लिया है। इसकी स्थापना उनकी बेटी शांता देवी की याद में की गई जिसका पूरा नाम था श्री शांता बाई शिक्षा कुटीर छात्रावास है।

सम्मान

डाक-तार विभाग ने हीरा लाल शास्त्री के मरणोपरांत उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया है।

मृत्यु – हीरा लाल शास्त्री की जीवनी

हीरा लाल शास्त्री की मृत्यु 28 दिसम्बर, 1974 को हुई।

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