सचिन देव बर्मन की जीवनी – Sachin Dev Burman Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको सचिन देव बर्मन की जीवनी – Sachin Dev Burman Biography Hindi के बारे में बताएगे।

सचिन देव बर्मन की जीवनी – Sachin Dev Burman Biography Hindi

सचिन देव बर्मन की जीवनी - Sachin Dev Burman Biography Hindi

सचिन देव बर्मन बांग्ला और हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार तथा गायक थे।

1933 से 1975 तक वे बंगाली व हिन्दी फ़िल्मों में सक्रिय रहे।

1930 के दशक में उन्होंने कोलकाता में “सुर मंदिर” नाम से अपने संगीत विद्यालय की स्थापना की।

उन्होंने राज कुमार निर्शोने के लिये 1940 में एक बंगाली फ़िल्म में संगीत भी दिया।

उनकी प्रमुख फिल्मों में मिली, अभिमान, ज्वैल थीफ़, गाइड, प्यासा, बंदनी, सुजाता, टैक्सी ड्राइवर जैसी अनेक इतिहास बनाने वाली फिल्में शामिल हैं। उन्हे 1970 में फिल्म आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।

जन्म

सचिन देव बर्मन का जन्म 1 अक्टूबर 1906 को त्रिपुरा, बांग्लादेश में हुआ था।

मुम्बई के संगीतकारों के लिये ‘बर्मन दा’, बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के रेडियो श्रोताओं में ‘शोचिन देब बोर्मोन’, सिने जगत में ‘एस.डी. बर्मन’ और ‘जींस’ फ़िल्मी फ़ैन वालों में ‘एस.डी’ के नाम से प्रसिद्ध थे।

उनके पिता का नाम नबद्वीप चंद्र देव बर्मन तथा उनकी निर्मला देवी था।

उन्होने 1938 में गायिका मीरा के साथ शादी की। उनके बेटे का नाम राहुल देव बर्मन है।

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शिक्षा

सचिन देव बर्मन की प्रारम्भिक  शिक्षा अगरतला के कुमार बोर्डिंग स्कूल में हुई थी।

इसके बाद उन्होंने युसूफ स्कूल और कोमिल्ला जिला से अपनी पढाई पूरी की।

एस. डी. बर्मन ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से बी. ए. की शिक्षा प्राप्त की।

इसके अलावा उन्होने शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, मुरली वादक, पाश्चात्य संगीत की शिक्षा प्राप्त की।

  • शास्त्रीय संगीत –शास्त्रीय संगीत की शिक्षा एस. डी. बर्मन ने अपने पिता व सितार-वादक नबद्वीप चंद्र देव बर्मन से ली। उसके बाद एस. डी. बर्मन उस्ताद बादल खान और भीष्मदेव चट्टोपाध्याय के यहाँ शिक्षित हुए और इसी शिक्षा से उनमें शास्त्रीय संगीत की जड़ें पक्की हुई यह शिक्षा उनके संगीत में बाद में दिखाई भी दी।
  • लोक संगीत – एस. डी. बर्मन अपने पिता की मृत्यु के पश्चात् घर से निकल गये और असम व त्रिपुरा के जंगलों में घूमें। जहाँ पर उनको बंगाल व आसपास के लोक संगीत के विषय में अपार जानकारी हुई।[3]
  • मुरली वादक –  उन्होने उस्ताद आफ़्ताबुद्दीन ख़ान के शिष्य बनकर मुरली वादन की शिक्षा ली। और वह मुरली वादक बने।
  • पाश्चात्य संगीत –  हिन्दी और बांग्ला फ़िल्मों में सचिन देव बर्मन ऐसे संगीतकार थे जिनके गीतों में लोकधुनों, शास्त्रीय और रवीन्द्र संगीत का स्पर्श था, वहीं एस. डी. बर्मन पाश्चात्य संगीत का भी बेहतरीन मिश्रण करते थे।

करियर – सचिन देव बर्मन की जीवनी

सचिन देव बर्मन ने अपने करियर की शुरूआत कलकत्ता रेडियो स्टेशन पर गायक के तौर पर की।

यहीं पर से उनका बंगाल के लोक संगीत से जुड़ाव शुरू हुआ जो कि उनके प्रसिद्द गानों में भी सुनाई देता हैं।

साल 1932 में उनके द्वारा रिकॉर्ड किया गया पहला गाना “खमाज” रिलीज़ किया गया. इस दौरान वह

एस॰डी॰ बर्मन की 31 अक्टूबर 1975 को 69 साल की उम्र में ब्रेन स्टोक होने से मृत्यु हो गयी थी.फिल्म के अपने करियर में सर्वश्रेष्ठ दौर में पहुंचे। उन्होंने 2 साल में 131 गाने रिकॉर्ड किये।

