आज इस आर्टिकल में हम आपको जयनारायण व्यास की जीवनी – Jai Narayan Vyas Biography Hindi के बारे में बताएगे।
जयनारायण व्यास की जीवनी – Jai Narayan Vyas Biography Hindi
जयनारायण व्यास भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के प्रसिद्ध राजनेता थे।
उन्हे अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण कई बार जेल भी जाना पड़ा था ।
देश के आज़ाद होने के बाद जयनारायण जी 1956 से 1957 तक ‘प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी’ के अध्यक्ष रहे थे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को भी उन्होने कार्य किया था।
जन्म
जयनारायण व्यास का जन्म 18 फरवरी, 1899 ई. को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था।
व्यास जी की पत्नी का नाम श्रीमती गौरजा देवी व्यास था।
इनकी चार संतानें हैं, जिनमें एक पुत्र और तीन पुत्रियाँ हैं।
उस समय देश दासता की जंजीरों में जकड़ा हुआ था।
जयनारायण व्यास राजस्थान के प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानियों में से एक थे।
वे ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने सबसे पहले सामन्तशाही के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और ‘जागीरदारी प्रथा’ की समाप्ति के साथ रियासतों में उत्तरदायी शासन की स्थापना पर बल दिया।
करियर – जयनारायण व्यास की जीवनी
1927 में जयनारायण व्यास ‘तरुण राजस्थान’ पत्र के प्रधान सम्पादक बने और 1936 में उन्होंने बम्बई से ‘अखण्ड भारत’ नामक दैनिक समाचार पत्र निकालना शुरू किया।
देश को आज़ादी दिलाने के लिए जयनारायण व्यास ने क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लिया और कई बार जेल की यात्राएँ कीं। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नमक सत्याग्रह में भाग लेने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
1948 में जयनारायण व्यास ‘जोधपुर प्रजामण्डल’ के प्रधानमंत्री बनाये गये। 1956 से 1957 तक वे ‘प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी’ के अध्यक्ष भी रहे। 1951 से 1954 तक वे राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे।
मृत्यु
14 मार्च, 1963 को दिल्ली में जयनारायण व्यास की मृत्यु हो गई ।
सम्मान
जयनारायण व्यास के सम्मान में उनकी जन्म स्थली जोधपुर में ‘जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय’ आज भी संचालित है।
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राजस्थान के प्रथम विधानसभा चुनाव मे जयनारायण व्यास अपनी दोनों सीटों जोधपुर और जालोर से हार जाते है। जोधपुर में उनके प्रतिद्वंदी के रूप में जोधपुर महाराजा हुनत सिंह एवम जालोर से ठाकुर माधो सिंह होते हैं। दोनो ही जगह सीएम जयनारायण को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ता है।और कांग्रेस को 160 मे से केवल 82 सीट प्राप्त होती हैं।