आज इस आर्टिकल में हम आपको एम.एस. सुब्बालक्ष्मी की जीवनी – M. S. Subbulakshmi Biography Hindi के बारे में बताएगे।
एम.एस. सुब्बालक्ष्मी की जीवनी – M. S. Subbulakshmi Biography Hindi
एम.एस. सुब्बालक्ष्मी कर्नाटक संगीत की मशहूर संगीतकार थीं।
उन्होने 10 साल की उम्र में अपना पहला एल्बम रिकॉर्ड किया।
11 साल की उम्र में सुब्बालक्ष्मी ने अपनी पहली प्रस्तुती दी।
उनकी ख्याति भक्ति संगीत और भजन को लेकर थी।
मीरा के अधिकतर भजनों को उन्ही ने आवाज दी थी।
उन्होने सेवासदन, सावित्री और शकुंतला जैसी फिल्मों में अभिनय किया।
वे भारत रत्न और रमन मैगसेसे अवार्ड से सम्मानित होने वाली पहली संगीताकर बनी।
जन्म
एम.एस. सुब्बालक्ष्मी का जन्म 16 सितम्बर 1916 को मदुरै, तमिलनाडु के मन्दिर में हुआ था।
उनका पूरा नाम मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी था। उनका बचपन का नाम ‘कुंजाम्मा’ था।
उनकी पिता का नाम सुब्रमनिया अय्यर (Subramania Iyer) तथा उनकी माता का नाम शनमुक्वादिवर अम्मल (Shanmukavadiver Ammal) था। 1936 में वह ‘स्वतंत्रता सेनानी सदाशिवम’ से मिलीं और 1940 में उनकी जीवन संगिनी बन गयीं। सदाशिवम के अपनी पहली पत्नी से चार बच्चे थे जिन्हें सुब्बालक्ष्मी ने अपनी संतान की तरह पाला।
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शिक्षा और करियर – एम.एस. सुब्बालक्ष्मी की जीवनी
सुब्बालक्ष्मी बचपन में ही कर्नाटक संगीत से जुड़ गयी थीं और उनका पहला एलबम महज दस साल की उम्र में निकला था। प्रसिद्ध संगीताचार्य ‘सेम्मनगुडी श्रीनिवास अय्यर’ से संगीत की शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने ‘पंडित नारायण राव’ से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। सुब्बालक्ष्मी ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपने गायन का प्रदर्शन एक समारोह के दौरान किया। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए ‘मद्रास संगीत अकादमी’ चली गयी, जहाँ सिर्फ 17 साल की उम्र में भव्य कार्यक्रम आयोजित किये। उन्होंने कन्नड़ के अलावा तमिल, मलयालम, तेलुगू, हिंदी, संस्कृत, बंगाली और गुजराती में भी गीत गाए। उन्होंने 1945 में ‘भक्त मीरा’ नामक फ़िल्म में बेहतरीन भूमिका अदा की। उन्होंने मीरा के भजन को अपने सुरों में पिरोया, जो आज तक लोगों द्वारा सुने जाते हैं
मीरा के अधिकतर भजनों को उन्ही ने आवाज दी थी। उन्होने सेवासदन, सावित्री और शकुंतला जैसी फिल्मों में अभिनय किया।
कर्नाटक संगीत की इस गायिका के सुरीली आवाज के लाखों प्रशंसक हैं. उन्होने छोटी आयु से संगीत का शिक्षण आरंभ किया, और दस साल की उम्र में ही उनका पहला डिस्क रिकॉर्ड किया। इसके बाद उन्होने शेम्मंगुडी श्रीनिवास अय्यर से कर्णाटक संगीत में, तथा पंडित नारायणराव व्यास से हिंदुस्तानी संगीत में उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होने सत्रह साल की आयु में चेन्नई की विख्यात म्यूज़िक अकैडेमी में संगीत कार्यक्रम पेश किया।
संगीत के इलावा श्रीमती सुब्बालक्ष्मी ने कई फ़िल्मों में भी अभिनय किया। इनमें सबसे यादगार है 1945 की मीरा फ़िल्म, जिसमें उनकी मुख्य भूमिका थी। उनका मीराबाई का किरदार हमेशा यादगार रहेगा।
लता मंगेशकर ने उन्हे ‘तपस्विनी’ कहा, उस्ताद बडे ग़ुलाम अली ख़ां ने आपको ‘सुस्वरलक्ष्मी’ पुकारा, तथा किशोरी आमोनकर ने आपको ‘आठ्वां सुर’ कहा, जो संगीत के सात सुरों से ऊंचा है। महात्मा गांधी और पंडित नेहरु भी आपके संगीत के प्रशंसक थे।
फिल्में (Movies)
- Meera – 1945
- Sakuntalai – 1940
- Sevasadanam – 1938
- Savithiri – 1941
- The Wife – 1941
- Swararchana: The Musical Legend M.S. Subbulakshmi – 2005
- Lakshminarayana Global Music Festival: L. Subramaniam, Pandit Jasraj & Kavita Krishnamurthy – 2004
- Sakunthalai
- Lakshminarayana Global Music Festival: M.S. Subbulakshmi & Bismillah Khan – 1992
एम.एस. सुब्बालक्ष्मी की जीवनी – M. S. Subbulakshmi Biography Hindi
गाने (Songs)
Vishnu Sahasranamam | Bhaja Govindam | Hanuman Chalisa |
Deva Devam Bhaje | Lakshmi Ashtothram | Bhavamu Lona |
Jagadodharana | Shrimannarayana | Ganesa Pancharatnam |
Deva Devam | Bhavayami | Bhaja Govindham – Ragamalika – Aadi |
Madhurashtakam | Brahma Kadigina Paadamu | Suprabhatam |
Nama Ramayana | Maitreem Bhajata | Dolayam |
Akhilandeshwari | Brahma Kadigina | Narayana |
Rama Nannu Brovara | Sri Venkateshwara Suprabhatham | Govindashtakam |
Nama Ramayana – Ragamalika | Pakkala Nilabadi | Kurai Onrum Illai |
Jo Achyuthananda Jo Jo Mukunda | Vishnu Sahasranamam – Stotram | Olipadaitta Kanninaai |
- Sri Rangapura Vihara – Brindaavana Saranga – Rupakam
- Bhavayami Gopala Balam – Yamuna Kalyani – Khanda Chapu
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पुरस्कार
- उन्हें मद्रास संगीत अकादमी ने संगीत कलानिधि की उपाधि से अंलकृत किया था।
- 1974 में उन्हें ‘रेमन मेगसेसे’ पुरस्कार प्राप्त हुआ
- 1990 में राष्ट्रीय एकता के लिए उन्हें इंदिरा गांधी अवार्ड दिया गया।
- 1954 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- 1956 में संगीत नाटक अकादमी सम्मान नवाजा गया।
- 1974 में रैमन मैग्सेसे सम्मान
- 1975 में पद्म विभूषण
- 1988 में कैलाश सम्मान
- 1998 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- इसके अतिरिक्त कई विश्वविद्यालयों ने उन्हें मानद उपाधि से सम्मानित किया।
मृत्यु – एम.एस. सुब्बालक्ष्मी की जीवनी
एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी की 88 साल की उम्र में 11 दिसंबर, 2004 को मृत्यु हो गई।
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