आज इस आर्टिकल में हम आपको Raghuram Rajan राजन की जीवनी – Raghuram Rajan Biography Hindi के बारे में बताएगे।
राजन की जीवनी – Raghuram Rajan Biography Hindi
Raghuram Rajan भारतीय रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर हैं।
उन्होने आइआइटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और आइआइएम अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर किया।
1991 में मैसाचुसेटस से अर्थशास्त्र में पीएचडी की। 2003 – 07 तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश में आर्थिक सलाहाकर रहे।
2012 में वित मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहाकर बनाय गए। 2013 -16 तक आरबीआई गवर्नर रहे। टाइम ने सौ प्रभावशाली लोगों में स्थान दिया। उन्हे कई सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। उन्होने आर्थिक मामलों पर कई पुस्तकें भी लिखी है। वे फिलहाल शिकागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है।
जन्म
Raghuram Rajan का जन्म 3 फरवरी 1963 को भोपाल में हुआ था।
उनके पिता का नाम आर गोविंद राजन तथा उनकी माता का नाम मैथिली है।
उनके पिता इंटेलिजेंस ब्यूरो में भारत में एक वरिष्ठ अधिकारी थे।
उनका एक भाई और बहन भी है। Raghuram Rajan की पत्नी का नाम राधिका है। उनके दो बच्चे है।
शिक्षा
जन्म के बाद से वे लगातार अपने परिवार के साथ श्रीलंका, इंडोनेशिया तथा बेल्जियम घूमते रहे और इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी चलती रही। 1974 में उन्होंने बेल्जियम से भारत आकर अपनी बाकी पढ़ाई दिल्ली से की।
1985 में उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री हासिल की। इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेण्ट, अहमदाबाद से उन्होंने 1987 में एम॰बी॰ए॰ किया। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 1991 में उन्होंने अर्थशास्त्र विषय में पीएच॰डी॰ की।
करियर – राजन की जीवनी
Raghuram Rajan स्नातक के बाद ही शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में बतौर फैकल्टी बने। 2003 में वे इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) में सबसे कम उम्र के आर्थिक सलाहकार और शोध के निदेशक बने। 2003 – 07 तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश में आर्थिक सलाहाकर रहे।
2003 में अमेरिकन फिनांस एसोसिएशन द्वारा 40 वर्ष के कम उम्र के अर्थशस्त्रियों के लिए किए गए अवॉर्ड शो कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्हें सेंटर फॉर फिनांस स्टडी द्वारा फिनॉस इकॉनोमिक्स में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए 5वीं ड्यूश बैंक पुरस्कार दिया गया।
Raghuram Rajan ने 2005 में यूएस फेडरल रिजर्व में क्रिटिकल ऑफ द फिनॉसियल सेक्टर विषय पर एक शोध पेपर पेश किया। 2008 में आए आर्थिक संकट से उबारने में उनका अनुभव काम आया। इसके बाद 2009 में द वॉल स्ट्रीट जनरल में उनके बारे में छपा जिसके बाद उन्होंने अकादमी पुरस्कार विजेता दस्तावेजिक फ़िल्म इनसाईड जॉब के लिए साक्षात्कार दिया।
2008 में वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए और उसी साल उनकी अध्यक्षता में हाई लेवल कमेटी ऑन फिनांसियल रिफॉम की बैठक हुई जिसकी अंतिम रिपोर्ट प्लानिंग कमिशन को सौंपी गई।
2011 मे़ं वे अमेरिकन फाइनेंस ऐसोसिएशन के अध्यक्ष थे तथा वर्तमान समय में अमेरिकन अकैडमी ऑफ आर्ट्स एण्ड साइंसेज़ के सदस्य हैं। 2012 में वे भारतीय फिनांस मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के प्रमुख नियुक्त हुए। Raghuram Rajan ने यूरोप तथा US में 2008 के दौरान आए आर्थिक संकट को लेकर 2008-12 की समयावधि के लिए रिसर्च पेपर लिखा जिसमें इस आर्थिक संकट के कारणों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
4 सितम्बर 2013 को पदभार ग्रहण करने के बाद अपने प्रथम भाषण में ही राजन ने भारतीय बैंकों की नयी शाखाएँ खोलने के लिये लाईसेंस प्रणाली की समाप्ति की घोषणा कर दी।
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पुस्तकें
- The Third Pillar – 2019
- I Do What I Do – 2017
- Fault Lines: How Hidden Fractures Still Threaten the World Economy – 2010
- Saving Capitalism from the Capitalists – 2003
- The Squam Lake Report: Fixing the Financial System – 2010
- What the Economy Needs Now – 2019
- What Undermines Aid’s Impact on Growth? Raghuram Rajan – 2005
- Controlled Capital Account Liberalization: A Proposal Raghuram Rajan – 2005
- India’s Pattern of Development: What Happened, What Follows? Raghuram Rajan – 2006
- Modernizing China’s Growth Paradigm Raghuram Rajan – 2006
- The Real Effect of Banking Crises Raghuram Rajan – 2005
- Aid and Growth: What Does the Cross-Country Evidence Really Show? Raghuram Rajan – 2005
- (EPub) Raghuram Rajan – 2003
- raghuram rajan financial fire sales: evidence from bank failures – 2014
- Business Environment and Firm Entry: Evidence from International Data Raghuram Rajan – 2004
पुरस्कार – राजन की जीवनी
- उन्हे 2011 में नासकोम द्वारा ग्लोबल इंडियन ऑफ़ द ईयर से नवाजा गया।
- 2012 में उन्हे इन्फोसिस द्वारा आर्थिक विज्ञान के लिए सम्मान से सम्मानित किया गया।
- 2013 वित्तीय अर्थशास्त्र के लिए सैंटर फ़ॉर फ़ाइनेंशियल स्टडीज़, ड्यूश बैंक सम्मान प्रकाशन।
- 2014 में उन्हें एक केन्द्रिय बैन्किङ विती पत्रिका ने “साल के सर्वश्रेष्ठ राज्यपाल” का पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
- 2016 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बैंकर पुरस्कार ‘दि बैंकर” द्वारा प्राप्त हुआ।
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