बंगाली फिल्मों में नाम कमाने के बाद वह 1944 में कलकत्ता से मुंबई की और रवाना हुए। यहाँ सशाधर मुखर्जी की दो फिल्मों में संगीत दिया। लेकिन हिंदी फिल्मों में उन्हें नाम और शोहरत 1947 में आई फिल्म दो भाई के जरिये मिली।

1933 से 1975 तक वे बंगाली व हिन्दी फ़िल्मों में सक्रिय रहे। उनकी प्रमुख फिल्मों में मिली, अभिमान, ज्वैल थीफ़, गाइड, प्यासा, बंदनी, सुजाता, टैक्सी ड्राइवर जैसी अनेक इतिहास बनाने वाली फिल्में शामिल हैं।

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फिल्में

Sudurer Priye – 19 Rajgee – 1937 Jakher Dhan – 1939 Amar Geeti – 1940
Nari – 1940 Rajkumarer Nirbashan – 1940 Pratishodh – 1941 Ashok – 1942
Avayer Biye – 1942 Jibon Sangini – 1942 Mahakavi Kalidas – 1942 Milan – 1942
Jajsaheber Nathni – 1943 Chhadmabeshi – 1944 Maatir Ghar – 1944 Pratikar – 1944
Kalankini – 1945 Matrihara – 1946 Eight Days – 1946 Shikari – 1946
Dil Ki Rani – 1947 Do Bhai – 1947 Chittor Vijay – 1947 Vidya – 1948
Shabnam – 1949 Kamal – 1949 Mashaal / Samar – In Bengali – 1950 Afsar – 1950 – Navketan’s first production
Pyar – 1950 Buzdil – 1951 Sazaa – 1951 Naujawan – 1951
Baazi – 1951 Bahar – 1951 Ek Nazar – 1951 Jaal – 1952
Lal Kunwar – 1952 Armaan – 1953 Shahenshah – 1953 Babla – 1953
Jeevan Jyoti – 1953 Taxi Driver – 1954 Angaarey – 1954 Radha Krishna – 1954
Chalis Baba Ek Chor – 1954 Devdas – 1955 Munimji – 1955 House No.44 – 1955
Society – 1955 Mad Bhare Nain – 1955 Funtoosh – 1956 Paying Guest – 1957
Pyaasa – 1957 Nau Do Gyarah – 1957 Miss India – 1957 Solva Saal – 1958
Lajwanti – 1958 Chalti Ka Naam Gaadi – 1958 Kala Pani – 1958 Sitaron Se Aage – 1958
Sujata – 1959 Kaagaz Ke Phool – 1959 Insaan Jaag Utha – 1959 Manzil – 1960
Kala Bazar – 1960 Bombai Ka Babu – 1960 Miyan Biwi Razi – 1960 Apna haath jagannath – 1960
Bewaqoof – 1960 Ek Ke Baad Ek – 1960 Baat Ek Raat Ki – 1962 Dr.Vidya – 1962
Naughty Boy – 1962 Bandini – 1963 Meri Surat Teri Ankhen – 1963 Tere Ghar Ke Samne – 1963
Ziddi – 1964 Kaise Kahoon – 1964 Benazir – 1964 Teen Devian – 1965
Guide – 1965 Jewel Thief – 1967 Talash – 1969 Aradhana – 1969
Jyoti – 1969 Prem Pujari – 1970 Ishq Par Zor Nahin – 1970 Gambler – 1971
Naya Zamana – 1971 Sharmilee – 1971 Chaitali – 1971 Tere Mere Sapne – 1971
Yeh Gulistan Hamara – 1972 Zindagi Zindagi – 1972 Anuraag – 1972 Abhimaan – 1973
Jugnu – 1973 Chhupa Rustam – 1973 Phagun – 1973 Us Paar – 1974
Prem Nagar – 1974 Sagina – 1974 Chupke Chupke – 1975 Mili – 1975
Barood – 1976 Arjun Pandit – 1976 Tyaag – 1976

पुरस्कार – सचिन देव बर्मन की जीवनी

  • 1969 में उन्हे पद्मश्री सेसम्मानित किया गया।
  • उन्हे 1970 में फिल्म आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।
  • 1970 और 1974 में नेशनल अवार्ड्स
  • 1954 और 1973 फिल्मफेयर अवार्ड

मृत्यु

सचिन देव बर्मन की मृत्यु 69 साल की उम्र में 31 अक्टूबर 1975 को  ब्रेन स्टोक होने से हुई

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