आज इस आर्टिकल में हम आपको मधुबाला की जीवनी – Madhubala Biography Hindi के बारे में बताएगे।
मधुबाला की जीवनी – Madhubala Biography Hindi
(English – Madhubala)मधुबाला प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं।
मधुबाला भारतीय फ़िल्म इतिहास की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं।
उहोने मुग़ल-ए-आज़म’, ‘हावडा ब्रिज’, ‘काला पानी’ तथा ‘चलती का नाम गाडी जैसी फ़िल्मों में काम किया।
संक्षिप्त विवरण
नाम | मधुबाला |
पूरा नाम,
अन्य नाम |
मुमताज़ जहाँ बेगम देहलवी
वीनस क्वीन |
जन्म | 14 फरवरी, 1933 |
जन्म स्थान | दिल्ली, भारत |
पिता का नाम | अताउल्लाह ख़ान |
माता का नाम | आयशा बेगम, मुमताज जहां |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु मृत्यु स्थान |
23 फरवरी 1969
मुंबई |
मृत्यु कारण |
दिल में छेद |
जन्म – मधुबाला की जीवनी
मधुबाला का जन्म 14 फरवरी, 1933 को दिल्ली में हुआ।
उनका पूरा नाम मुमताज़ जहाँ बेगम देहलवी था।
उनके पिता का नाम अताउल्लाह ख़ान था जोकि दिल्ली में एक कोचमैन के रूप मे कार्यरत थे।
मधुबाला अपने माता-पिता की 5वीं सन्तान थी। उनके माता-पिता के कुल 11 बच्चे थे।
मधुबाला का विवाह किशोर कुमार से हुआ।
करियर की शुरुआत
1942 में Madhubala को बतौर बाल कलाकार बेबी मुमताज़ के नाम से फ़िल्म ‘बसंत’ में काम करने का मौक़ा मिला। बेबी मुमताज़ के अभिनय से प्रभावित होकर हिन्दी फ़िल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री देविका रानी ने उनसे अपने बैनर ‘बाम्बे टाकीज’ की फ़िल्म ‘ज्वार भाटा’ में काम करने की पेशकश की लेकिन मधुबाला उस फ़िल्म मे काम नहीं कर सकी।
मधुबाला को फ़िल्म अभिनेत्री के रूप में पहचान निर्माता निर्देशक केदार शर्मा की वर्ष 1947 मे प्रदर्शित फ़िल्म ‘नील कमल’ से मिली। इस फ़िल्म के असफल होने से भले ही वह कुछ ख़ास पहचान नहीं बना पायीं लेकिन बतौर अभिनेत्री उनका सिने कैरियर अवश्य शुरू हो गया।
1949 तक मधुबाला की कई फ़िल्में प्रदर्शित हुई लेकिन इनसे मधुबाला को कुछ ख़ास फ़ायदा नहीं हुआ। वर्ष 1949 मे बॉम्बे टाकीज के बैनर तले बनी फ़िल्म ‘महल’ की कामयाबी के बाद मधुबाला फ़िल्म इंडस्ट्री मे अपनी पहचान बनाने में सफल हो गयीं। इस फ़िल्म का एक गीत ‘आयेगा आने वाला…’ सिने दर्शक आज भी नहीं भूल पाये है।
1950 से 1957 तक का वक्त मधुबाला के सिने कैरियर के लिये बुरा साबित हुआ। इस दौरान उनकी कई फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल हो गयीं।
लेकिन 1958 में उनकी फागुन, हावडा ब्रिज, काला पानी तथा चलती का नाम गाड़ी की सफलता ने एक बार फिर मधुबाला को शोहरत की बुंलदियों पर पहुँचा दिया। फ़िल्म हावड़ाब्रिज में मधुबाला ने क्लब डांसर की भूमिका अदा कर दर्शकों का मन मोह लिया।
इसके साथ ही वर्ष 1958 में हीं प्रदर्शित फ़िल्म चलती का नाम गाड़ी में उन्होंने अपने कॉमिक अभिनय से दर्शकों को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया।
प्रमुख फ़िल्में
वर्ष | फ़िल्म का ना |
---|
1934 | बगदाद का चोर |
1936 | शहीद-ए-मोहब्बत |
1942 | बसंत |
1944 | मुमताज महल |
1945 | धन्ना भगत |
1946 | राजपूतानी |
1946 | पुजारी |
1946 | फुलवारी |
1947 | सात समुंदरों की मलिका |
1947 | मेरे भगवान |
1947 | खूबसूरत दुनिया |
1947 | दिल की रानी |
1947 | चित्तौड़ विजय |
1947 | नील कमल |
1948 | पराई आग |
1948 | लाल दुपट्टा |
1948 | देश सेवा |
1948 | अमर प्रेम |
1949 | सिपहिया |
1949 | सिंगार |
1949 | पारस |
1949 | नेकी और बदी |
1949 | महल |
1949 | इम्तिहान |
1949 | दुलारी |
1949 | दौलत |
1949 | अपराधी |
1950 | परदेश |
1950 | निशाना |
1950 | निराला |
1950 | मधुबाला |
1950 | हँसते आँसू |
1950 | बेकसूर |
1951 | तराना |
1951 | सैंया |
1951 | नाज़नीन |
1951 | नादान |
1951 | खजाना |
1951 | बादल |
1951 | आराम |
1952 | साकी |
1952 | संगदिल |
1953 | रेल का डिब्बा |
1953 | अरमान |
1954 | बहुत दिन हुये |
1954 | अमर |
1955 | तीरंदाज |
1955 | नकाब़ |
1955 | नाता |
1956 | शीरी फरहाद |
1956 | राज हठ |
1956 | ढाके का मलमल |
1957 | यहूदी की लड़की |
1957 | गेटवे आफ इंडिया |
1957 | एक साल |
1958 | पोलिस |
1958 | फागुन |
1958 | कालापानी |
1958 | हावड़ा ब्रिज |
1958 | चलती का नाम गाड़ी |
1958 | बाग़ी सिपाही |
1959 | कल हमारा है |
1959 | इंसान जाग उठा |
1959 | दो उस्ताद |
1960 | महलों के ख्वाब |
1960 | जाली नोट |
1960 | बरसात की रात |
1960 | मुग़ल ए आज़म |
1961 | पासपोर्ट |
1961 | झुमरू |
1961 | ब्वाय फ्रेंड |
1962 | हाफ टिकिट |
1964 | शराबी |
1971 | ज्वाला |
विवाद
एक बार उनके पिता ने मधुबाला को बी. आर. चोपड़ा की फिल्म नया दौर (1957) की भोपाल में शूटिंग करने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि उस फिल्म में दिलीप कुमार मुख्य अभिनेता के रूप में थे और उनके पिता को मधुबाला और दिलीप की नजदीकियां पसंद नहीं थी।
बी. आर चोपड़ा ने अपनी फिल्म के लिए मधुबाला को एडवांस में रुपए दिए हुए थे, जिसके चलते दिलीप कुमार और बी. आर चोपड़ा ने मिलकर मधुबाला के खिलाफ अदालत में केस दायर किया।
मृत्यु – मधुबाला की जीवनी
मधुबाला जी का निधन 23 फरवरी 1969 को मुम्बई में हुआ।
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